दुनिया के सभी धर्म ग्रंथों ने रिश्तों में मां का दर्जा सबसे ऊंचा माना है. और संतान की सबसे पहली गुरु भी माता की मानी जाती है. वही उसका पालन पोषण करती है, और बच्चा उसकी गोद में रहकर जो भाषा सबसे पहले सीखता है, उसे मातृभाषा कहा जाता है.
हमारी सनातन संस्कृति में गौरीशंकर, सीताराम, राधेश्याम जैसे नाम रखने की परंपरा सदियों से हैं, और यह इस बात को साबित करती है कि मां का स्थान दुनिया के दूसरे नामों में सबसे अग्रणी माना जाता है.
प्रेगनेंसी में शास्त्रों की 11 बातें याद रखें
ऋषियों, दार्शनिकों ने ग्रंथों में ऐसी कई बातों का उल्लेख किया है जिनका ध्यान गर्भवती महिला को रखना चाहिए, क्योंकि उसका उल्लंघन न सिर्फ बच्चे के लिए, बल्कि उसके लिए भी हानिकारक हो सकता है। पढ़िए ऐसी ही कुछ बातें-
1- गर्भावस्था में मल-मूत्र, अपानवायु, छींक, प्यास, डकार,भूख, नींद, खांसी, जम्हाई जैसे आवेगों को रोकना नहीं चाहिए। जब आप गर्भवती नहीं होती है तब भी इन्हें रोकना हानिकारक माना जाता है, इसलिए गर्भावस्था में इन्हें कभी नहीं रोकना चाहिए.
2- गर्भवती स्त्री को कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए. साथ ही साथ गर्भवती माता को अप्रिय बातों को भी सुनने से बचना चाहिए, और ना ही अप्रिय बातें किसी से करनी चाहिए. ईर्ष्या, जलन , कटु बातें, बुराई इत्यादि से भी दूर रहना चाहिए.
3- महिला को किसी भी प्रकार के अनावश्यक वाद-विवाद में पढ़ने से बचना चाहिए. महिलाओं को चाहिए कि वह भयानक दृश्य को देखने से बचें. जैसे कि किसी का एक्सीडेंट, चोट इत्यादि.
टीवी सिनेमा में जो कार्यक्रम अत्यधिक डरावने होते हैं. उन्हें भी देखने से महिला को बचना चाहिए. महिला को किसी भी प्रकार की तीव्र और तीखी ध्वनि से भी बचना चाहिए, और ऐसे स्थानों पर भी नहीं जाना चाहिए, जहां पर ध्वनि प्रदूषण होता है.
3 – महिला को प्राकृतिक नियमों का पालन करना चाहिए. महिला को हमेशा समय से सोना चाहिए. समय से उठना चाहिए. दोपहर के समय भी विश्राम करना चाहिए, लेकिन गहरी नींद नहीं ले. रात्रि को देर तक नहीं जागे और सुबह को देर तक नहीं सोए.
5- महिलाओं को सख्त स्थानों पर, पथरीले स्थानों पर और टेढ़े मेढ़े स्थानों पर बैठने से बचना चाहिए.
6- प्रेगनेंसी के दौरान अगर आप शहर में रहते हैं या ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहां पहाड़ नहीं होते तो आपको प्रेगनेंसी में पहाड़ी स्थानों पर जाने से परहेज करना चाहिए. अर्थात आपको पथरीले और टेढ़े मेढ़े स्थानों पर चढ़ने से बचना चाहिए. पहाड़ी रास्तों पर चलने से बचना चाहिए. महिलाओं को पर्वतों पर नहीं चढ़ाना चाहिए. अगर आप पांचवी दसवीं मंजिल पर रहते हैं, तो कोशिश करें लिफ्ट का प्रयोग ही करें. आपको लंबी सीढ़ियों पर चढ़ने से बचना चाहिए. महिलाओं को रेतीले टीले पर भी चढ़ने से प्रेगनेंसी के दौरान बचना चाहिए.
7- महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान टाइट और चुस्त कपड़े नहीं पहने चाहिए. गहरे रंग के वस्त्रों को भी पहनना अच्छा नहीं माना जाता है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अधिक आभूषण पहनना भी सही नहीं रहता है इसे हानिकारक माना जाता है.
8- हमेशा करवट लेकर ही सोएं. करवट को समय-समय पर बदलें. घुटने मोड़कर, सीधे या उल्टे सोने से नुकसान हो सकता है.
9- प्रेगनेंसी में कुछ विशेष स्थानों पर जाने से आपको बचना है. जैसे कि जहां अत्यधिक दुर्गंध हो ऐसे स्थानों पर जाने से बचें. क्योंकि वहां बैक्टीरिया का प्रभाव अधिक रहता है. आपको खट्टे खाद्य पदार्थ वाले वृक्षों के आसपास भी जाने से बचना चाहिए. आपको पानी के तालाब सरोवर से दूर रहना चाहिए. अत्यधिक धूप में भी आपको नहीं निकलना चाहिए.
10- गर्भवती महिला को हमेशा अनुभवी चिकित्सक की देखरेख में ही प्रेगनेंसी को आगे बढ़ाना चाहिए. महिला को प्रेगनेंसी के दौरान जोर-जोर से सांस नहीं लेनी चाहिए, और अधिक समय तक सांस को रोकने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए.
11- अपने इष्ट देव का ध्यान करें, लेकिन लंबे उपवास न करें. अत्यधिक वात कारक, मिर्च-मसालेदार, बासी पदार्थ तथा मादक पदार्थों का सेवन कभी नहीं करना चाहिए.