नमस्कार दोस्तों दोस्तों इंसान की आदत होती है कि वह जब तक किसी कार्य में पड़ ना जाए तब तक उसके बारे में जानने की कोशिश ही नहीं करता. यही बात प्रेगनेंसी के लिए भी मान्य है जब तक महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं होती है तब तक वह उसकी तैयारी और उसमें क्या-क्या देखभाल और क्या क्या खाना पीना चाहिए इस संबंध में जानने की कोशिश भी नहीं करती हैं.
और प्रेगनेंसी हो जाने के बाद वह जानना चाहती हैं कि अब उन्हें क्या-क्या देखभाल रखनी है हम आपको कुछ टिप्स अपने इस POST के माध्यम से प्रेगनेंसी में क्या-क्या देखभाल रखें इस संबंध में बताने जा रहे हैं दोस्तों यह हमारी सीरीज का पांचवां POST है इससे पहले भी हमने 4 और POST पोस्ट किए हैं जिसमें हमने प्रेगनेंसी को लेकर उसके टिप्स को लेकर बात की है आप उनका भी रेफरेंस जरूर ले.
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प्रेगनेंसी महिला के लिए एक ऐसी अवस्था है जिसमें कि जितना भी आप ख्याल रखें उतना ही उतना ही कम होता है यह 9 महीने महिला को बहुत सोच समझकर बिताने होते हैं. क्योंकि यह एक ऐसी अवस्था होती है जिस में जरा सी भी की गई लापरवाही पूरी जिंदगी निभानी पड़ सकती है.
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गर्भावस्था के प्रारंभिक तीन महीनों में कई महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस या जी मचलाने या मितली आने की शिकायत होती है, इसके लिए हमारी तरफ से एक छोटी सी सलाह है, आप सुबह उठते ही थोड़ा सा बिस्किट खा ले बिस्किट की क्वालिटी थोड़ा अच्छी रखें जो आपके लिए फायदेमंद हो इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं कि हमारे लिए कौन से बिस्किट फायदेमंद है प्रेगनेंसी में खाए जाने वाले स्पेशल बिस्किट भी आते हैं.
सभी कार्यों से निवृत्त होने के बाद आप हल्का फुल्का नाश्ता कर सकती हैं फल और सलाद खा सकती हैं और थोड़ी थोड़ी देर बाद आप कुछ ना कुछ लेते रहे.
बच्चे के समुचित विकास के लिए मां की खुराक में ज्यादा कैलोरी, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम आवश्यक है.
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दालों और अंकुरित अनाजों में प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है जिन को भिगो कर रख देते हैं वह सुबह तक अंकुरित हो जाते हैं.
अगर आप प्रेग्नेंसी के समय चार पांच प्रकार की दालों को बनाकर खाते हैं तो यह आपके लिए अच्छी बात होगी प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मिलेगा साथ में दूसरे पोषक तत्व भी प्राप्त होंगे.
इनके अलावा मूंगफली, छोले, राजमा, भुने चने और हो सके तो सूखे मेवे का नियमित सेवन करना चाहिए। सोयाबीन भी प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है.
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एक तो आपको सफाई का बहुत ध्यान रखना होगा इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि जो अंकुरित अनाज आप खाने के लिए तैयार कर रही हैं वह किसी भी प्रकार से संक्रमित ना हो.
दूसरा हम अंकुरित अनाज को फ्राई करके भी खा सकते हैं यह भी अच्छा ऑप्शन है .
और दूसरा एक तरीका और है अगर आप उबलते हुए पानी में अंकुरित अनाज को 20 से 30 सेकंड के लिए डालकर फिर से निकलने निकाल ले इससे उसका जो पौष्टिकता है वह भी नष्ट नहीं होगी और जो कोई बैक्टीरिया लगने का खतरा हो गया हो वह भी समाप्त हो जाएगा.
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आपका शरीर आपके अनुसार ढला होता है, उसकी कार्यक्षमता उतनी ही होती है जितनी आप को रोजमर्रा की जिंदगी में आवश्यक होती है लेकिन जैसे ही प्रेगनेंसी आ जाती है तो उसका कार्य बहुत ज्यादा बढ़ जाता है अर्थात शरीर की कार्य क्षमता से अधिक कार्य शरीर को करना पड़ता है इसी वजह से प्रेगनेंसी में आपको आराम करना और भरपूर नींद लेना दोनों ही आवश्यक होते हैं.
