हम बस यही बताना चाहते हैं कि Delivery pain तो होता ही है, लेकिन इतना भी ज्यादा परेशानी नहीं होती है, जितनी परेशानी महिला को सोच सोच कर होती है.
आज हम आपसे लेबर पेन शुरू होने के समय को कैसे जाने उसके क्या-क्या लक्षण होते हैं इस संबंध में चर्चा करने वाले हैं.
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महिला की डिलीवरी डेट – Mahila ki Delivery Date
महिला की डिलीवरी पेन का सीधा संबंध महिला के डिलीवरी डेट से होता है. डिलीवरी डेट को निकालने का बड़ा ही सीधा तरीका है. जिस दिन महिला के लास्ट पीरियड शुरू हुए थे, उस दिन से ठीक 40वें हफ्ते का आखरी दिन जो होता है. उस दिन डिलीवरी डेट मान ली जाती है.
अब ऐसा भी नहीं है, कि जो डेट निकल कर आई है. उसी दिन डिलीवरी शुरू हो जाए. उससे दो-चार दिन आगे या पीछे कभी-कभी दस से 12 दिन आगे पीछे भी लेबर पेन शुरू हो सकते हैं.
जब भी किसी महिला को लेबर पेन या डिलीवरी पेन शुरू होते हैं. उसके कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं. जिनको जानकर आप बड़ी आसानी से अपनी डिलीवरी डेट का पता लगा पाएंगे.
प्रसव के लक्षण – Prasav ke Lakshan
दोस्तों हम जो लक्षण आपको यहां बता रहे हैं. जरूरी नहीं कि यह सभी के सभी लक्षण एक ही महिला को नजर आए. इनमें से कुछ लक्षण किसी एक महिला को नजर आ सकते हैं, और दूसरे कुछ लक्षण किसी दूसरी महिला को नजर आ सकते हैं.
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1. महिला का पेट खराब होना
जैसे-जैसे महिला की डिलीवरी पेन का समय नजदीक आता जाता है वैसे वैसे महिला का पेट खराब हो सकता है या तो महिला को कब्ज की शिकायत हो जाती है या फिर डायरिया वगैरह हो जाता है.
2. ग्रीवा का आकार बदलना
जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता जाता है. वैसे वैसे महिला की ग्रीवा पतली होकर फैलने लगती है. यह 10 सेंटीमीटर तक फैल सकती है. इस लक्षण के आधार पर यह पहचाना जा सकता है, कि डिलीवरी पेन में कुछ ही समय बचा है.
3. जोड़ों और मांसपेशियों में खिंचाव
जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता जाता है. कुछ महिलाओं के जोड़ों और मांसपेशियों में खिंचाव सा महसूस होने लगता है. यह डिलीवरी पेन का संकेत हो सकता है.
4. नींद का अधिक आना
प्रसव का समय पास आने पर गर्भवती महिलाओं को बहुत नींद आ सकती है. उन्हें कमज़ोरी भी महसूस हो सकती है. इस दौरान गर्भवती महिलाएं बार-बार सोने की कोशिश करती हैं. लेकिन बेचैनी के कारण उन्हें सोने में परेशानी होती है. ये प्रसव के साथ-साथ लेबर पेन शुरू होने के समय के करीब आने का लक्षण हो सकता है.
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5. शिशु का नीचे की ओर आना
प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों में शिशु धीरे-धीरे नीचे की ओर सरकना शुरू हो जाता है. पेट का ऊपरी हिस्सा खाली खाली सा महसूस होने लगता है. समझ लीजिए आपके डिलीवरी का समय नजदीक आ गया है. लेबर पेन होने में कुछ ही समय बाकी है.
6. म्यूकस के साथ खून का आना
गर्भावस्था के पहले महीने में म्यूकस के साथ खून का आना प्रसव प्रक्रिया की शुरुआत होने का लक्षण हो सकता है. जब गर्भाशय ग्रीवा प्रसव के लिए तैयार होने के लिए परिपक्व होना शुरू करती है, तो म्यूकस प्लग बाहर निकलने लगता है, और इसके साथ रक्त भी आ सकता है.
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7. महिला की एनर्जी का बढ़ना
महिला की एलर्जी का बढ़ना एनर्जी कभी-कभी प्रेग्नेंसी के अंतिम समय में यह भी देखा गया है, कि महिलाओं की एनर्जी एकाएक बढ़ जाती है.
वह अपने आप को काफी एक्टिव महसूस करने लगती हैं. यह डिलीवरी से पहले का समय होता है. जब आपको डिलीवरी की तैयारी करनी होती है.
8. त्वरित भावनात्मक परिवर्तन
प्रेगनेंसी के अंतिम समय में कुछ महिलाओं के साथ ऐसा होता है, कि उनका जो भावनात्मक स्तर है. उसमें काफी उतार-चढ़ाव आने लगता है.
कभी-कभी वह बहुत ज्यादा भावुक हो जाती है. कभी-कभी चिड़चिड़ी भी हो जाती हैं. यह सब हारमोंस में तेजी से आने वाले परिवर्तन की वजह से होता है. समझ जाइए कि लेबर पेन शुरू होने वाले हैं.
अगर आपको प्रेगनेंसी के अंतिम दिनों में इन सब में से कुछ लक्षण नजर आने वाले होते हैं तो समझ जाइए कि आपको डिलीवरी पेन शुरू होने वाले हैं.