नमस्कार दोस्तों इस टॉपिक पर हमने आपको पहले भी एक Article दिया है, जिसके अंदर हमने आपसे चर्चा की थी. गर्भपात के बाद लक्षण किस प्रकार के नजर आ सकते हैं. साथ ही साथ महिला को ठीक होने में कितना समय लगेगा, और इसके कौन-कौन से फेक्टर हैं.
साथ ही साथ हमने यह भी चर्चा की थी, कि महिला गर्भपात की समस्या के बाद किस प्रकार से भावनात्मक रूप से प्रभावित होती है, किस किस प्रकार के मानसिक लक्षण या परेशानियां महिला को नजर आती हैं.
आज हम बात करने वाले हैं कि
रक्त स्राव खासकर गर्भपात के बाद कब तक होता हैं. (barbhpat ke bleeding ke band hote hai ).
गर्भपात के बाद गर्भ की सफाई की क्या आवश्यकता है. (garbhpat ke bad cleaning kyo jaroori).
गर्भपात के कितने दिनों बाद पीरियड्स दोबारा से नॉर्मल होते हैं. (Garbhpat ke bad period kab normal hote hai)
साथ ही साथ संतान प्राप्ति के लिए दोबारा कब कोशिश करें. (miscarriage ke bad santan ke lia kab try kare).
गर्भपात के बाद कमजोरी महसूस हो, तो क्या करें. (garbhpat ke bad kamzori ho to kya upaya kare ).
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दोस्तों एक-एक इंफॉर्मेशन आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि है आपकी सेहत से संबंधित है —
अगर आप जानना चाहती हैं, कि गर्भपात के बाद शरीर में किस प्रकार की परेशानी होती है. महिला किस प्रकार से महसूस करती है. कौन-कौन सी मानसिक दिक्कत आने की संभावना होती है, और महिला कब तक ठीक हो जाती है.
इस टॉपिक पर हम आर्टिकल दे चुके हैं.
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गर्भपात के बाद ब्लीडिंग कब तक होती है
अगर महिला को गर्भपात की समस्या नजर आती है, तो उसके बाद रक्त स्राव जिसे हम बिल्डिंग भी कहते हैं, होना काफी सामान्य बात होता है. अधिकतर मामलों में यह रक्त स्राव लगभग 10 लेकिन कुछ मामलों में यह 45 दिन तक हो सकता है. इसका मतलब यह नहीं है, कि 10 दिन होगा या 45 दिन होगा. 10 दिन से ज्यादा 45 दिन तक कुछ मामलों में रहता है.
वैसे अक्सर यह देखा गया है, कि गर्भपात जितनी जल्दी हो जाता है. रक्त स्राव इतने कम दिनों तक होता है. और ज्यादा दिनों के गर्भपात में रक्त स्राव ज्यादा दिनों तक रह सकता है.
गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई
गर्भपात जितनी देरी से होता है. उतनी ही ज्यादा इस बात की संभावना होती है, कि गर्भ की सफाई कराई जाए.
ऐसा नहीं है, कि कम दिनों के गर्भपात में इस प्रकार की आवश्यकता नहीं होती है. अगर आपको आगे भी मां बनने की इच्छा है, या आप किसी भी प्रकार के संभावित संक्रमण से बचना चाहती हैं, तो गर्भपात की सफाई आवश्यक होती है. लेकिन ऐसी ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है, कि संक्रमण होता ही है, लेकिन सावधानी के तौर पर सफाई कराना ठीक रहता है.
TIP: पीरियड्स आने के दौरान महिलाएं Reusable
Menstrual Cup का इस्तेमाल करने लगी है. आजकल यह ट्रेंडिंग प्रोडक्ट है. यह
काफी आरामदायक है. इसका प्रयोग करने से किसी भी प्रकार की लीकेज परेशानी
इत्यादि का सामना नहीं करना पड़ता है. दिन में दो-तीन बार पैड बदलने की
समस्या से मुक्ति मिल जाती है. बदबू का सामना नहीं करना पड़ता है. यह काफी
किफायती है. एक बार इसे परचेस करने के बाद इसे बार-बार प्रयोग किया जा सकता
है. यह बहुत ही अच्छी क्वालिटी की फ्लैक्सिबल मैटेरियल का बना होता है.
इसके साइज का भी ध्यान रखें.
गर्भपात के बाद गर्भधारण
किसी भी ऐसी महिला को जिसे गर्भपात के बाद रक्तस्राव की समस्या नजर आ रही है. उसे तब तक अपने पार्टनर से दूरी बनाकर रखनी है. जब तक उसे रक्तस्राव की समस्या चल रही है. उसके भी बात लगभग एक हफ्ता छोड़कर महिला को अपने पार्टनर के पास जाना चाहिए.
इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखें कि वह मानसिक और शारीरिक तौर पर अपने आप को फिट महसूस कर रही हैं. अगर उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो उन्हें रुकना चाहिए.
उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वह प्रभावी गर्भनिरोधक उपाय का पालन अवश्य कर रहे हैं.
महिला गर्भपात के बाद कितने दिनों बाद दोबारा से गर्भधारण कर सकती है. इस संबंध में महिला को अपने डॉक्टर से भी जरूर पूछना चाहिए. क्योंकि हर महिला का शरीर अलग-अलग प्रकार का होता है. और अलग-अलग स्टेज में गर्भपात की अवस्था में अलग-अलग समय अवधि के बाद दोबारा से गर्भधारण करने की सलाह देते हैं.
वैसे तो गर्भपात के बाद गर्भधारण दोबारा से होने के लिए महिला को चाहिए कि वह कम से कम 3 महीने का इंतजार अवश्य करें.
यहां हम आपको एक बात और बता दें, बहुत से विशेषज्ञ यह भी मानते हैं, कि गर्भपात के बाद अगर महिला 1 साल से ज्यादा का समय गर्भधारण के लिए लेती है. तो उसे गर्भधारण करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
गर्भपात हो जाने के बाद महिला को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए, कि वह डॉक्टर से इस बात का चेकअप जरूर कराए, गर्भपात का कारण क्या था. जिससे कि दोबारा इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े और आवश्यक पड़े तो उसके लिए आवश्यक टेस्ट और ट्रीटमेंट भी लेना चाहिए.
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गर्भपात के बाद कमजोरी
गर्भपात के बाद अक्सर महिलाओं को काफी दिनों तक कमजोरी की अवस्था का सामना करना पड़ता है. यह एक नेचुरल प्रोसेस भी है क्योंकि एक बहुत बड़ी ऊर्जा का नुकसान इस गर्भपात की प्रोसेस में होता है
इस दौरान रक्तस्राव थकान कमजोरी होना एक सामान्य बात होती है. इससे उबरने के लिए महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
गर्भपात के बाद महिलाओं को काफी आराम करने की आवश्यकता होती है. जिससे कि वह अपनी एनर्जी को दोबारा से रिस्टोर कर सके.
इस दौरान महिलाओं को पानी पीने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए उन्हें भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए.
महिला को अपने भोजन में इस प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए जिससे उसे संतुलित पोषण प्राप्त हो सके इसके लिए वह अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकती है.
महिला को चाहिए कि वह डॉक्टर की देखरेख में या किसी आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में कुछ बेसिक व्यायाम करना प्रारंभ करें.
लगभग 1 हफ्ते तक तो उसे आराम करने की सख्त आवश्यकता होती है. अगर उसे थकान महसूस हो तो उसे आराम जरूर करना चाहिए और
अपने भोजन में ठंडी तासीर के भोजन को कम से कम 15 से 20 दिन तक नहीं ले यह उनके स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक अच्छा होगा.