अगर आप उतनी ही क्षमता से कार्य करेंगे जितनी क्षमता से आप प्रेगनेंसी के बिना किया करती थी इसका मतलब सीधा है कि आप अपने शरीर की क्षमता का पूर्ण उपयोग कर रही हैं
इसका सीधा मतलब है कि शरीर गर्भस्थ शिशु की उतनी देखभाल नहीं कर पाएगा इसलिए आपको अपनी कार्यक्षमता में कमी भी करनी है और आपको शरीर को पूर्ण रूप से आराम देने के लिए कंपलीट नींद लेनी है.
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इसलिए महिला को इस प्रकार के खाद्य पदार्थ अपने भोजन में शामिल करने हैं जिनमें आयरन की मात्रा अधिक पाई जाती है साथ ही साथ अगर आप किसी महिला डॉक्टर के संपर्क में है तो वह आपको आयरन की गोलियां खाने के लिए बताती है, ताकि आपके शरीर में किसी भी प्रकार से खून की कमी ना होने पाए. खून की कमी होना अर्थात
बच्चे का दुर्बल हो ना
बच्चे का कमजोर होना
उसका सही से विकास ना होना
आप इसको ऐसा मान सकते हैं
कुछ खाद्य पदार्थ किस प्रकार से हैं, जो एनीमिया नहीं होने देते हैं.
इससे बचने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, सलाद खाना आवश्यक है.
विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ भी लीजिए क्योंकि विटामिन सी होने से आयरन अच्छी तरह से शरीर में अवशोषित हो जाता है.
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मॉर्निंग सिकनेस TIPS - Morning Sickness Tips
गर्भावस्था के प्रारंभिक तीन महीनों में कई महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस या जी मचलाने या मितली आने की शिकायत होती है, इसके लिए हमारी तरफ से एक छोटी सी सलाह है, आप सुबह उठते ही थोड़ा सा बिस्किट खा ले बिस्किट की क्वालिटी थोड़ा अच्छी रखें जो आपके लिए फायदेमंद हो इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं कि हमारे लिए कौन से बिस्किट फायदेमंद है प्रेगनेंसी में खाए जाने वाले स्पेशल बिस्किट भी आते हैं.
सभी कार्यों से निवृत्त होने के बाद आप हल्का फुल्का नाश्ता कर सकती हैं फल और सलाद खा सकती हैं और थोड़ी थोड़ी देर बाद आप कुछ ना कुछ लेते रहे.
बच्चे के समुचित विकास के लिए मां की खुराक में ज्यादा कैलोरी, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम आवश्यक है.
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वैसे तो यह है आम प्रेग्नेंट महिला का मामला नहीं है कि कितनी प्रोटीन की आवश्यकता है कितनी प्रोटीन की आवश्यकता नहीं है फिर भी महिला को ऐसे खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए जिसमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा में हो. इसके लिए महिलाओं को बहुत कुछ खास जानने की आवश्यकता नहीं है बस इतना जान ले कि कौन कौन से ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है बस उन खाद्य पदार्थों को खाए,प्रोटीन की आवश्यकता - Protein ke Need
दालों और अंकुरित अनाजों में प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है जिन को भिगो कर रख देते हैं वह सुबह तक अंकुरित हो जाते हैं.
अगर आप प्रेग्नेंसी के समय चार पांच प्रकार की दालों को बनाकर खाते हैं तो यह आपके लिए अच्छी बात होगी प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मिलेगा साथ में दूसरे पोषक तत्व भी प्राप्त होंगे.
इनके अलावा मूंगफली, छोले, राजमा, भुने चने और हो सके तो सूखे मेवे का नियमित सेवन करना चाहिए। सोयाबीन भी प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है.
