आज हमको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने वाले हैं जो यह बताते हैं कि महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण का विकास रुक गया है। यह गर्भ में बेबी की ग्रोथ नहीं होने के लक्षण हैं। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
You May Also Like : गर्भावस्था के प्रथम सप्ताह में नजर आने वाले लक्षण
You May Also Like : बेकिंग सोडा और यूरिन से कैसे करते हैं जेंडर प्रेडिक्शन केवल 1 मिनट में
न सुनाई दे बच्चे की धड़कन
जब प्रेग्नेंसी पहली तिमाही में होता है तो डॉक्टर डॉप्लर की मदद से बच्चे के दिल की धड़कने सुनता है। 9 या 10 सप्ताह के बाद बच्चे की हार्टबीट सुनाई देने लगती है और बच्चा एम्ब्रायो से फिटस में बदल जाता है। बच्चे की स्थिति और प्लेसेंटा प्लेसमेंट की वजह से कई बार बच्चे के दिल की धड़कनें नहीं सुनाई देती है। प्रेग्नेंट महिला को डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर की मदद से बच्चे की धड़कन सुनते ही रहना चाहिए.
एचसीजी का स्तर कम होना
ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोफिन एक प्रेग्नेंसी हॉर्मोन है, जो सिर्फ गर्भवती महिलाओं में ही उत्पादित होता है। यह बहुत आवश्यक हारमोंस है। हालांकि एचसीजी का स्तर गर्भावस्था के दौरान कम-ज्यादा होता रहता है. लेकिन जब सामान्य से नीचे होता है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है।
You May Also Like : अल्कोहल से जेंडर प्रिडिक्शन 1 मिनट में
You May Also Like : घर पर चीनी से प्रेगनेंसी कैसे चेक करें
You May Also Like : प्रेगनेंसी से बचने के घरेलू उपाय
प्रेगनेंसी में रक्त स्राव
डिस्चार्ज
प्रेग्नेंसी के दौरान वेजिनल डिस्चार्ज होना सामान्य है। फिर भी अगर ऐसा कुछ होता है तो आपको डॉक्टर की परामर्श जरूर लेनी चाहिए।
स्राव में एम्नियोटिक फ्लूड भी होता है जो बच्चे को गर्भ में बचाकर रखता है। फ्लूड का स्राव बढ़ना संकेत है कि एम्नियोटिक फ्लूड का थैला टूट गया है और भ्रूण की वृद्धि बंद हो गई है।
You May Also Like : गर्भ में बेटा या बेटी जानने का मिस्र का तरीका
You May Also Like : पल्स विधि द्वारा जेंडर प्रिडिक्शन
अल्ट्रासाउंड में गड़बड़
पहली तिमाही में ही अल्ट्रासाउंड होता है। इसके दौरान बच्चे की पोजिशन, उनका आकार और उनके विकास की जांच की जाती है। अगर अल्ट्रासाउंड में बच्चे की गतिविधि सही नहीं होती है, तो डॉक्टर उनके माता-पिता को सम्पर्क करते हैं।