शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए और महिलाओं के लिए

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शतावरी (shatavari in Hindi) एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है. जिसका प्रयोग आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं में किया जाता है. शतावरी को “जड़ी बूटियों की रानी” के नाम से भी जाना जाता है.

शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए - महिलाओं के लिए

इस पौधे का हर एक हिस्सा औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है. इसे भारत में कई और नामों से भी जाना जाता है. जैसे कि शतावर, शतमूली, गिड्डी, सीमाई, सतावरमूल, बोजान्दन, शकाकुल, शतावलि, किलवारी इत्यादि.

Table of Contents

शतावरी क्या है

शतावरी को सतावर या शतावर के नाम से भी जाना जाता है. इस का वनस्पतिक नेम  ऐस्पेरेगस रेसीमोसस (Asparagus racemosus ) है. लिलीएसी  कुल का यह औषधीय क्षमता वाला पौधा होता है.

प्राचीन समय से यह जंगलों में अपने आप उगने वाला पौधा माना जाता रहा है. शतावरी का औषधीय महत्व बहुत अधिक है, इसलिए अब इसकी खेती भी की जाने लगी है. हर वर्ष भारत में औषधि के रूप में 500 टन से अधिक शतावरी की आवश्यकता होती है.

दोमट रेतीली मिट्टी  में इसके पौधे की पैदावार होती है, और 3 वर्ष में यह पौधा पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है. रेतीली मिट्टी से इसके कंद को खोदकर बड़ी आसानी से निकाल लिया जाता है.

शतावर की न्यूट्रिशन वैल्यू

शतावरी के अंदर कई सारे विटामिंस पाए जाते हैं. जैसे कि विटामिन सी, विटामिन बी सिक्स, विटामिन डी, विटामिन B12, विटामिन ई और विटामिन के इत्यादि.

इसके अंदर आपको आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम इत्यादि तत्वों भी प्राप्त हो जाते हैं. साथ ही साथ इसके अंदर फोलेट भी पाया जाता है, जो काफी फायदेमंद होता है. शतावरी में फाइबर की उचित मात्रा होती है.

शतावरी की जड़ों में एस्परगैमाइन ए, सरसासापोजिनिन, सैपोनिन्स जैसे अल्कलॉइड होते हैं. इन्हीं के कारण शतावरी के गुण उत्पन्न होते हैं. पत्तियों में रासायनिक घटक फ्लेवोनोइड्स और रुटिन हैं.

शतावरी के फायदे और नुकसान

शतावरी को औषधियों की रानी कहा जाता है. इसलिए शतावरी अनगिनत फायदे शारीरिक स्वास्थ्य को प्राप्त होते हैं, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह नुकसान भी दे सकती है. उस पर भी बात करेंगे.

शतावरी को पाउडर बनाकर ही प्रयोग में लाया जाता है. इसलिए यह शतावरी पाउडर के फायदे भी हैं.

कई बार प्रश्न होता है
शतावरी टेबलेट के फायदे क्या हैं
पतंजलि शतावरी चूर्ण के फायदे क्या हैं
शतावरी कल्प  के फायदे क्या हैं
शतावरी टैबलेट पतंजलि के फायदे क्या हैं.

इन सभी प्रश्नों पर भी चर्चा इस सेक्शन में करेंगे.

शतावरी से बने जितने भी उत्पाद हैं, उनका लाभ लगभग लगभग एक ही प्रकार का होता है. उनकी तीव्रता में कुछ अंतर आ जाता है. अगर शतावरी का योग किसी दूसरी औषधि के साथ किया जाता है, तो फिर औषधि की क्षमता अलग हो जाती है. शतावरी से होने वाले लाभ या फायदे इस प्रकार से है.

शतावरी के लाभ (Shatavari benefits in Hindi) या फायदे कई प्रकार के होते हैं. इन पर चर्चा कर लेते हैं……

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शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए

शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए अनगिनत है. पुरुषों की बहुत सारी समस्याओं में शतावरी काफी लाभदायक सिद्ध हुई है. यह पुरुषों के प्रजनन तंत्र से संबंधित कई सारी समस्याओं में आश्चर्यजनक फायदे प्रदान करती है. यह एंटी एजिंग के लिए भी जानी जाती है. शतावरी पुरुषों की यौन समस्याओं को दूर करने वाली औषधि मानी जाती है.
शतावरी के फायदे (Shatavari ke fayde in Hindi) कुछ इस प्रकार से है—

स्वप्नदोष निवारक

स्वप्नदोष अलग-अलग कारणों की वजह से हो सकता है. जैसे कि —-

  • आपके खान-पान में अनियमितता
  • लाइफ स्टाइल में अनियमितता
  • अत्यधिक मेंटल डिस्टरबेंस और तनाव

इन सब समस्याओं की वजह से हार्मोन लेवल बिगड़ जाता है और यह समस्या नजर आने लगती है. शतावरी पुरुषों के हारमोंस से संबंधित समस्याओं को समाप्त करने की क्षमता रखती है, और यह समस्या ठीक होने लगती है.

