प्रेगनेंसी में पाचन तंत्र क्यों कमजोर हो होता है | Why is the digestive system weak during pregnancy?

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हम चर्चा करने जा रहे हैं प्रेगनेंसी के दौरान पाचन तंत्र कमजोर क्यों हो जाता है.

प्रेगनेंसी में पाचन तंत्र कमजोर क्यों होता है

इसे थोड़ा सा शुरू से समझने की कोशिश करते हैं. हमारे शरीर को चलाना उसके सभी गतिविधियों पर कंट्रोल रखना, शरीर को स्वस्थ रखना अपने आप में एक बड़ा काम है. और जब महिला गर्भवती होती है तो उसके बाद बच्चे का डेवलपमेंट और उसका विकास, यह भी अपने आप में काफी बड़ा काम होता है.

इस काम के लिए शरीर में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती है. तो जैसे ही महिला गर्भवती होती है उसके बाद शरीर में बहुत सारे हारमोंस बनते हैं. जो शिशु के जन्म तक अलग-अलग प्रकार का कार्य करते हैं. कुछ हारमोंस शरीर के अंदर अपने साइड इफेक्ट भी छोड़ते हैं.

प्रेगनेंसी में पाचन तंत्र क्यों कमजोर हो होता है

पाचन तंत्र कमजोर होने के लक्षण

ऐसे ही जब महिला को गर्भावस्था की शुरुआत होती है तो दो हार्मोन महिला के शरीर में बनना शुरू हो जाते हैं,  ईस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टीरोन हॉर्मोन.

इन हारमोंस के काफी सारे काम होते हैं, जो शिशु के डेवलपमेंट और उसकी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय की मांस पेशियों को मुलायम बनाने का कार्य करते हैं, ताकि गर्भस्थ शिशु को किसी भी प्रकार का आघात माता के शरीर के अंदर नहीं आए.

देखा जाए तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य होता है, और शिशु शुरू के 3 महीने तो बहुत ही ज्यादा नाजुक रहता है, तो ऐसे में उसकी सुरक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है.

लेकिन यह हार्मोन महिला के पूरे शरीर में धीरे-धीरे रक्त के द्वारा फैल जाते हैं. और अब यह अपने गुणों के अनुरूप जिस भी मांसपेशी में पहुंचते हैं वहां मांसपेशी मुलायम कर देते हैं.

जब यह माता के पेट में पहुंचते हैं. आंतो में पहुंचते हैं, तो यह उनकी मांसपेशियों को भी मुलायम कर देते हैं.

हालांकि हर महिला के शरीर में इन हारमोंस का असर अलग अलग होता है. किसी महिला को यह ज्यादा असर करते हैं, और किसी महिला को यह कम असर भी करते हैं.

हमारे भोजन को पचने में हमारे पेट की मांसपेशियों का बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है. जब यह मुलायम हो जाती है, तो यह भोजन को सही प्रकार से पचाने में सक्षम नहीं होती हैं, और हमें कब्ज की समस्या नजर आने लगती है.

क्योंकि भोजन पचता नहीं है. और सड़ने लगता है, तो इस वजह से एसिडिटी और गैस भी हमें नजर आने लगती है.

तो आप यह मान कर चलिए प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या लगातार आपको रह सकती है. जैसा कि हमने बताया कि यह अलग-अलग महिलाओं के शरीर पर, हारमोंस अलग-अलग प्रभाव डालते हैं. तो किसी को कब्ज की समस्या अधिक और किसी को कब्ज की समस्या कम नजर आएगी ,लेकिन यह समस्या रहती है.

इसके लिए आपको कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना है. जिससे कब्ज की समस्या काफी हद तक कंट्रोल हो सके. आपको करना कुछ नहीं है, बस आपको अपने भोजन का ध्यान रखना है.

आपको हल्का और सुपाच्य भोजन ही खाना है. अर्थात ऐसा भोजन आपको पूरी प्रग्नैंसी के दौरान लेना है, जो आसानी से पच जाता है.

खासकर रात के समय आपको हल्का भोजन लेना है. कुछ भारी भोजन है अर्थात जो देर से पचते हैं अगर आप उन्हें ले रहे हैं तो मात्र दिन के समय ही लें. यह भोजन हैं, उड़द, चना, राजमा और दूसरे देर से बचने वाले भोज्य पदार्थ.

इसी समस्या की वजह से आपको प्रेगनेंसी के कुछ शुरुआती लक्षण नजर आते हैं, जैसे की मतली लगना, एसिडिटी, गैस और कब्ज की समस्या. यह सब अचानक से शुरू हो जाते हैं.

कमजोर पाचन तंत्र से शिशु को नुकसान

डायरेक्ट तो नहीं लेकिन इनडायरेक्टली आपका कब्ज आपकी बदहजमी आपके गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचाते हैं. अगर आपको कब्ज रहेगा तो आपका शरीर आपकी आते ठीक प्रकार से आपके भोजन से न्यूट्रिशंस को नहीं ले पाएंगे.

यह सब न्यूट्रीशन आपके गर्भस्थ शिशु के लिए लाइफ लाइन होते हैं, तो अगर आप को गंभीर कब्ज है, तो यह आपके शिशु के विकास पर प्रभाव डालेगा.

क्या करें पाचन तंत्र सही रहे

आप यह मान कर चलिए कब्ज की समस्या तो आपको रहेगी. आपको इसे कम से कम रखना है. इसके लिए आप अपने शरीर को भी थोड़ा एक्टिव रखिए. प्रेग्नेंसी के समय किए जाने वाले योगा करें. सुबह और शाम टहलने जाएं, और जैसा कि हमने बताया अपने भोजन का ध्यान रखें.

भरपूर मात्रा में पानी पिए, और आपको भोजन एक साथ नहीं करना है थोड़ा-थोड़ा भोजन कई बार करें ताकि इसे पचने में आसानी हो.

आप अपने भोजन में तरल बढ़ाएं जैसे कि नारियल पानी, छाछ इत्यादि.

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