गर्भपात के कारण, लक्षण और भावनात्मक प्रभाव | Garbhpat ke Bad Kaise Rakhe aapna Dhyan

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हम गर्भपात हो जाने के बाद कुछ समस्याएं आती हैं. उनमें से दो तीन समस्याओं पर हम चर्चा करेंगे हमारे टॉपिक हैं
गर्भपात के बाद किस प्रकार के लक्षणों का अनुभव होता है.

किसी भी गर्भवती स्त्री को गर्भपात के बाद पूरी तरह से उभरने में ठीक होने में कितना समय लग सकता है.

एक महिला भावनात्मक रूप से प्रेगनेंसी गर्भपात के बाद किस प्रकार का अनुभव करती है. क्या महसूस करती है. इस पर चर्चा करेंगे.

प्रेगनेंसी के शुरू के तीन महीनों में गर्भपात की समस्या काफी ज्यादा देखने में आती है. इन कमप्लीकेशन से में कुछ चीजें हैं जैसे कि –

गर्भपात के कारण, लक्षण  और भावनात्मक प्रभाव

गर्भपात के कारण

  • स्त्री और पुरुष के जींस कभी-कभी आपस में सही तरह कैसे सही तरह से bounding नहीं कर पाते हैं तो गर्भपात की स्थिति बन जाती है.
  • कभी-कभी गर्भ गर्भाशय में स्थापित सही तरीके से नहीं हो पाता है, गर्भपात हो सकता है .
  • महिला का गर्भाशय छोटा हो सकता है, या उसमें कोई रसोली  या गांठ या किसी और प्रकार की समस्या हो सकती है.
  • पुरुष का स्पर्म भी अगर कमजोर होता है, तो भी गर्भपात हो सकता है.
  • कभी-कभी अनजाने में महिला किस प्रकार की एक्टिविटी कर बैठती है. जिसकी वजह से गर्भपात की समस्या नजर आ जाती है.
  • अगर महिला को थायराइड की समस्या है तब भी गर्भपात हो सकता है.

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गर्भपात के बाद आने वाले लक्षण

अगर दुर्भाग्यवश किसी माता बहन के साथ गर्भपात की स्थिति बनती है, तो किस प्रकार के लक्षणों उसके बाद नजर आते हैं. उन पर एक बार चर्चा करेंगे. क्योंकि इन लक्षणों का आना सामान्य होता है. इनमें ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं होती है, आप इन लक्ष्यों से संबंधित ट्रीटमेंट डॉक्टर से लेते रहें. यह धीरे-धीरे स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं.

  • गर्भपात के बाद एक लक्षण काफी सामान्य है. इसके बाद अधिकतर महिलाओं को रक्त स्राव की समस्या का सामना करना पड़ता है. यह अक्सर आप कुछ दिनों तक चल सकता है. किसी किसी महिला को यह हल्का और किसी किसी महिला को भारी रक्त स्राव हो सकता है.
  • गर्भपात हो जाने के बाद महिला को अपने पेट में दर्द का अनुभव कुछ दिनों तक हो सकता है. क्योंकि अबॉर्शन नॉन नेचुरल प्रक्रिया है. इसलिए पेट दर्द होना एक सामान्य बात है.
  • मतली लगना प्रेगनेंसी होने की निशानी माना जाता है. लेकिन अगर शुरुआती दिनों में गर्भपात की स्थिति बनती है, तो उसके बाद भी कुछ दिनों तक आपको मतली लगने की समस्या नजर आ सकती है.
  • गर्भपात के बाद महिला को थोड़ा कमजोरी की स्थिति तो बनती है. ऐसी स्थिति में महिला को काफी ठंड लगने का अनुभव भी हो सकता है, और कुछ महिलाओं को यह भी शिकायत आती है, कि उन्हें काफी गर्मी लग रही है. तो यह गर्भपात के बाद सामान्य लक्षण है.
  • जैसे ही महिला गर्भवती होती है तो उसके स्तनों में दूध ग्रंथों का विकास शुरू हो जाता है, और कुछ समय बाद दूध भी बनने लगता है. ऐसे में अगर गर्भपात की स्थिति बन जाती है, तो महिला के स्तनों में बहुत ज्यादा दर्द का अनुभव होता है. इसके लिए महिला डॉक्टर से कुछ ट्रीटमेंट भी ले सकती है.
  • गर्भपात के बाद महिला को डायरिया की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है.
  • कुछ महिलाओं को कुछ समय तक उल्टियां होने की समस्या भी नजर आ सकती है.
  • तो दोस्तों यह थे कुछ सामान्य लक्षण जो गर्भपात के बाद आपको नजर आ सकते हैं. अगर आपको कुछ मामलों में लगता है, कि आपको इन लक्षणों से संबंधित समस्या कुछ ज्यादा ही हो रही है, तो फिर आपको किसी गाना गायनोलॉजिस्ट को तुरंत दिखाना चाहिए.

