जुड़वा बच्चे पैदा करने के 6 टिप्स
जुड़वा बच्चे पैदा होना अपने आप में काफी अनोखी बात होती है. कौन सी तकनीक होती हैं जिनकी मदद से जुड़वा बच्चे हो सकते हैं.
जुड़वा बच्चे होने के लिए महिलाओं को कौन-कौन से तत्व की आवश्यकता शरीर में होती है.
कौन-कौन सी ऐसी मेडिसिंस होती है, जिनका प्रयोग जुड़वा बच्चों को पैदा करने के लिए किया जा सकता है .
कौन-कौन सी जड़ी बूटियां यह कार्य कर सकती है.
तकनीक
जुड़वा बच्चों की गर्भावस्था मेडिकल साइंस की कुछ तकनीकों के द्वारा भी प्राप्त की जा सकती है.
आईवीएफ : गर्भावस्था धारण कर आने की एक मेडिकल तकनीक है जिसके द्वारा एक से ज्यादा भूख को भी गर्भावस्था में आरोपित किया जा सकता है.
आईयूआई : इस तकनीक में सिरिंज द्वारा शुक्राणुओं को गर्भावस्था में आरोपित किया जा सकता है. इससे जुड़वा गर्भ की संभावना तो नहीं बढ़ जाती है लेकिन अगर एक से ज्यादा अंडे अवेलेबल हो तो जुड़वा गर्भावस्था हो सकती है. क्योंकि इसमें डायरेक्ट स्पर्म को सही स्थान पर पहुंचाया जाता है.
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जुड़वा गर्भावस्था के कारक तत्व
फोलिक एसिड किसी भी गर्भवती स्त्री के लिए अत्यधिक आवश्यक तत्व होता है. यह महिलाओं को प्रेगनेंसी के काफी पहले से ही लेना शुरू कर देना चाहिए. यह गर्भावस्था की प्रोसेस को भी सुगम बनाता है. इसे अनुपूरक के रूप में लिया जा सकता है. एक से ज्यादा अंडे भी एक समय में अगर आरोपित होते हैं तो जुड़वा गर्भावस्था की संभावना काफी ज्यादा रहती है.
गोनैडोट्रॉपिंस
यह भी एक प्रकार का हार्मोन से जो की दवाइयों के द्वारा भी दिया जा सकता है. यह अंडो को स्वस्थ करने का कार्य करता है. इस वजह से 1 से ज्यादा अंडे भी आरोपित हो सकते हैं. जिससे जुड़वा गर्भावस्था की संभावना बढ़ती है.
प्रोजेस्टेरोन
यह गर्भाशय की लिनिंग (गर्भाशय के अंदर की लेयर) को मजबूत करता है, जिससे जुड़वां बच्चे होने की संभावना बढ़ती है.
जुड़वा बच्चों की संभावना को बढ़ाने की दवाई और जड़ी बूटियां, यह कुछ दवाएं हम बता रहे हैं, जो कि गर्भावस्था को प्रेरित करने के लिए डॉक्टर देते हैं. क्योंकि गर्भावस्था एक पूरी प्रोसेस है तो इसमें अलग-अलग हिस्से के विकास के लिए, गर्भावस्था को एक्टिवेट करने के लिए दवाइयां दी जाती है. यह क्या काम करती हैं, यह तो डॉक्टर ही बताए तो ज्यादा अच्छा है, लेकिन थोड़ा सा हम बीच में आपको आपको आईडिया दे रहे हैं.
क्लोमिड, ह्यूमगन , परलोडेल , पेर्गोनल . यह कुछ प्रजनन क्षमता को बढ़ाने की दवाइयां है और भी दूसरे नामों से आपको बाजार में मिल सकती है, जैसे कि –
क्लोमिड यह तो जानी-मानी दवाई है यह भी प्रजनन क्षमता को उत्तेजित करती है, जिससे जुड़वा बच्चों की संभावना बढ़ जाती है.
इनमें से कुछ दवाइयां हारमोंस के प्रोडक्शन को बढ़ाती हैं कुछ दवाई है हारमोंस को उत्तेजित करती हैं ताकि यह अपना कार्य सुचारू रूप से कर सके.
इनमें से कुछ दवाइयां ओवुलेशन पीरियड को नियमित करने का कार्य करती है कुछ मेडिसन अंडो का पोषण करती है उन्हें स्वस्थ बनाती है ताकि वह अधिक मात्रा में बाहर आ सके और गर्भाधान हो सके.
दूसरा की शरीर अपने आप में ही इनके बिना भी गर्भाधान करने में सक्षम होता है लेकिन जब बाहर से कोई इनपुट मिलता है तो ऐसा हो सकता है कि शरीर एक की जगह दो बच्चों का गर्भाधान कर ले.
कुछ आयुर्वेदिक औषधियां कह लो या जड़ी बूटियां कह लो जो कि हमारे आसपास ही मिलती हैं उनके द्वारा भी ऐसा हो सकता है कि उनका प्रयोग करने से आपको जुड़वा बच्चों की प्राप्ति हो पाए.
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अलसी का तेल
स्त्री और पुरुष की क्षमता को बढ़ाने के लिए अलसी के तेल का प्रयोग किया जा सकता है. यह बड़ा ही प्राकृतिक तरीका है. यह हार्मोनअल उत्पादन को नियंत्रित करता है किसी भी कार्य के लिए कोई भी चीज नियमित मात्रा में ही चाहिए होती है ना ज्यादा ना कम उस को नियंत्रित करता है.
साथ ही महिला के मासिक चक्र को भी नियमित बनाए रखता है प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन हार्मोन को भी संतुलित करता है इन सब की वजह से जुड़वा गर्भावस्था हो सकती है.
मीठा कसावा
ह भी क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है यह ओवुलेशन को उत्तेजित करने का कार्य करता है. इसकी वजह से एक से ज्यादा अंडे एक समय में बाहर आ सकते हैं, और जुड़वा बच्चे हो सकते हैं.
ईवनिंग प्रिमरोज तेल
क्षमता बढ़ाने के लिए इस तेल का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है. यह स्वस्थ सर्विकल म्यूकस के उत्पादन में मदद करता है. स्वस्थ सर्विकल म्यूकस की वजह से स्पर्म ओवरी में ज्यादा दिनों तक रह पाते हैं.
लिकोरिस
यह बूटी महिला की मासिक चक्र की समस्या को समाप्त करती है नियमित करती है. इससे आप अपना ओवुलेशन पीरियड पहचान सकते हैं यह प्रेगनेंसी हारमोंस को भी नियंत्रित करती है कहीं ना कहीं जुड़वा प्रेगनेंसी को सहायता करते हैं.
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