गर्भावस्था के दूसरे महीने क्या खाएं क्या नहीं खाएं- 2nd month pregnancy diet
नमस्कार दोस्तों इस POST के माध्यम से हम सेकंड मंथ प्रेगनेंसी डाइट (Second month pregnancy diet) को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं हमें प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में किस प्रकार के भोज्य पदार्थ अपने भोजन में शामिल करने चाहिए तथा हमें किस प्रकार के भोज्य पदार्थ को अपने भोजन में शामिल नहीं करना चाहिए इस विषय पर चर्चा करेंगे आईए चर्चा करते हैं.
दोस्तों में सबसे पहले यह पता होना चाहिए कि हमें किस प्रकार के पोषक तत्व (Nutrition) अपने शरीर में बच्चे की परवरिश के लिए चाहिए होते हैं उसी प्रकार से हमें अपने भोजन को तय करना चाहिए.
प्रेग्नेंसी के समय आप इस बात को बिल्कुल भी ना बोले कि आप अपने लिए ही नहीं बल्कि 2 लोगों के लिए खा रही है इसका मतलब यह नहीं है कि आप को दुगुना भोजन खाना शुरू कर देना है बल्कि आपको अपने भोजन में ऐसे भोज्य पदार्थ शामिल करने हैं जिनका पोषण (Nutrition)अधिक हो अब आपको केवल स्वाद के लिए खाना नहीं खाना है --
भोजन में प्रोटीन का ध्यान रखें - Bhojan me Protein ka dhyan Rakhe
जिन खाद्य पदार्थों में उच्चं मात्रा में प्रोटीन (High protein in diet) पाया जाता है उन्हें अपनी डायट में शामिल करना ना भूलें. दालें, दूध व अंडे जैसी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है साथ ही डायट में जूसी फलों (juicy fruit in pregnancy) का सेवन करना भी जरूरी है. आपके लिए पानी पीना जरूरी हैं. अब आप 8-10 गिलास तो पानी पिएं ही इससे ज्यादा भी पी सकती हैं.
कैल्शियम युक्त भोजन - Calcium wala Bhojan
किसी भी चीज के निर्माण में उसका आधार मजबूत होना चाहिए बच्चे के लिए उसका आधार उसकी हड्डियां होती है और हड्डियों के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है इसलिए हमें अपने भोजन में ऐसे भोज्य पदार्थों को खास तौर पर शामिल करना है जिनके अंदर कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है इस दौरान महिलाएं हर दिन 1000 मिग्रा कैल्शियम की मात्रा लेती हैं, तो भविष्य में कभी भी भ्रूण को ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना नहीं रहेगी। गर्भावस्था के दूसरे महीने में महिलाओं को रोजाना बादाम और अखरोट खाने चाहिए। हर एक बादाम में 70-80 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए खासतौर से बहुत फायदेमंद है.अगर आप किसी डॉक्टर की निगरानी में शुरू से ही है तो वह आपको कैल्शियम की टेबलेट भी खाने को बता सकती हैं. इसके लिए आप डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर आदि का सेवन कर सकती हैं.
इन्हें भी पढ़ें : दूसरे महीने गर्भावस्था का ध्यान कैसे रखें – Two months pregnant care
इन्हें भी पढ़ें : दूसरे महीने गर्भावस्था का ध्यान कैसे रखें
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने प्रेगनेंसी के लक्षण
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने महिला के शरीर में बदलाव और बच्चे का विकास
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के चौथे महीने गर्भ में शिशु का विकास
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के चौथे महीने स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
आयरन युक्त भोजन - Iron Wala Bjojan
आयरन बच्चे के विकास में सीधे तौर पर और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से भूमिका निभाता है आयरन ब्लड में रेड सेल्स को बढ़ाने में मदद करता है और यही रेड सेल्स बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करती है. अगर शरीर में आयरन की कमी होती है तो रेड सेल्स की भी कमी हो जाती है इस कारण से बच्चे तक ऑक्सीजन और पोषण भरपूर मात्रा में नहीं पहुंच पाता है. महिला एनीमिया की रोगी भी हो जाती है. तो प्रेगनेंसी के शुरुआती समय से ही महिला को अपने शरीर में आयरन की कमी नहीं होने देनी है डॉक्टर इसके लिए आयरन की टेबलेट भी बताते हैं आप ऐसा भोजन कीजिए जिसमें आयरन भरपूर मात्रा में हो जैसे कि सेब, पालक व हरी पत्तेदार सब्जियां खा सकती हैं.
