प्रेगनेंसी के चौथे महीने लक्षण और क्या खाएं, क्या नहीं खाएं

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दोस्तों प्रेगनेंसी के 3 महीने बीत जाने के बाद चौथा महीना शुरू हो चुका है इस महीने के भी अपने चैलेंज होते हैं प्रेगनेंसी के चौथे महीने में किस किस बात का ध्यान रखना चाहिए.
इस ARTICLE के माध्यम से हम चर्चा करने वाले हैं


चौथे महीने में कौन-कौन से लक्षण महिला के अंदर नजर आते हैं 
महिला चौथे महीने में क्या खाएं क्या नहीं खाएं 

इस संबंध में,आइए चर्चा करते हैं….
प्रेगनेंसी के चौथे महीने लक्षण और क्या खाएं, क्या नहीं खाएं

प्रेगनेंसी के चौथे महीने के लक्षण – Pregnancy ke 4th Month ke Lakshan

  • गर्भावस्था का चौथा महीना शुरू होते होते महिला को जी मिचलाना उल्टी और बहुत सारी समस्याएं, अपच जैसी समस्याएं समाप्त होने लगती हैं.  लेकिन इस दौरान आपको अपनी सेहत का खास तौर पर ध्यान रखने की जरूरत होती है
  • कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के समय चौथे महीने में सीने में जलन अर्थात हार्टबर्न की समस्या देखने को मिल सकती है.
  •  कुछ महीनों कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरू के 3 महीने खाने की इच्छा नहीं होती थी उनके साथ ऐसा हो सकता है कि उन्हें भूख ठीक-ठाक लगने लगे और उनकी भूख बढ़ जाए इस वजह से आपका वजन भी बढ़ सकता है. अपने खाने में ऐसी चीजों को शामिल करें जो पोस्टिको हो. ज्यादा कैलरी अपने भोजन के माध्यम से ना लें.
  • अपच की समस्या गर्भावस्था के चौथे महीने में काफी ज्यादा होती है यह डिलीवरी तक रह सकती है अक्सर महिलाओं को कब्ज की परेशानी आती जाती रहेगी.
  •  जैसा कि पिछली तिमाही में चक्कर आना उल्टी आना जी मिचलाना इस तरह की शिकायतें रहा करती थी जिससे महिला काफी परेशान रहती थी यह समस्याएं कम होने लगेंगी महिला अपने आप को एनर्जेटिक महसूस करेगी.

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प्रेगनेंसी के चौथे महीने क्या खाएं – Pregnancy ke 4th Month me kya Khaye

  • प्रेगनेंसी का चौथा महीना हो या कोई सा भी महीना हो . महिला को पौष्टिक डाइट लेनी चाहिए.
  • चौथे महीने में महिलाओं को फलों का खूब सेवन करना चाहिए. फलों में विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. पानी भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है. महिलाओं को इन सब की बहुत जरूरत होती है.
  • महिलाओं को चौथे महीने में, मां और बच्चे दोनों की सेहत को ध्यान में रखते हुए अधिक कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने के लिए दूध और दूध से बने उत्पाद को लेना चाहिए.
  • डॉक्टर का की महिला को विटामिन डी और कैल्शियम की गोलियां अर्थात अनुपूरक भी सजेस्ट करते हैं. आप दूध, दूध से बने फूड प्रोडक्ट का इस्तेमाल कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए कर सकते हैं.  आप दिन में रोजाना दो गिलास दूध पी सकती हैं और दूसरे फूड प्रोडक्ट जैसे कि पनीर और दही का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.
  • अगर आप मांसाहार का सेवन कर सकती हैं और आपको मतली की समस्या नहीं है, तो आप मीट को अच्छे ढंग से पका कर खाने के लिए प्रयोग कर सकती हैं.
  • आप अगर प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में हैं, तो आपको उच्च मात्रा में फाइबर का सेवन करना चाहिए। साबुत अनाज, ओट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां व जई आदि फाइबर युक्त आहार हैं। अतः इनका सेवन आपको पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए.
  • फोलिक एसिड समय से पूर्व डिलीवरी की आशंका को दूर करता है और बच्चे के मस्तिष्क के विकास में भी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है इसके लिए डॉक्टर आपको अनुपूरक दे सकते हैं.
  • साथ ही साथ आप अपने भोजन में ऐसा भोज्य पदार्थ शामिल करें जिसके अंदर फोलिक एसिड उचित मात्रा में उपलब्ध होता है जैसे कि मरकरी रहित समुंद्री मछली, कद्दू के बीज, अखरोट, सोया खाद्य पदार्थ इन सम में फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होता है.
  • आयरन,  ब्लड की उचित मात्रा की उपलब्धता बनी रहे इसके लिए आवश्यक होता है इसलिए अपने भोजन में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को भी शामिल करना महिला को नहीं भूलना चाहिए डॉक्टर भी आयरन के लिए अनुपूरक सजेस्ट करते हैं लेकिन महिला अपने भोजन के द्वारा भी इसकी कमी को पूरा कर सकती है इसके लिए गर्भवती स्त्री को दालें पालक और फल के रूप में सेव पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए.

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प्रेगनेंसी के चौथे महीने क्या नहीं खाएं – Pregnancy ke 4th Month me Kya nahi Khana hai

  • महिलाओं को दूध से बने ऐसे आइटम खाने से बचना चाहिए जो गैर पॉश्चयरकृत दूध से बनता है.
  • महिला को मैदा से बने फूड आइटम खाने से बचना चाहिए जैसे कि समोसे मटरी या दूसरी चीजें. मैदा आंत में जाकर चिपक जाती है, और अपच की समस्या को और बढ़ा देती है. कब्ज से पैदा करती है.
  • गर्भावस्था में मुलेठी का सेवन करना बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे बच्चे का दिमागी विकास प्रभावित होता है.
  • प्रेगनेंसी में महिला को बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए हमारा मतलब है स्ट्रीट फूड इसके संक्रमित होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है यह शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकता है और इसमें पौष्टिकता भी नहीं होती है.
  • जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि अगर आप मांसाहार का प्रयोग करते हैं तो उच्च मरकरी युक्त मछलियों को अपने भोजन में खाने से बचना चाहिए.

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