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन संतुलन

यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुष सेक्स हारमोंस कहलाता है. इसकी वजह से पुरुष के सेक्स प्रजनन तंत्र की बहुत सारी क्रिया विधि संचालित होती है. अगर यह हारमोंस गड़बड़ हो जाता है, तो काफी सारी समस्याएं नजर आने लगती है. शतावरी का सेवन किया जाए तो यह हार्मोन संतुलित होने लगता है और काफी सारी समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है.

नपुंसकता दूर करें

नपुंसकता अर्थात स्तंभन शक्ति का कमजोर होना और बांझपन का शिकार होना कहलाता है. स्तंभन शक्ति पुरुष सेक्स हार्मोन की कमी की वजह से होती है.

और भी दूसरे पोषक तत्व की कमी हो जाती है, जो तनाव लाइफस्टाइल और भोजन में अनियमितता की वजह से नजर आती है. शतावरी का प्रयोग करने से यह समस्या धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है.

शतावरी में बहुत सारे पोषक तत्व जो कि पुरुष प्रजनन तंत्र के लिए आवश्यक होते हैं, पाए जाते हैं.

शुक्राणु क्वांटिटी क्वालिटी और गतिशीलता बढ़ाएं

अगर दंपत्ति को संतान प्राप्ति में समस्या पुरुषों की वजह से आ रही है तो यह शुक्राणुओं की कमजोरी के कारण समस्या नजर आती है.

शुक्राणुओं की क्वालिटी, क्वांटिटी और गतिशीलता में कमी आ जाती है. शुक्राणुओं की जीवन ऊर्जा कमजोर हो जाती है.

शुक्राणुओं के बनने में और मजबूती में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की आवश्यकता होती है. शतावरी इस हारमोंस की कमी को दूर करने का कार्य करती है, और संतान प्राप्ति जैसी समस्याएं जो कि पुरुषों की वजह से आती है, धीरे-धीरे समाप्त हो सकती है.

कामेच्छा में वृद्धि

अगर पुरुष की कामेच्छा में कमी आ रही है तो शतावरी उसके लिए काफी लाभदायक होती है. यह पुरुष सेक्स हारमोंस को बढ़ाने का कार्य करता है. इससे पुरुष के स्तंभन शक्ति मजबूत होती है, और काम इच्छाशक्ति भी बढ़ने लगती है.

TIP: पुरुषों के
समग्र विकास जैसे कि शारीरिक विकास, मानसिक विकास और मर्दाना ताकत के विकास इत्यादि
के लिए आयुर्वेद के अंदर काफी सारी जड़ी बूटियां प्रयोग में लाई जाती है जैसे कि –

केसर, सफेदमूसली, शतावरी, अश्वगंधा, शिलाजीत, गोखरू, विदारीकंद, स्वर्ण भस्म, कौंच के बीज, मेथीपाउडर, जिनसेंग,
जिंक, सालम पंजा, काली मूसली, टोंगकैट
अली
इत्यादि. इन जड़ी-बूटियों से बने नुस्खे
बहुत लाभदायक और शक्तिशाली होते हैं.

शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए

जहां शतावरी के फायदे पुरुषों के लिए बहुत सारे हैं. वहीं महिलाओं के लिए भी शतावरी के फायदे या लाभ काफी ज्यादा नजर आते हैं.

शतावरी जैसे की औषधि की रानी मानी जाती है. यह महिलाओं के लिए एक वरदान से कम नहीं है.

दूध के निर्माण में लाभदायक

शतावरी उन महिलाओं के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है, जो महिलाएं डिलीवरी के बाद अपने शिशु के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन नहीं कर पा रही है. शतावरी में पाए जाने वाले पोषक तत्व दूध के निर्माण में काफी सहायक होते हैं. दूध के निर्माण में शतावरी का प्रयोग आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर करना चाहिए.

महिलाओं की कामेच्छा बढ़ाएं

जिन महिलाओं को कामेच्छा में रुचि समाप्त हो जाती है. शतावरी का प्रयोग करने से यह काम इच्छा शक्ति द्वारा से बढ़ने लगती है, और दंपत्ति एक खुशहाल जीवन की तरफ आगे कदम बढ़ा सकते हैं.

