गर्भावस्था हो जाने के बाद बार-बार गर्भपात हो जाता है, और किसी भी प्रकार की दवाई कार्य नहीं कर रही है.
हम बात करेंगे अगर पीरियड मिस होने के बाद ब्लीडिंग होना या प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग रोकने के घरेलू उपाय या प्रेगनेंसी के दौरान गर्भपात की स्थिति बने तो कौन-कौन से लक्षण आपको नजर आते हैं.
गर्भपात की समस्या को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय पर बात करेंगे.
किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था के दौरान पीरियड मिस होने के बाद ब्लीडिंग होना काफी दुखद बात होती है. इसमें महिला को कुछ लक्षण नजर आते हैं.
अगर महिला इन बातों का ध्यान रखें तो उसे पहले ही पता चल जाएगा, कि गर्भपात की स्थिति बन रही है. उसके बाद वह हमारे द्वारा बताए जाने वाले उपायों को अपना सकती है.
पीरियड मिस होने के बाद ब्लीडिंग के लक्षण
गर्भपात के लक्षणों को लेकर हमने पहले भी आर्टिकल दिए हैं. हम जल्दी से संक्षेप में बता देते हैं कि कौन-कौन से लक्षण आपको नजर आ सकते हैं
1. प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिलाओं को पीरियड वाली ऐठन और दर्द महसूस हो तो यह गर्भपात की तरफ इशारा करता है.
2. प्रेगनेंसी के दौरान डिस्चार्ज एक आम बात होती है. अगर इस दौरान महिलाओं को वेजाइनल इंफेक्शन हो जाए, और पेशाब में या डिस्चार्ज के अंदर दुर्गंध आने लगे या रंग बदल जाए. तब भी गर्भपात की स्थिति बनती है.
3. अगर महिलाओं को संकुचन की समस्या नजर आने लगे जो की डिलीवरी के समय नजर आते हैं. तब भी यह गर्भपात की तरफ इशारा करता है.
4. महिलाओं के पेट में रह-रहकर दर्द होना ऐठन होना. यह भी गर्भपात की तरफ इशारा कर सकता है.
5. अक्सर इंफेक्शन के कारण महिलाओं की पीठ में दर्द की समस्या रहती है. यह भी कई मामलों में गर्भपात की तरफ इशारा करता है.
6. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का वजन अगर घटने लगे तो यह अच्छा संकेत नहीं है. गर्भपात हो सकता है.
हालांकि इस प्रकार की कोई भी समस्या या आपको लक्षण नजर आता है. आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है, तो आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी देख सकते हैं.
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग रोकने के घरेलू उपाय
प्रेगनेंसी में गर्भपात की स्थिति से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं जो इस प्रकार से हैं.
गर्भपात को रोकने के लिए गाजर का प्रयोग
अगर महिला को गर्भपात की समस्या का डर है, या पहले भी ऐसा हो चुका है, तो प्रेगनेंसी के दौरान महिला को खासकर विंटर सीजन के अंदर एक गिलास गाजर और एक गिलास दूध को मिलाकर उसे उबालना है. जब दोनों उबलते उबलते एक गिलास रह जाए तो उसे दो समय पी लेना है.
लगातार यह प्रयोग करने से गर्भपात होने का डर समाप्त हो जाए जाता है. आप सुबह नाश्ते के 30 मिनट बाद या फिर शाम को 4:00 बजे के आसपास इसका प्रयोग करें.
गर्भपात को रोकने के लिए सौंफ और गुलकंद का प्रयोग
जिन स्त्रियों को बार बार गर्भपात हो उनको गर्भधारण के बाद 62 ग्राम सौंफ 31 ग्राम गुलाब का गुलकंद पीसकर पानी मिलाकर एक बार नित्य पिलाना चाहिए.
गर्भपात को रोकने के लिए मुलेठी
जिन महिलाओं को गर्भपात की समस्या होती है. उन्हें गर्भ धारण करते हैं रोजाना आधा चम्मच सौंठ बल्कि आधा से थोड़ा कम और 1/4 चम्मच मुलेठी को 250 ग्राम दूध में उबालकर पीना हैं.
इससे गर्भपात होने का डर बहुत कम हो जाता है. सौंठ और मुलेठी दोनों गर्म प्रकृति की होती है. इसलिए इनकी मात्रा बिल्कुल भी ज्यादा नहीं होने दे और हो सके तो इसका प्रयोग विंटर सीजन में करें.
गर्भपात को रोकने के लिए काले चने
जब गर्भपात का डर हो तो काले चने का काढ़ा पीने से फायदा होता है. यह तभी ले जब आपको डर हो.
गर्भपात को रोकने के लिए फिटकरी
अगर गर्भपात होने लगे या ऐसा भय हो तो तुरंत पीसी हुयी फिटकरी चौथाई चम्मच एक कप कच्चे दूध में डालकर लस्सी बनाकर पिलाने से गर्भपात रुक जाता हैं। यह भी तभी ले जब आपको डर हो.
आप इन नुस्खों का प्रयोग करें आपको जरूर फायदा होगा.
किसी भी नुस्खे का प्रयोग करने से पहले अगर आप किसी आयुर्वेदाचार्य से इस संबंध में चर्चा करें तो यह बहुत अच्छा रहता है. इससे आपको कॉन्फिडेंस प्राप्त होगा और आपकी सेहत के अनुसार आयुर्वेदाचार्य आपको और अच्छी सलाह भी दे सकते हैं.