ऐसे बहुत सारे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें प्रेगनेंसी में खाने से बचना चाहिए और दूसरा महीना प्रेगनेंसी के शुरुआत माना जाता है तो इसमें भी इन सब खाद्य पदार्थों को लेने से बचना है और आपको पता होना चाहिए कि यह खाद्य पदार्थ कौन कौन से हैं—
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने गर्भ में शिशु का विकास
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के तीसरे महीने सावधानियां
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने प्रेगनेंसी चेक अप
इन्हें भी पढ़ें : पांचवे महीने में महिला को कैसा भोजन खाना चाहिए
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के चौथे महीने स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
दूसरे महीने में सॉफ्ट चीज़ खाने से बचें, इससे बच्चे और मां दोनों को नुकसान हो सकता है.
You May Also Like : प्रेगनेंसी में सांस फूलने की समस्या - Breathlessness in pregnancy
आप प्रेगनेंसी कैसे में कच्चा दूध पीने से परहेज करें दूध को पीने से पहले उसे अच्छे से उबाल ले तभी प्रयोग करें.
दोस्तों में सबसे पहले यह पता होना चाहिए कि हमें किस प्रकार के पोषक तत्व (Nutrition) अपने शरीर में बच्चे की परवरिश के लिए चाहिए होते हैं उसी प्रकार से हमें अपने भोजन को तय करना चाहिए.
प्रेग्नेंसी के समय आप इस बात को बिल्कुल भी ना बोले कि आप अपने लिए ही नहीं बल्कि 2 लोगों के लिए खा रही है इसका मतलब यह नहीं है कि आप को दुगुना भोजन खाना शुरू कर देना है बल्कि आपको अपने भोजन में ऐसे भोज्य पदार्थ शामिल करने हैं जिनका पोषण (Nutrition)अधिक हो अब आपको केवल स्वाद के लिए खाना नहीं खाना है --
भोजन में प्रोटीन का ध्यान रखें - Bhojan me Protein ka dhyan Rakhe
जिन खाद्य पदार्थों में उच्चं मात्रा में प्रोटीन (High protein in diet) पाया जाता है उन्हें अपनी डायट में शामिल करना ना भूलें. दालें, दूध व अंडे जैसी चीजों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है साथ ही डायट में जूसी फलों (juicy fruit in pregnancy) का सेवन करना भी जरूरी है. आपके लिए पानी पीना जरूरी हैं. अब आप 8-10 गिलास तो पानी पिएं ही इससे ज्यादा भी पी सकती हैं.
कैल्शियम युक्त भोजन - Calcium wala Bhojan
किसी भी चीज के निर्माण में उसका आधार मजबूत होना चाहिए बच्चे के लिए उसका आधार उसकी हड्डियां होती है और हड्डियों के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है इसलिए हमें अपने भोजन में ऐसे भोज्य पदार्थों को खास तौर पर शामिल करना है जिनके अंदर कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है इस दौरान महिलाएं हर दिन 1000 मिग्रा कैल्शियम की मात्रा लेती हैं, तो भविष्य में कभी भी भ्रूण को ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना नहीं रहेगी। गर्भावस्था के दूसरे महीने में महिलाओं को रोजाना बादाम और अखरोट खाने चाहिए। हर एक बादाम में 70-80 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए खासतौर से बहुत फायदेमंद है.अगर आप किसी डॉक्टर की निगरानी में शुरू से ही है तो वह आपको कैल्शियम की टेबलेट भी खाने को बता सकती हैं. इसके लिए आप डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर आदि का सेवन कर सकती हैं.
इन्हें भी पढ़ें : दूसरे महीने गर्भावस्था का ध्यान कैसे रखें – Two months pregnant care
इन्हें भी पढ़ें : दूसरे महीने गर्भावस्था का ध्यान कैसे रखें
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने प्रेगनेंसी के लक्षण
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने महिला के शरीर में बदलाव और बच्चे का विकास
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के चौथे महीने गर्भ में शिशु का विकास
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के चौथे महीने स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
आयरन युक्त भोजन - Iron Wala Bjojan
आयरन बच्चे के विकास में सीधे तौर पर और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से भूमिका निभाता है आयरन ब्लड में रेड सेल्स को बढ़ाने में मदद करता है और यही रेड सेल्स बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करती है. अगर शरीर में आयरन की कमी होती है तो रेड सेल्स की भी कमी हो जाती है इस कारण से बच्चे तक ऑक्सीजन और पोषण भरपूर मात्रा में नहीं पहुंच पाता है. महिला एनीमिया की रोगी भी हो जाती है. तो प्रेगनेंसी के शुरुआती समय से ही महिला को अपने शरीर में आयरन की कमी नहीं होने देनी है डॉक्टर इसके लिए आयरन की टेबलेट भी बताते हैं आप ऐसा भोजन कीजिए जिसमें आयरन भरपूर मात्रा में हो जैसे कि सेब, पालक व हरी पत्तेदार सब्जियां खा सकती हैं.
फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थ - Folate se Bharpoor Bhojan
फोलेट एक ऐसा पोषक तत्व है जो बच्चे के संपूर्ण विकास में काफी महत्वपूर्ण रोल अदा करता .है सबसे अच्छा तो यह होता है कि जब आप प्रेगनेंसी के लिए सोच रहे हो तो 2 या 3 महीने पहले से ही फोलेट से भरपूर डाइट आपको लेनी शुरू कर देनी चाहिए या डॉक्टर की सलाह पर आप इसके कैप्सूल (Folate supplement) भी ले सकती हैं. फोलेट यानी फोलिक एसिड विटामिन-बी का एक प्रकार है, जो गर्भावस्था के शुरुआती चरण में लेना जरूरी है. यह शिशु की रीढ़ की हड्डी (Baby's spine) और दिमागी विकास (Baby's mental health)के लिए जरूरी है. इसके लिए आप पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, बींस, चिकन, मांस व साबुत अनाज का सेवन कर सकती हैं.गर्भावस्था के दूसरे महीने में क्या नहीं खाना चाहिए - Pregnancy ke Doosre mahene Kya nahi Khana
ऐसे बहुत सारे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें प्रेगनेंसी में खाने से बचना चाहिए और दूसरा महीना प्रेगनेंसी के शुरुआत माना जाता है तो इसमें भी इन सब खाद्य पदार्थों को लेने से बचना है और आपको पता होना चाहिए कि यह खाद्य पदार्थ कौन कौन से हैं—
प्रेगनेंसी में कच्चा मांस - Pregnancy me raw meat
जैसे ही आप की प्रेगनेंसी शुरू होती है आपको कच्चे मांस को खाने से बचना चाहिए इसमें लिस्टएरिया नामक बैक्टीरिया होने का खतरा होता है जो बच्चे के विकास को बाधित कर सकता है.इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने गर्भ में शिशु का विकास
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के तीसरे महीने सावधानियां
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने प्रेगनेंसी चेक अप
इन्हें भी पढ़ें : पांचवे महीने में महिला को कैसा भोजन खाना चाहिए
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के चौथे महीने स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
प्रेगनेंसी में कच्चा अंडा - Pregnancy me raw egg
प्रेगनेंसी में अंडा खाना काफी अच्छा समझा जाता है, पौष्टिक होता है. कई प्रकार के पोषक तत्व एक साथ आपको मिल जाते हैं, लेकिन कच्चा अंडा बिल्कुल बिना खाए. अंडे को अच्छे से उबालकर ही खाएं इसमें साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया का खतरा होता है इस वजह से गर्भवती महिला को उल्टी और दस्त लग सकते हैं.दूसरे महीने में सॉफ्ट चीज़ खाने से बचें, इससे बच्चे और मां दोनों को नुकसान हो सकता है.
You May Also Like : प्रेगनेंसी में सांस फूलने की समस्या - Breathlessness in pregnancy
मछली खाने में सावधानी - Fish khane me savdhani
बहुत सारी ऐसी मछलियां होती हैं जिनमें मरकरी उच्च मात्रा में पाया जाता है गर्भवती स्त्री के लिए उच्च मरकरी खाद्य पदार्थ एक प्रकार से कह सकते हैं कि हल्के जहर का कार्य करते हैं. इस प्रकार के खाद्य पदार्थ बच्चे के विकास को बाधित कर सकते हैं. जिससे कई प्रकार की समस्याएं देखने में आ सकते हैं. आपको ऐसी मछलियों को पहचानना है जिसमें मरकरी उच्च मात्रा में होता है. आप ऐसी मछलियां ना खाएं अगर आप नहीं जानते तो तब तक मछलियां खाने से परहेज रखें जब तक आप ऐसी मछलियों के बारे में ना जान ले जिनमें मरकरी उच्च मात्रा में पाया जाता है. स्पेनिशमैकेरेल, मार्लिनयाशार्क, किंगमैकेरेल औरटाइलफिशजैसी मछलियोंमें मर्करी का स्तर ज़्यादा होता है.कच्चा दूध नहीं पिए - Avoid raw Milk
आप प्रेगनेंसी कैसे में कच्चा दूध पीने से परहेज करें दूध को पीने से पहले उसे अच्छे से उबाल ले तभी प्रयोग करें.
Post a Comment