हम आपको बताएंगे किस बर्तन में खाना बनाने से प्रकार के फायदे मिलते हैं. और किस प्रकार के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर को नुकसान होता है .
You May Also Like : प्रेगनेंसी में आयरन और कैल्शियम की गोलियां साथ न लें
मुख्यता प्राचीन काल से अब तक सोना, चांदी, तांबा, पीतल, एलमुनियम, कांच और मिट्टी के बर्तन मुख्य रूप से प्रयोग में लाए जाते हैं. इन सभी प्रकार के पात्रों को भोज्य पदार्थों के लिए प्रयोग करने में किस प्रकार के लाभ हैं. किस प्रकार के हानि है. उस पर चर्चा कर लेते हैं.
सोने के बर्तन – Pregnancy me Sone ke Bartan
दोस्तों सोना एक बहुत ही महंगी धातु है. आम जनता इसके बने बर्तन प्रयोग में नहीं ला सकती है. मुख्यतः इस प्रकार के बर्तन प्राचीन काल में राजा महाराजाओ के खाने के लिए प्रयोग में लाए जाते थे. आज के समय में भी धनी परिवार सोने के बर्तनों का प्रयोग करते हैं.
अगर व्यक्ति सोने के बर्तन का प्रयोग खाने में करता है. तो इससे उसकी आंखों की रोशनी अच्छी रहेगी . सोना काम शक्ति को बढ़ाने में भी बहुत ज्यादा सहायक होता है.
सोना एक गर्म धातु मानी जाती है , यह शरीर को अत्यधिक बल प्रदान करती है, सोने के बर्तनों का प्रयोग करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते हैं.
You May Also Like : गर्भावस्था में नींबू खाने के नुकसान और फायदे
चांदी के बर्तन – Pregnancy me Chandi ke Bartan
चांदी के बर्तन भी सोने के बर्तनों की तरह ही महंगे होते हैं. लेकिन इतने महंगे नहीं होते हैं, जितना कि सोना होता है.
मुख्यतः मध्यम वर्गीय परिवारों में छोटे बच्चों के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग खाना खिलाने के लिए किया जाता है.
चांदी के बर्तन सोने के बर्तनों की तुलना में अधिक प्रचलित हैं, चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है. शरीर को शांत रखती है.
इसके पात्र में भोजन बनाने और करने से दिमाग तेज होता है. आयुर्वेद के अनुसार चांदी के बर्तन सोने के बर्तनों की तुलना में अधिक फायदेमंद माने गए हैं.
चांदी के बर्तनों में खाना खाने से कफ, वात, पित्त तीनों तरह के लोग शांत रहते हैं. चांदी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है.
You May Also Like : गर्भावस्था में कब आंवला खाना चाहिए कब नहीं खाना चाहिए
कांसे के बर्तन- Pregnancy me Kase ke Bartan
कांसे के बर्तनों को खाना खाने के लिए बहुत ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. यह आम जन की पहुंच में आने वाली धातु है. कांसे के बर्तन में खाना खाने से भूख बढ़ती है. बुद्धि तेज होती है. यह रक्तपित को शांत करता है. तथा रक्त की शुद्धता को बनाए रखता है. जिसके कारण बहुत से रोग शरीर को छू नहीं पाते हैं. इस बर्तन के प्रयोग से मात्र 3 से 4% ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं.
बस इस बात का ध्यान रहे कि कांसे के बर्तन में खट्टी चीजें नहीं खानी चाहिए, क्योंकि कांसे की धातु से रिएक्शन करके खट्टी चीजें विषैला तत्व बनाती है. जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.
तांबे के बर्तन – Pregnancy me Thabe ke Bartan
भारतीय समाज में प्राचीन समय में तांबे के बर्तनों का प्रयोग भी बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता था. तांबे के बर्तन में मुख्यतः पानी को स्टोर किया जाता है. क्योंकि तांबे के बर्तन में पानी रखने से वह शुद्ध हो जाता है. उसके भीतर उपस्थित सभी विषाणु समाप्त हो जाते हैं.
तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से शरीर निरोगी बनता है. रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति अच्छी होती है.
लीवर संबंधी समस्या दूर होती है. बस एक बात का ध्यान रखें तांबे के बर्तन का प्रयोग दूध के लिए नहीं किया जाता, दूध में विषैले गुण आ जाते हैं.
तांबे का बर्तन भोजन की पौष्टिकता को बनाए रखता है.
पीतल के बर्तन Pregnancy me Sone ke Bartan
पीतल का बर्तन भी भोज्य पदार्थों की पौष्टिकता को बनाए रखता है. पीतल का बर्तन केवल 7% पोषक तत्वों को ही नष्ट कर पाता है. 93% पोषक तत्व खाद्य पदार्थों में बने रहते हैं.
अगर आप पीतल के बर्तन का प्रयोग भोज्य पदार्थों के लिए करते हैं इससे आपको कृमि रोग नहीं होगा साथ ही साथ कफ और वायु जनित रोगों से शरीर की सुरक्षा होगी.
You May Also Like : गर्भावस्था में स्वस्थ रहने के लिए 5 बेहतरीन जूस
लोहे के बर्तन – Pregnancy me Iron ke Bartan
लोहा उष्मा का अच्छा सुचालक होता है जिसकी वजह से बर्तन चारों तरफ से बराबर गर्म होता है. भोजन अच्छे से पकता है, लोहा रक्त के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाता .है इसके कारण रक्त की शक्ति बढ़ती है.
हमारे शरीर को आंतरिक और बाह्य बल मिलता है शरीर की energy भी बहुत अधिक बनी रहती है. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. लोहा कई रोग को खत्म करता है.
पांडू रोग मिटाता है.
शरीर में सूजन और पीलापन नहीं आने देता.
कामला रोग को खत्म करता है.
पीलिया रोग को दूर रखता है.
स्टील के बर्तन –Pregnancy me Steel ke Bartan
आज के समय में स्टील के बर्तन बहुत ज्यादा प्रयोग में लाए जाते हैं. क्योंकि स्टील एक सस्ता धातु है.ऊष्मा का अच्छा सुचालक है. भोजन अच्छे से पकता है.
स्टील ना तो भोज्य पदार्थ की पौष्टिकता को बढ़ाता है. और ना ही इसकी पौष्टिकता को कम करता है.
कांच के बर्तन – Pregnancy me Kanch ke Bartan
आजकल कांच के बर्तन भी चलन में है. यह उष्मा के कुचालक होते हैं. इसलिए खाना पकाने में इनका प्रयोग नहीं किया जाता है. बना हुआ खाना रखने और परोसने में इनका प्रयोग होता है. कांच खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले अम्ल, क्षार व लवण आदि से प्रतिक्रिया नहीं करता.
कांच के बर्तन महंगे होते हैं, और उनके टूटने की संभावना सबसे अधिक होती है.
You May Also Like : गर्भावस्था में कब दूध पीना चाहिए और कब नहीं पीना चाहिए
एल्युमिनियम के बर्तन – Pregnancy me Aluminum ke Bartan
जिन बर्तनों का प्रयोग में खाना बनाने के लिए नहीं करना चाहिए वह है. एल्मुनियम के बर्तन, यह एक जहरीला तत्व है. जो हमारे भोजन के 75% से अधिक पोषक तत्वों को नष्ट कर देता है. आयुर्वेद के अनुसार यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है. इसलिए इससे बने पात्र का उपयोग नहीं करना चाहिए.
इससे हड्डियां कमजोर होती है.
मानसिक बीमारियाँ होती है.
लिवर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है.