नमस्कार दोस्तों, गिलोय से संबंधित काफी सारी जानकारी हमने
आपको इस Article के पहले पार्ट में दी है. जिसके अंदर हमने आपको बताया था, गिलोय क्या
होती है, और यह इंफेक्शन पर क्यों इफेक्टिव होकर कार्य करती है. इम्यून सिस्टम को मजबूत
करने के लिए यह कैसे ली जा सकती है.
यह शरीर के अंदर इंफेक्शन हो जाने पर अर्थात इंफेक्शन होने
पर जब बुखार आता है, तो इसका प्रयोग किस प्रकार से विभिन्न प्रकार के नुस्खों के साथ
किया जाता है. जिससे इंफेक्शन को समाप्त किया जा सके.
दोस्तों गिलोय कैसी एक ऐसी औषधि है, जो हर प्रकार की बीमारी
में काम आती है.
इसका मतलब है कि यह एक इम्यून बूस्टर है. यह आपके प्रतिरोधक क्षमता
को ठीक करता है, और प्रतिरोधक क्षमता होने से हर बीमारी को शरीर दूर कर सकता है.
आयुर्वेद के अंदर अलग-अलग प्रकार के इंफेक्शन होने पर अलग-अलग
प्रकार के गिलोय से संबंधित नुस्खे बताए जाते हैं.
माना जाता है, कि अगर बुखार काफी लंबे समय तक आ रहा है,
और किसी भी प्रकार की मेडिसन से ठीक नहीं हो रहा है, तो ऐसे में अगर आप गिलोय घनवटी
जोकि गिलोय से तैयार एक औषधि है.
यह एक टेबलेट होती है इसका सेवन अगर रोजाना सुबह-शाम
एक-एक गोली किया जाए तो महीने भर के अंदर आने वाला लगातार कई दिनों तक आने वाला हल्का बुखार ठीक हो जाता है.
क्योंकि कोई भी बुखार तभी रहता है जब तक शरीर के अंदर किसी प्रकार का इन्फेक्शन मौजूद
होता है. यह गिलोय घनवटी हर प्रकार के इन्फेक्शन को दूर करने की क्षमता रखती है.
अगर आप गिलोय घनवटी परचेज करना चाह रहे हैं तो यह आपके
किसी भी आयुर्वेद से संबंधित मेडिकल स्टोर पर बड़ी आसानी से मिल जाएगी. आप चाहे तो
इसे ऑनलाइन भी पर चेंज कर सकते हैं.
जैसे कि बरसात का मौसम चल रहा है और इंफेक्शन का जोर भी
पूरी दुनिया के अंदर चल रहा है. अगर ऐसे में गिलोय का काढ़ा पिया जाए या फिर गिलोय
से बना जूस रोजाना अपनी दिनचर्या में शामिल किया जाए तो यह भी आपकी इम्यून सिस्टम को
काफी मजबूत रखता है.
इससे आपको किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन असर नहीं करेगा.
अगर वह इंफेक्शन आपको लग भी जाता है तो आप पर ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाएगा. गिलोय
जूस आपको किसी भी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर प्राप्त हो सकते हैं.आपको मात्र 20
एम एल रोज लेना है. आप चाहे तो यह ऑनलाइन भी परचेस कर सकते हैं.
कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे हैं जो बुखार में काफी काम आते
हैं.
डेंगू हो जाने पर गिलोय काफी कारगर होती है. गिलोय के अंदर
एंटीपायरेटिक गुण पाए जाते हैं. जिसकी वजह से बुखार में यह काफी कारगर होता है. यह साथ
ही साथ इम्यून बूस्टर भी होता है. जिससे शरीर को ताकत प्राप्त होती है.
इसके लिए आप मरीज
को खाली पेट 10 से 15 एम एल गिलोय जूस सुबह-शाम पानी में मिलाकर दें. और एक से डेढ़
1 घंटे बाद कुछ खाएं. इसके साथ-साथ डेंगू के
दूसरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए दूसरी मेडिसन भी चला सकते हैं.
अगर आपको अपच, गैस, एसिडिटी की समस्या नजर आ रही है तो आप
गिलोय चूर्ण को रात को सोते समय प्रयोग में लाएं कुछ ही दिन प्रयोग करने से आपको लाभ
नजर आएगा. इसके लिए आप एक चम्मच गिलोय चूर्ण रात को गर्म पानी से सोते समय ले.
जबसे कोरोना महामारी का नाम आया है अगर किसी को खांसी हो
जाए तो सब की सांसे थम जाती हैं. खांसी कई कारणों से होती है .अगर आपको खांसी की समस्या
नजर आ रही है, तो इसके लिए आप गिलोय का काढ़ा बनाकर शहद के साथ प्रयोग करें. आपको फायदा
अवश्य होगा. दोनों समय खाना खाने के बाद इसका प्रयोग करें 10 से 15 एम एल काढ़ा आप
एक बार में ले सकते हैं.
सामान्य बुखार हो जाने पर या किसी भी प्रकार का बुखार हो
जाने पर गिलोय घनवटी की एक से दो टेबलेट आवश्यकतानुसार अपने आयुर्वेदाचार्य से परामर्श
करके आप सुबह शाम पानी के साथ ले सकते हैं इससे किसी भी प्रकार के बुखार में सहायता
मिलती है.
अगर आपको किसी भी प्रकार की बुखार या इंफेक्शन या खांसी,
जुखाम की समस्या नहीं है तो आप रोजाना अगर गिलोय जूस का भी प्रयोग अपनी दिनचर्या में
करते हैं तो आप किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से काफी हद तक सुरक्षित रहेंगे. इसके लिए
आप गिलोय जूस के साथ-साथ गिलोय घनवटी की टेबलेट का भी प्रयोग कर सकते हैं.
जैसा कि आजकल प्रचारित किया जा रहा है कि अगर आप को सुरक्षित
रहना है तो अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करें. ऐसे में कुछ स्थितियों में गिलोय का प्रयोग नहीं
करना चाहिए ना ही आपको गिलोय जूस को पीना है ना ही गिलोय काढ़ा आपको प्रयोग करना है.
इसमें गर्भवती
महिला है जिसे गिलोय जूस या गिलोय काढ़ा का प्रयोग नहीं करना है.
साथी साथ जो महिलाएं
अपने शिशु को दूध पिला रही हैं उन्हें भी गिलोय का सेवन नहीं करना है. जिस व्यक्ति
को लो शुगर की समस्या है उसे भी गिलोय का प्रयोग नहीं करना.