हमारी कुछ माता और बहनों को प्रेगनेंसी के दौरान मीठा खाने की बहुत ज्यादा इच्छा होती है, और इसके लिए सबसे आसान साधन हमारे पास चीनी है. चीनी का स्वाद हर एक व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसंद आता है और लगभग हर एक मीठा व्यंजन चीनी से ही हमारी रसोई में बनता है.
क्या प्रेगनेंसी के दौरान मीठे के रूप में चीनी खाना सही रहता है. इसको लेकर हम चर्चा करने वाले हैं, जिसे सुनकर आप अवश्य चौक जाएंगे.
आज की वार्ता आज हम मुख्य चार बिंदुओं पर चर्चा करेंगे.
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प्रेगनेंसी में चीनी खाने के फायदे
तो पहले बात करते हैं चीनी खाने के फायदे के बारे में
चीनी को ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, यह शरीर में पहुंच कर तुरंत ग्लूकोस में बदल जाती है. जिन्हें हमारी कोशिकाएं अवशोषित कर ऊर्जा बनाती है, और शरीर में ताकत महसूस होती है.
जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर लो रहता है, उन्हें चीनी खाना बताया जाता है. क्योंकि चीनी से ब्लड प्रेशर बढ़ता है इसीलिए लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए चीनी फायदेमंद है. लेकिन हाई ब्लड प्रेशर वालों को चीनी नहीं खानी चाहिए.
चीनी की संयमित मात्रा मस्तिष्क को एक्टिव रखने में मदद करती है.
महिलाओं को प्रेगनेंसी के द्वारा डिप्रेशन की समस्या नजर आने लगती है. ऐसे में चीनी खाने से डिप्रेशन में कमी देखी गई है .
जब मूड अच्छा नहीं होता है तो मीठा खाने से मूड खुशगवार हो जाता है. चीनी के अंदर जो तत्व पाए जाते हैं, वह मूड को प्रसन्न करने का कार्य करते हैं. कई बार मूड खराब होने में लोग चॉकलेट खाना पसंद करते हैं.
प्रेगनेंसी में चीनी खाने के नुकसान
अब हम बात करते हैं चीनी खाने से होने वाले नुकसान के संदर्भ में –
चीनी का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है, कि यह बच्चे की ग्रोथ पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है. इससे बच्चे की ग्रोथ रुक जाती है. इसका कारण कुछ इस प्रकार से है, कि चीनी जब भी हम खाते हैं, तो चीनी को पचाने लिए हमारे शरीर में कैल्शियम की खपत होती है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह कैल्शियम बच्चे की ग्रोथ बच्चे के मस्तिष्क के विकास हड्डियों के विकास में बहुत ज्यादा मदद करता है.
ज्यादा चीनी खाने से महिला के शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है, और बच्चे के विकास के लिए आवश्यक कैल्शियम प्राप्त नहीं हो पाता है. साथ ही साथ महिला के शरीर में भी कैल्शियम की कमी देखने में आती है.
दोस्तों चीनी खाने से मेटाबॉलिज्म से संबंधित रोग जैसे कलस्ट्रोल और हाई ब्लड प्रेशर हो जाते हैं.चीनी के सेवन से पेट पर वसा की परतें जम जाती हैं, इसके कारण मोटापा, दांतों में सड़न, डायबिटीज, इम्यून सिस्टम खराब होना जैसी समस्याएं हो जाती हैं.
चीनी खाने से युवाओं में कैंसर की संभावनाएं बढ़ जाती है. चीनी खाने से चिंता और तनाव बढ़ सकते हैं. चीनी खाने से दिमाग के काम करने का तरीका बदल सकता है. इसीलिए चीनी को मीठा जहर भी कहा जाता है.
चीनी खाने को हमारा मन क्यों करता है
अब हम बात करते हैं कि हमारा चीनी खाने का मन क्यों करता है दोस्तों जब हम रात भर जाते हैं यानी हमारी नींद पूरी नहीं होती है तो शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है. तब हमारा कुछ ना कुछ मीठा खाने का मन करता है.
खराब नींद हमारे हारमोंस को प्रभावित करती है, और हमारा चीनी खाने का मन होता है.
कभी-कभी प्रेगनेंसी हार्मोन की वजह से मीठा खाने की इच्छा हमारी बढ़ जाती है.
चीनी के क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं
अब हम बात करते हैं चीनी के विकल्पों पर दोस्तों खजूर एक नेचुरल स्वीटनर है इसका कोई नुकसान नहीं होता है चीनी की जगह अगर हम गुड़ का उपयोग करें तो वह भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है इसके अलावा दही ,शुगर फ्री खीर , मिल्क शेक , धागे वाली मिश्री और खांड का भी प्रयोग उत्तम माना जाता है.
अगर प्रेगनेंसी में आप मोटापे का शिकार नहीं है, तो मीठे फल भी चीनी की कमी को पूरा कर सकते हैं.