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अंकुरित अनाज खाने में सावधानी जैसा कि हम अभी बात कर ही रहे थे कि प्रोटीन के लिए अंकुरित अनाज खाना बहुत ज्यादा पौष्टिक होता है और उसमें दूसरे प्रकार के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं लेकिन अंकुरित अनाज को खाने में एक दिक्कत होती है दिक्कत यह है कि हम अंकुरित अनाज को कच्चा ही खाते हैं और प्रेगनेंसी में कच्चा खाना ठीक नहीं होता है क्योंकि कच्चे भोज्य पदार्थ में बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है और अंकुरित अनाज में एक प्रॉब्लम यह है कि अंकुरण वाले स्थान से बैक्टीरिया अनाज के अंदर पहुंच सकते हैं और धुले से ही बाहर नहीं निकलेंगे इसके लिए 3 कार्य आवश्यक हैअंकुरित अनाज खाने में सावधानी - Ankurit Anaaj Khaane mein Saavadhaanee
एक तो आपको सफाई का बहुत ध्यान रखना होगा इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि जो अंकुरित अनाज आप खाने के लिए तैयार कर रही हैं वह किसी भी प्रकार से संक्रमित ना हो.
दूसरा हम अंकुरित अनाज को फ्राई करके भी खा सकते हैं यह भी अच्छा ऑप्शन है .
और दूसरा एक तरीका और है अगर आप उबलते हुए पानी में अंकुरित अनाज को 20 से 30 सेकंड के लिए डालकर फिर से निकलने निकाल ले इससे उसका जो पौष्टिकता है वह भी नष्ट नहीं होगी और जो कोई बैक्टीरिया लगने का खतरा हो गया हो वह भी समाप्त हो जाएगा.
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महिला अपनी लाइफ में कितनी भी बिजी क्यों ना रहती हो लेकिन अगर वह प्रेगनेंसी के दौर से गुजर रही है तो उसे भरपूर नींद लेना अत्यधिक आवश्यक है.भरपूर नींद लें - Bharapoor Neend Le
आपका शरीर आपके अनुसार ढला होता है, उसकी कार्यक्षमता उतनी ही होती है जितनी आप को रोजमर्रा की जिंदगी में आवश्यक होती है लेकिन जैसे ही प्रेगनेंसी आ जाती है तो उसका कार्य बहुत ज्यादा बढ़ जाता है अर्थात शरीर की कार्य क्षमता से अधिक कार्य शरीर को करना पड़ता है इसी वजह से प्रेगनेंसी में आपको आराम करना और भरपूर नींद लेना दोनों ही आवश्यक होते हैं.
अगर आप उतनी ही क्षमता से कार्य करेंगे जितनी क्षमता से आप प्रेगनेंसी के बिना किया करती थी इसका मतलब सीधा है कि आप अपने शरीर की क्षमता का पूर्ण उपयोग कर रही हैं
इसका सीधा मतलब है कि शरीर गर्भस्थ शिशु की उतनी देखभाल नहीं कर पाएगा इसलिए आपको अपनी कार्यक्षमता में कमी भी करनी है और आपको शरीर को पूर्ण रूप से आराम देने के लिए कंपलीट नींद लेनी है.
You May Also Like : क्या प्रेगनेंसी में मूंगफली खा सकते हैं जानिए
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एनीमिया देखा जाए तो एक टेक्निकल शब्द है इसका मतलब होता है शरीर में खून की कमी. प्रेग्नेंसी के समय महिला के शरीर में खून की कमी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है क्योंकि शरीर में जितना ज्यादा खून रहेगा जितना ज्यादा हीमोग्लोबिन रहेगा उतना ही ऑक्सीजन शरीर तक पहुंचेगा और उतनी ही ज्यादा शक्ति शरीर में पैदा होगी. यह शक्ति गर्भस्थ शिशु के पोषण का कार्य करेगी उसे ताकत प्रदान करेगी.एनीमिया से बचे - Eneemiya se Bache
इसलिए महिला को इस प्रकार के खाद्य पदार्थ अपने भोजन में शामिल करने हैं जिनमें आयरन की मात्रा अधिक पाई जाती है साथ ही साथ अगर आप किसी महिला डॉक्टर के संपर्क में है तो वह आपको आयरन की गोलियां खाने के लिए बताती है, ताकि आपके शरीर में किसी भी प्रकार से खून की कमी ना होने पाए. खून की कमी होना अर्थात
बच्चे का दुर्बल हो ना
बच्चे का कमजोर होना
उसका सही से विकास ना होना
आप इसको ऐसा मान सकते हैं
कुछ खाद्य पदार्थ किस प्रकार से हैं, जो एनीमिया नहीं होने देते हैं.
इससे बचने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, सलाद खाना आवश्यक है.
विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ भी लीजिए क्योंकि विटामिन सी होने से आयरन अच्छी तरह से शरीर में अवशोषित हो जाता है.
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