प्रेगनेंसी में रंग काला होना, क्या कारण है

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प्रेगनेंसी में रंग काला होना एक सामान्य बात है, या यह कोई विशेष बात है. इसे लेकर काफी महिलाएं सोचती हैं. प्रेगनेंसी में काला रंग होना या त्वचा पर तरह तरह की समस्याएं होना, यह प्रेग्नेंसी में अक्सर देखा जाता है, और इस समस्या की वजह से महिलाएं काफी ज्यादा चिंता और तनाव में आ जाती है.

प्रेगनेंसी की शुरुआत के बाद जैसे-जैसे महिलाओं की प्रेगनेंसी आगे बढ़ती जाती है, वैसे वैसे कुछ महिलाएं अपनी त्वचा में और बालों में होने वाले बदलावों को महसूस करना शुरू कर देती है.

कुछ महिलाओं के चेहरे पर प्रेगनेंसी के दौरान काले धब्बे नजर आने लगते हैं. और कुछ महिलाएं अपनी त्वचा में कुछ कालापन भी महसूस करती हैं, जो कि प्रेगनेंसी में उत्पन्न होने वाले हारमोंस के साइड इफेक्ट के रूप में नजर आता है.

प्रेगनेंसी में रंग काला होना, क्या कारण है

क्लोस्मा – प्रेगनेंसी में रंग काला होना

प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं के गालों पर ऊपर की तरफ या नाक पर और कुछ महिलाओं के माथे पर भी जगह-जगह धब्बे नजर आने लगते हैं.

कई जगह इसे प्रेगनेंसी के साइड इफेक्ट के रूप में भी देखा जाता है. कुछ महिलाओं के तो होंठ भी डार्क कलर के हो जाते हैं. इसे क्लोस्मा कहा जाता है.

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में हारमोंस काफी उत्तेजित रहते हैं. महिला सेक्स हारमोंस की अधिकता की वजह से महिला के शरीर की त्वचा में रंग को पैदा करने वाली कोशिकाएं अधिक उत्तेजित हो जाती है. और यह कोशिकाएं सूर्य की रोशनी के संपर्क में आते ही मेलेनिन का उत्पादन बढ़ा देती हैं. इस कारण से त्वचा का रंग थोड़ा सांवला नजर आता है.
जिन महिलाओं का रंग अत्यधिक साफ होता है और….

  • वह तेज धूप के संपर्क में अगर आ जाती हैं या
  • ऐसे क्षेत्र में रहती है जहां धूप की तीव्रता अधिक होती है या
  • वह गर्भवती ऐसे मौसम में हुई है, जहां उन्हें अधिक समय धूप में रहने की आवश्यकता होती है या
  • उनकी प्रेगनेंसी के वक्त सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी अपेक्षाकृत कम होती है

तो उन महिलाओं में क्लोस्मा की समस्या होने की संभावना सबसे अधिक होती है.

क्लोस्मा की यह समस्या अधिकतर महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान ही रहती है. जैसे ही प्रेगनेंसी समाप्त होती है, वैसे ही महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हारमोंस का स्तर कम होने लगता है, और धीरे-धीरे त्वचा का रंग पैदा करने वाली कोशिकाओं की तीव्रता कम होने लगती है, महिला का रंग धीरे-धीरे वापस पहले जैसा होने लगता है.लेकिन कुछ महिलाओं में ऐसा नहीं होता है. उनकी त्वचा पर आए दाग धब्बे समाप्त होने में कुछ वर्षों का समय लगता है.

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी चेहरे की त्वचा और शरीर की त्वचा का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. धूप में बाहर निकलने से पहले उन्हें अच्छी क्वालिटी की सनस्क्रीन अपनी त्वचा पर लगानी चाहिए.

आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टरों से भी सलाह लेने से नहीं हिचक ना चाहिए.

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त्वचा में दूसरे बदलाव

कुछ गर्भावस्था के दौरान हार्मोन परिवर्तन की वजह से महिलाओं के निप्पल और उसके आसपास का क्षेत्र गहरे रंग का हो सकता है. आपको आपकी त्वचा का रंग काला नजर आ सकता है.

बर्थ मार्क, तिल और झाइयां भी काली पड़ सकती हैं. कुछ महिलाओं के पेट में बीच में एक गहरी लाइन बन जाती है.  जिसे ‘लाइनिया नाइग्रा’ कहा जाता है.

लेकिन बच्चे के जन्म के बाद अर्थात डिलीवरी के 40 दिन के अंदर अंदर इनका प्रभाव अक्सर समाप्त हो जाता है.
अक्सर महिलाओं के बालों में भी काफी परिवर्तन देखने में आता है.

  • कुछ महिलाओं के बाल रूखे सूखे नजर आ सकते हैं.
  • कुछ महिलाओं के बाल में शाइनिंग और चमक आ जाती है.
  • कुछ महिलाओं के बाल काफी मजबूत होने लगते हैं.
  • कभी-कभी कुछ महिलाओं में बाल झड़ना भी देखा जाता है.

लेकिन बच्चे की डिलीवरी के बाद यह सब परिवर्तन धीरे-धीरे अपने आप समाप्त हो जाते हैं.

स्ट्रेच मार्क्स

महिलाओं की त्वचा पर प्रेगनेंसी के दौरान कालापन प्रेगनेंसी के शुरुआती 5-6 महीनों में नजर आने लगता है, लेकिन जैसे-जैसे प्रेगनेंसी 5 महीने के बाद आगे बढ़ने लगती है. वैसे वैसे महिला की स्ट्रेच मार्क्स भी पेट के चारों तरफ नजर आने लगते हैं.

ये आमतौर पर आपके पेट पर या कभी-कभी आपके ऊपरी जांघों या स्तनों पर दिखाई देते हैं. खिंचाव के निशान हानिकारक नहीं होते हैं, और समय के साथ, आपकी त्वचा सिकुड़ जाएगी और खिंचाव के निशान सफेद रंग के निशान में फीके पड़ जाएंगे.

सावधानियां

प्रेगनेंसी में रंग काला होना, चेहरे पर मुंहासे की परेशानी होती है. इस वक्त में त्वचा में सीबम का प्रोडक्शन बहुत ज्यादा होता है. जिसकी वजह से पोर्स बंद हो जाते हैं. इस समय में कम से कम 2 से 3 बार चेहरा धोएं. इसके अलावा त्वचा के हिसाब से प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.

त्वचा को सुंदर दिखाने के उद्देश्य से केमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल बिल्कुल भी बचा पर नहीं करना चाहिए हर्बल आयुर्वेदिक और नेचुरल पदार्थी अपनी त्वचा पर इस्तेमाल करें.

त्वचा को सीधा सूर्य की रोशनी में लाने से बचे.

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