नमस्कार दोस्तों , किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंसी होना काफी खूबसूरत एहसास होता है. लेकिन इसमें बहुत ज्यादा सामान रखने की आवश्यकता होती है. प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को काफी सारे काम करने से मना किया जाता है, और बहुत सारे काम ऐसे होते हैं, कि कुछ महीनों में तो कर सकते हैं, लेकिन कुछ महीनों में बिल्कुल नहीं करने चाहिए.
ऐसे ही झाड़ू पोछे को लेकर काफी कन्फ्यूजन रहता है. कुछ मानते हैं कि प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा लगाना चाहिए, और कुछ मानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान झाड़ू पोछा नहीं करना चाहिए.
आज हम इस कंफ्यूजन को अपने इस वीडियो के माध्यम से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि आप बड़े अच्छे से समझ पाए कि आपको प्रेगनेंसी के दौरान झाड़ू पोछा करना है, या नहीं करना है,और करना है तो कब करना है.
पहले तो आप इस बात को समझ लीजिए खासकर वह गर्भवती महिलाएं जिन्होंने गर्भवती होने से पहले झाड़ू पोछा का काम बिल्कुल नहीं किया है, और वह यह समझकर की झाड़ू पोछा करना प्रग्नैंसी के लिए लाभदायक होता है, जैसा कि माना भी जाता है और ऐसे में वह झाड़ू पोछा करने लगे तो यह उनके लिए थोड़ा नुकसानदायक हो सकता है.
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प्रेगनेंसी के दौरान झाड़ू पोछा कब नहीं करना चाहिए.
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को झाड़ू पोछा नहीं करना चाहिए,जो महिलाएं रोजाना अपने घर का झाड़ू पोछा करती है. कोशिश करें वह भी ना करें तो अच्छा है. उसके कुछ कारण है .
पहला कारण पहली तिमाही में गर्भस्थ शिशु काफी नाजुक होता है, और थोड़ा सा भी आघात बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है. ऐसे में महिला को बिल्डिंग शुरू हो सकती है. गर्भपात की संभावना बन सकती है.
असल में पहली तिमाही में महिला के शरीर में कोई भी ऐसे लक्षण नहीं आते हैं, जो उन्हें बार-बार प्रेग्नेंसी की याद दिलाते रहे . उनके शरीर में ऐसे परिवर्तन नहीं आते हैं, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की थोड़ी सी शारीरिक परेशानी हो. ऐसे में वह भूल सकती हैं कि वह गर्भवती हैं, और उनके शरीर पर खासकर उनके पेट पर दबाव आ सकता है. झाड़ू पोछा करते समय इसकी संभावना बहुत ज्यादा बन जाती है.
चारपाई के नीचे या कोनों में या अलमारी के पीछे सफाई के चक्कर में उनके पेट पर अधिक दबाव आ सकता है, और गर्भस्थ शिशु घायल हो सकता है.
जैसा कि हमने पहले भी बताया है, कि जिन महिलाओं ने कभी झाड़ू पोछा नहीं करा उन्हें तो बिल्कुल भी पहले 3 महीने झाड़ू पोछा नहीं करना चाहिए. जिन महिलाओं की प्रेगनेंसी में थोड़ी सी कॉम्प्लीकेशन्स होती है,
अर्थात उन्हें किसी भी कारणवश गर्भपात की संभावना बनी रहती है, और डॉक्टरों ने उन्हें बेड रेस्ट करने की सलाह दी होती है.
ऐसी गर्भवती स्त्रियों को भी झाड़ू को हाथ नहीं लगाना चाहिए. हो सके तो उन्हें पूरी प्रेगनेंसी के दौरान झाड़ू पहुंचा नहीं करना है. अगर बहुत आवश्यक हो तो अपने डॉक्टर से पूछ कर ही करें.
अब प्रश्न आता है प्रग्नैंसी के दौरान झाड़ू पोछा कब करें तो इसके लिए सबसे सही समय तीसरी तिमाही होती है. इस दौरान महिला झाड़ू पोछा कर सकती है.
जिन महिलाओं ने कभी भी झाड़ू पोछा नहीं करा है, वह पहले एक कमरे का झाड़ू पोछा करें, और फिर धीरे-धीरे झाड़ू पोछा करने का क्षेत्र बढ़ाएं एकदम से उन्हें सारे घर का झाड़ू पोछा नहीं करना है.
तीसरी तिमाही में महिलाओं को झाड़ू पोछा करने में काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इस वक्त महिलाओं का शरीर थोड़ा सा वीडोल हो जाता है और गर्भस्थ शिशु का आकार भी काफी बड़ा हो जाता है, तो उन्हें काफी संभलकर झाड़ू पोछा करने की आवश्यकता पड़ती है.
इसके कुछ फायदे हैं. जिस वजह से तीसरी तिमाही में झाड़ू पोछा करना बताया जाता है. हालांकि इस दौरान झाड़ू पोछा करना सबसे मुश्किल होता है.