 गर्भपात से उभरने में कितना समय लगता है

किसी भी महिला को गर्भपात से उभरने में कितना समय लगता है यह एकदम से निश्चित नहीं है. यह कुछ चीजों पर निर्भर करता है. आइए एक बार उन पर चर्चा कर लेते हैं.

  • गर्भपात किस समय हुआ है, यह भी काफी मायने रखता है. अगर गर्भपात शुरुआती समय में जल्दी हो गया है, तो इससे उबरने में समय कम लगता है. अगर गर्भपात काफी देर से हुआ है, अर्थात 3 महीने के बाद उससे उबरने में उतना ज्यादा समय लगता है.
  • गर्भपात का असर शरीर से कितनी जल्दी समाप्त होता है. यह महिला के शारीरिक संरचना और उसके स्वास्थ्य पर भी काफी हद तक निर्भर करता है.
  • कम उम्र की महिला गर्भपात के असर से जल्दी बाहर आ जाती है. और बड़ी उम्र की महिलाओं पर गर्भपात का असर ज्यादा होता है. स्वास्थ्य लाभ देर से मिलता है.
  • गर्भपात के असर से महिला कितनी जल्दी बाहर आती है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि गर्भपात आपने किस माध्यम से कराया है. अर्थात आपने किस प्रकार की दवाइयों का प्रयोग किया है. कुछ दवाइयां काफी दर्द भी देती हैं. अगर आपने वैक्यूम की मदद से गर्भपात करवाया है, तो आपको समस्या कम होगी.

 गर्भपात के बाद भावनात्मक रूप से कैसा लगेगा

किसी भी स्त्री के लिए भावनाएं उसके अपने माइंड सेट पर निर्भर करता है, कि उसकी सोच समझ कैसी है.  लेकिन फिर भी कुछ कॉमन चीजें हैं, जो कि अधिकतर महिलाओं को महसूस होती है जैसे कि

  • आपको दुख तो होगा ही, क्योंकि आपके सपनों का महल टूट जाता है. आपको चिंता भी होगी.
  • गर्भपात हो जाने के बाद महिलाओं को अपराध बोध होने लगता है, कि उनकी गलती की वजह से ऐसा हुआ है, तो यह जरूरी नहीं कि गलती उनकी ही हो, मेडिकल कारण भी होते हैं. लेकिन यह सामाजिक परिवेश के कारण ऐसा होता है.
  • पति का स्पर्म भी कमजोर हो सकता है. इसलिए अपराध बोध महसूस करने की आवश्यकता नहीं होती है. यह एक घटना है, जो पांच में से एक महिला के साथ होती ही है.
  • कुछ मामलों में महिलाओं के दिमाग पर काफी गहरा असर होता है. क्योंकि इस बात पर भी निर्भर करता है, कि उनके ऊपर बच्चे के लिए दवाब किस प्रकार का है.
  •  जैसे कि बेबी अगर कई साल के बाद काफी मेहनत के बाद आपको प्राप्त हो रहा है, तो इस स्थिति में महिला पर काफी ज्यादा असर होता है.
  •  जिस परिवार में बच्चे की आवश्यकता ही नहीं है, और ऐसी घटना घट जाए तो उन्हें कुछ महसूस भी नहीं होता है. यह भी एक सत्य है .

लेकिन अगर महिला को काफी ज्यादा मानसिक चोट पहुंची है, दुख हुआ है, तो उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि –

  • बुरे सपने आना
  • आत्म सम्मान में कमी महसूस करना यह सिर्फ सामाजिक मान्यताओं के कारण होता है.
  • कभी-कभी महिलाएं बहुत ज्यादा खाना खाने लगती हैं, या बहुत कम खाना खाने की उनकी इच्छा होती है.
  • वह अगली गर्भावस्था के विषय में चिंता करने लगती हैं
  • उन्हें डिप्रेशन भी हो सकता है. अवसाद की भावना घर कर सकती है.

मानसिक स्थिति कुछ विशेष परिस्थितियों में ज्यादा खराब होती है.

जैसे कि पहली बार ऐसी घटना घटती है तो आज हाथ महिला को ज्यादा पहुंचता है अगर पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं गर्भपात से संबंधित तो महिला को इतना ज्यादा महसूस नहीं होता है या फिर गर्भपात के बाद यह स्थिति बनती है कि महिला आगे दोबारा मां ना बन पाए तब भी महिला को बहुत ज्यादा महसूस होता है महिला की इस स्थिति महिला को इस स्थिति से बचाने के लिए महिला के पार्टनर को और परिवार वालों को महिला का ध्यान रखना चाहिए उससे बातें करते रहना चाहिए और  घर का माहौल हल्का फुल्का रखें.

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