गर्भपात होने के कारण और समाज में मिथक
गर्भपात किसी भी महिला के लिए काफी चुनौतीपूर्ण कार्य होता है और काफी मानसिक वेदना भी प्रदान कर करता है.
गर्भपात होने के क्या कारण है. बार बार गर्भपात क्यों होता है. गर्भपात को लेकर कुछ मिथक और तथ्य इन पर बात करेंगे.
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गर्भपात होने के क्या कारण है – Garbhpath ke Karan
गर्भपात ऐसा नहीं है कि हमेशा उस महिला को होता है, जिस महिला के शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या हो या पुरुष के स्पर्म में किसी भी प्रकार की समस्या हो. गर्भपात की स्थिति किसी स्वस्थ महिला के साथ भी बन सकती है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में काफी सारे हारमोंस उत्सर्जित होते हैं. अगर किसी कारणवश हारमोंस में असंतुलन आ जाता है, तो गर्भपात की स्थिति बन जाती है. क्योंकि यह सभी हारमोंस गर्भ की सुरक्षा और उसके विकास के लिए होते हैं. इनका संतुलन रहना बहुत जरूरी होता है.
गर्भवती स्त्री की प्रतिरोधक क्षमता भी काफी मजबूत होनी चाहिए, वरना अगर महिला को संक्रमण लग जाता है तो गर्भपात की स्थिति बन जाती है.
अगर महिला के शरीर में ब्लड क्लोटिंग की समस्या आ जाती है, तो भी यह गर्भपात का कारण होता है.
अगर महिला के गर्भ में या गर्भाशय में किसी भी प्रकार की परेशानी आ जाती है, तो भी गर्भपात हो सकता है. जैसे कि अगर महिला के गर्भ में रसोली है, तो इस कारण से गर्भपात हो सकता है, या महिला का गर्भ गर्भाशय की जगह स्थान फैलोपियन ट्यूब में बढ़ रहा है, तो भी गर्भपात की संभावना बन सकती है.
अगर महिला शराब और धूम्रपान का सेवन बहुत ज्यादा करती है, तो यह गर्भपात का कारण बन सकता है.
कभी-कभी गर्भ को आघात पहुंच जाता है. चाहे वह किसी भी वजह से पहुंचे तो भी गर्भपात की स्थिति बन सकती है.
गर्भपात के कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनका बस गर्भवती स्त्री या पुरुष पर नहीं होता है.
1. इम्यूनोलॉजी डिसऑर्डर
इसका अर्थ है कि जैसे की कुछ बीमारियां होती है अस्थमा, एलर्जी ऑटोइन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम और भी काफी, ऐसी बीमारियां होती है जिनके कारण सही तरीके से भ्रूण गर्भ में आरोपित नहीं हो पाता है. गर्भपात की स्थिति बन सकती है.
2. क्रोमोजोम असामान्यता
साधारण भाषा में इसे आप ऐसे समझ सकते हो जैसे कि स्त्री और पुरुष के जब जींस मिलते हैं तो उनके मिलन से जो संरचना अर्थात भ्रूण बनता है उसके फॉर्मेशन में उस वक्त किसी प्रकार की त्रुटि आ जाती है जिसके कारण भ्रूण खराब हो जाता है और गर्भपात की स्थिति बन जाती है. क्योंकि शरीर स्वयं खराब गर्भ को आगे लेकर नहीं जाता है.
3. पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)
जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या रहती है, उनमें गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है. इस स्थिति में प्रोजेस्ट्रोन व एस्ट्रोजन हार्मोंस का संतुलन बिगड़ जाता है, जिस कारण गर्भधारण के लिए अंडे विकसित नहीं हो पाते हैं.
4. असामान्य गर्भाशय
कभी-कभी महिला का गर्भाशय का आकार इस प्रकार का होता है कि वह भ्रूण का विकास सही तरीके से नहीं कर पाता है और गर्भपात हो जाता है
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Menstrual Cup का इस्तेमाल करने लगी है. आजकल यह ट्रेंडिंग प्रोडक्ट है. यह
काफी आरामदायक है. इसका प्रयोग करने से किसी भी प्रकार की लीकेज परेशानी
इत्यादि का सामना नहीं करना पड़ता है. दिन में दो-तीन बार पैड बदलने की
समस्या से मुक्ति मिल जाती है. बदबू का सामना नहीं करना पड़ता है. यह काफी
किफायती है. एक बार इसे परचेस करने के बाद इसे बार-बार प्रयोग किया जा सकता
है. यह बहुत ही अच्छी क्वालिटी की फ्लैक्सिबल मैटेरियल का बना होता है.
इसके साइज का भी ध्यान रखें.
बार बार गर्भपात क्यों होता है – Bar Bar GarbhPat Ke Karan
जिन महिलाओं के बार बार गर्भपात की समस्या होती है और और कोई भी कारण समझ में नहीं आता है तो ऐसी गर्भपात के पीछे क्रोमोसोम की असमानता मुख्य वजह हो सकती है. अगर स्त्री और पुरुष के क्रोमोसोम एक दूसरे से सही तरीके से मिलन नहीं करते हैं किसी प्रकार की असमानता है तो बार बार गर्भपात की स्थिति बनती है.
अधिक उम्र के कारण भी कभी-कभी बार बार गर्भपात होता रहता है अगर महिलाएं 35 वर्ष से अधिक उम्र में कोशिश करती हैं तो पुरुष के शुक्राणु और महिला के अंडे की गुणवत्ता काफी कम हो जाती है जिसके कारण गर्भपात अक्सर होता है.
अगर महिला गर्भावस्था के दौरान भागदौड़ में बिजी रहती है और अधिक यात्राएं करती है तो कभी-कभी गर्भपात इन कारणों से भी लगातार होता रहता है.
अगर महिला की योनि को बार-बार संक्रमण का शिकार होना पड़ता है या अक्सर संक्रमण रहता है तब भी गर्भपात की स्थिति बन जाती है.
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गर्भपात के बारे में कुछ तथ्य और मिथक – Myths and Facts about Abortion
अक्सर समाज में माना जाता है कि अगर महिला का एक या दो बार गर्भपात हो जाता है तो फिर वह मां नहीं बन सकती है यह मिथक सरासर गलत है अगर उसके कारण का पता लगाकर उसे दूर करके दोबारा कोशिश की जाए तो महिला मां बन सकती है.
अक्सर समाज में यह धारणा प्रचलित है कि गर्भवती स्त्री को अगर थोड़ा सा भी ब्लड आजा यार शराब हो जाए तो उसे गर्भपात मान लिया जाता है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हल्की स्पॉटिंग होना खासकर प्रेग्नेंसी के समय सामान्य बात होती है.