गर्मियों में प्रेगनेंसी के 7 रिस्क

0
23

दोस्तों हम सभी जानते हैं, कि प्रेगनेंसी एक विशेष परिस्थिति होती है. जिसमें बहुत ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, लेकिन जाड़े के मौसम की तुलना में गर्मियों के मौसम में प्रेगनेंसी क्यों ज्यादा रिस्की होती है. इसके पीछे कुछ कारण है. जिन पर हम चर्चा करने जा रहे हैं. हमें लगता है, कि यह बात हर एक गर्भवती स्त्री को पता होना चाहिए.

गर्मियों में प्रेगनेंसी के 7 रिस्क

दोस्तों प्रेगनेंसी के दौरान एक बात कही जाती है, कि हमें गर्म चीजें बिल्कुल भी नहीं खानी चाहिए. गरम से यहां अर्थ है गर्म तासीर का भोज्य पदार्थ क्योंकि यह संकुचन पैदा कर देता है, और बच्चा समय से पहले पैदा होने की संभावना रहती है. प्रेग्नेंसी के दौरान मिसकैरेज होने की संभावना बन जाती है.

गर्मियों के मौसम में हमारे शरीर की गर्मी वातावरण में ट्रांसफर नहीं हो पाती है. बल्कि कहे तो अगर वातावरण ज्यादा गर्म है, तो गर्मी उल्टा हमारे शरीर के अंदर ट्रांसफर हो सकती है. गर्मियों की तुलना में जाडो के मौसम में प्रेगनेंसी ज्यादा सुरक्षित रहती है.

डिहाइड्रेशन की समस्या का रिस्क

गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडा बनाए रखने के लिए लगातार हमारे शरीर से पसीना बहता रहता है. जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, और डिहाइड्रेशन की समस्या नजर आ सकती है.

इसलिए गर्मियों की प्रेगनेंसी में रिस्क तो होता ही है. इस परेशानी से बचने के लिए महिलाओं को लगातार उचित मात्रा में पानी पीते रहना बड़ा ही आवश्यक रहता है.

भोजन की गुणवत्ता और पोषण

गर्मियों के मौसम में भोजन अधिक तेजी से खराब होता है. उसके पोषक तत्व अधिक तेजी से समाप्त होते हैं. ऐसे में कभी-कभी थोड़ा सा रखा हुआ भोजन भी नुकसानदायक हो सकता है.

इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वह गर्मियों के मौसम में केवल ताजा भोजन खाएं.

संक्रमण का खतरा अधिक

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, और जब गर्मियों के मौसम में बारिश होती है, तो वातावरण के अंदर संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा उत्पन्न हो जाता है.

ऐसे में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को हमेशा संक्रमण का खतरा बना रहता है. सावधान रहने की आवश्यकता है.

इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी केयर 80 टिप्स

इन्हें भी पढ़ें : गर्भावस्था में बेड रेस्ट की तैयारी की जरूरी टिप्स

इन्हें भी पढ़ें : गर्भवती होने का सबसे सही समय

इन्हें भी पढ़ें : गर्भावस्था के दौरान बार-बार पेशाब आने के 6 कारण है

हाइपर्थर्मिया की समस्या

अत्यधिक गर्मी के कारण गर्भवती महिला में हाइपर्थर्मिया की समस्या नजर आ सकती है. जिसमें बार-बार बुखार रहता है. कुछ शोधों से यह बात सामने आई है, कि गर्म तापमान के कारण कभी-कभी मृत बच्चे का जन्म भी हो जाता है.

समय से पहले शिशु का जन्म भी देखा गया है, और शिशु कम वजन का होता है यह समस्या भी नजर आती है.

जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा

कनाडा में हुई एक रिसर्च के अनुसार, हालांकि कनाडा में गर्मियों का मौसम बहुत छोटा होता है. जाड़े का मौसम बहुत बड़ा होता है.

वहां पर एक रिसर्च की गई जिसमें यह पाया गया कि जिन महिलाओं की प्रेगनेंसी गर्मियों के मौसम में होती है उनमें जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा जाडो की प्रेगनेंसी की तुलना में 3 गुना ज्यादा होता है.

जेस्टेशनल डायबिटीज एक अस्थाई अवस्था है, जो गर्भावस्था के दौरान पैदा होती है. असल में जिन महिलाओं को टाइप टू डायबिटीज का खतरा अधिक हो उनमें बाद में सेहत संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है.

यह शिशु की सेहत पर भी काफी फर्क डालती है. शिशु का वजन या तो अधिक हो जाएगा या शिशु जन्म समय से पहले ले लेगा और आगे चलकर भी शिशु को टाइप टू डायबिटीज का खतरा रहता है.

अधिक गर्मी का खतरा

इसलिए गर्मियों की प्रेगनेंसी में ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है इसके लिए आपको ऐसे स्थान पर रहना चाहिए जहां पर वेंटिलेशन प्रॉपर हो ताजी हवा का आवागमन बना रहे आपको अपने आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

अपने शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए भोजन हमेशा ताजा ही खाएं और गर्म तासीर के भोजन से बचें.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें