यहां कुछ लोगों को एक गलतफहमी रहती है. आज हम उस गलतफहमी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं,
आज हम बात करेंगे क्या प्रेगनेंसी के दौरान अधिक पोषण के लिए, क्या हमें अपने भोजन में वैराइटी को बढ़ाना चाहिए.
क्या हमें एक बार में कई प्रकार का भोजन खाना चाहिए. इस विषय पर बात करेंगे.
दोस्तों यह काफी इंपॉर्टेंट टॉपिक है. यह हर एक महिला को पता होना बहुत जरूरी है. क्योंकि यह सीधे-सीधे महिला के शरीर के पोषण से जुड़ा है. और यह पोषण गर्भस्थ शिशु की लाइफ लाइन होती है.
दोस्तों जैसा कि हम को पता है प्रेगनेंसी के दौरान एक शरीर में दो जिंदगी जीवन बढ़ा रही होती हैं. ऐसे में हमें पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है.
सीधा-सीधा यह समझ में आता है, कि अगर हम ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्व अपने शरीर में लेना चाहते हैं जो कि अलग-अलग प्रकार के खाद्य पदार्थों में होते हैं, तो हमें अधिक भोजन करने की आवश्यकता होती है. अपने भोजन में कई प्रकार के पदार्थों को शामिल कर पोषक तत्वों की कमी को दूर कर लेना चाहिए.
प्रेगनेंसी में भोजन पचने का तरीका
अब हम महिला के शरीर के अंदर होने वाली प्रोसेस को थोड़ा सा समझ लेते हैं. उसके बाद हम इस निर्णय पर पहुंचेंगे. क्या भोजन की वैरायटी गर्भवती महिलाओं के लिए ठीक है?
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई प्रकार के हार्मोन बनते हैं, जो गर्भस्थ शिशु के विकास और उसकी सुरक्षा के लिए कार्य करते हैं.
ऐसे ही कुछ प्रेगनेंसी हारमोंस है, जो गर्भाशय की दीवार को अर्थात उसकी मांसपेशियों को मुलायम करते हैं. ताकि नाजुक गर्भस्थ शिशु को किसी भी प्रकार की ठेस नहीं पहुंचे. लेकिन यह हारमोंस महिला के हर एक अंग में पहुंचकर उनकी मांसपेशियों को मुलायम कर देते हैं. इस वजह से महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या रहती है, क्योंकि पेट की मांसपेशियां भी मुलायम हो जाती है, और वह भोजन को पचाने में सक्षम नहीं होती.
हम आपको यहां एक बात बता दें हर भोजन के पचने का अपना एक तरीका होता है. हर भोजन अलग-अलग समय पर पेट के अंदर जाकर पचता हैं. कुछ भोजन ऐसे हैं, जो जल्दी पच जाते हैं. कुछ भोजन ऐसे हैं जो देर से पचते हैं.
हमारे पेट से आंतों में भोजन तभी पहुंचता है, जब वह पूर्ण रुप से पेट में पच जाता है. क्योंकि आंतों के अंदर तो केवल पचे हुए भोजन से न्यूट्रिशन अवशोषित किए जाते हैं.
क्या अलग-अलग प्रकार का भोजन खाना प्रेगनेंसी में फायदेमंद
अब बात करते हैं कि हमने अपने भोजन में कई प्रकार के भोज्य पदार्थों की वैरायटी रखी है जिसे हमने खाया है.
इसमें कुछ भोज्य पदार्थ ऐसे हैं जो आसानी से पच जाते हैं. और कुछ ऐसे हैं जो थोड़ा देर से बचते हैं.
अब जो भोज्य पदार्थ आसानी से पच जाते हैं, तो वह पेट में आने के बाद जल्दी पच जाते हैं. आं तो में पहुंचने के लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं, क्योंकि वह ऐसी भोजन के साथ मिले हुए हैं जो धीरे धीरे पचता है तो फिर उन्हें उस भोज्य पदार्थ के लिए इंतजार करना पड़ता है.
जो भोज्य पदार्थ एकदम तैयार हो चुका है अब वह ऐसे ही पड़ा रहेगा. धीरे-धीरे उसकी पौष्टिकता समाप्त होने लगती है. और वह सड़ने लगता है क्योंकि उसके अंदर काफी सारे भोज्य पदार्थ को पचाने वाले रसायन मिले होते हैं.
प्रेगनेंसी के दौरान पाचन तंत्र कमजोर होता है, वैसे भी भोजन धीरे-धीरे पचता है, तो अधिक वैरायटी वाला भोजन खाने से काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. जिस में कब्ज एसिडिटी गैस उल्टी जैसा महसूस होना मतली लगना इत्यादि शामिल है.
और अधिक पौष्टिकता के चक्कर में हमें हमारे शरीर को बिल्कुल भी पौष्टिकता प्राप्त नहीं होती है.
इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान बल्कि हमेशा ही, हमें अपने भोजन के अंदर वैरायटी कम से कम रखनी चाहिए. हमें अपने भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए अलग-अलग समय पर अलग-अलग भोज्य पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए .
आपने अक्सर देखा होगा शादी ब्याह में भोजन ग्रहण करने के बाद अक्सर पेट खराब हो जाता है. उसका यही कारण है क्योंकि अधिक तेल घी का प्रयोग करने से भोजन आसानी से नहीं पचता है, और भोजन की अधिक वैरायटी होने से गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या हो जाती है.
इसलिए अपने भोजन में अधिक सुपाच्य भोजन रखें और वैरायटी अधिक नहीं रहे. स्वस्थ रहें खुश रहें.