ओवुलेशन पीरियड को नियमित करें

जिन महिलाओं का ओवुलेशन पीरियड अनियमित रहता है. यह उन महिलाओं के लिए काफी लाभदायक होती है.
असल में महिलाओं का पीरियड अनियमित होने की वजह से ओवुलेशन पीरियड भी डिस्टर्ब हो जाता है.

यह महिलाओं के शरीर में हारमोंस में गड़बड़ी की वजह से समस्या नजर आती है. शतावरी महिलाओं के शरीर में महिला सेक्स हार्मोन और दूसरे हार्मोन की अनियमितता को दूर करने का कार्य करती है. इस वजह से ओवुलेशन पीरियड नियमित हो जाता है.

गर्भपात की समस्या को रोके

शतावरी की तासीर ठंडी होती है. इस वजह से यह प्रेगनेंसी में भी प्रयोग में लाई जा सकती है. लेकिन आपके लिए इसकी क्या मात्रा होगी है. आयुर्वेदाचार्य ही निश्चित करेंगे.

अपनी सलाह पर प्रेगनेंसी में कोई भी खाद्य वस्तु या औषधीय जड़ी बूटी नहीं लेनी चाहिए.  के यह गर्भपात जैसी समस्याओं के कारणों के विरुद्ध कार्य करती है.

अगर महिला गर्भपात जैसी समस्या का शिकार हो चुकी है, तो उसे शतावरी का प्रयोग करना चाहिए. गर्भवती महिला को गर्भपात होने की संभावना बनी हुई है, तो फिर आयुर्वेदाचार्य से सलाह करके शतावरी का प्रयोग करना चाहिए.

पीसीओएस में लाभदायक

महिलाओं को अक्सर पीसीओएस की समस्या हार्मोन असंतुलन की वजह से नजर आने लगती है. शतावरी हारमोंस को संतुलित करने के लिए जानी जाती है. इस कारण से यह पीसीओएस की समस्या में काफी लाभदायक होती है.

वजन बढ़ाने में लाभदायक

जहां यह वजन को कंट्रोल करने का कार्य करता है. वही पतली दुबली महिला अगर शतावरी का प्रयोग करती है तो वजन में बढ़ोतरी नजर आती है.

स्तन वृद्धि में सहायक

अक्सर कुछ महिलाओं के स्तन का विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है शतावरी फाइटोएस्ट्रोजन से भरपूर होती हैं.
यह महिला के स्तनों के विकास में काफी कारगर होता है.
आयुर्वेद के अंदर शतावरी महिलाओं के स्तन की वृद्धि के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक तरीका माना जाता है. यह महिलाओं के शरीर में वसा ऊतकों को बड़ा करके स्तन के आकार को बढ़ाने में सहायता करता है. स्तन वृद्धि के लिए शतावरी भरोसेमंद उपाय हैं.

 

शतावरी के सामान्य फायदे

शतावरी के ऐसे बहुत सारे फायदे होते हैं, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए नजर आते हैं. साथी साथ  बच्चों के लिए भी फायदेमंद होते हैं. शतावरी पाउडर के फायदे (Shatavari Churna ke fayde in Hindi)  कुछ इस प्रकार से है.

पाचन तंत्र मजबूत करें

पाचन तंत्र कमजोर होने से —

  • गैस बनने की समस्या
  • एसिडिटी की समस्या
  • कब्ज की समस्या और
  • पाचन कमजोर होने की समस्या

नजर आने लगती है.  इन सभी समस्याओं को दूर कर पाचन तंत्र को मजबूत करने का कार्य शतावरी करती है. इसके अंदर फाइबर भी उचित मात्रा में पाया जाता है. यह इन सभी समस्याओं में काफी लाभदायक है.

इम्यून सिस्टम मजबूत करें

यह शतावरी बहुत सारे पोषक तत्वों से परिपूर्ण होती है. इसके एंटीऑक्सीडेंट, anti-inflammatory और एंटीफंगल गुण इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में बहुत सहायता करते हैं. इसलिए इसका प्रयोग करने से छोटी मोटी समस्याएं खांसी, जुखाम, बुखार और हल्के-फुल्के इंफेक्शन नहीं पकड़ते हैं.

हैंगओवर उतारे

हालांकि किसी भी स्त्री या पुरुष को नशीली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर किसी को हैंगओवर की समस्या हो जाती है, तो यह शतावरी का प्रयोग करने से ठीक हो जाती है.

कैंसर से बचाव

शरीर के अंदर एक्स्ट्रा फ्री रेडिकल्स होने की वजह से कैंसर की समस्या डिवेलप होने लगती है. शतावरी के अंदर पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व इन फ्री रेडिकल्स को समाप्त कर कैंसर की समस्याओं से निजात दिलाने का कार्य करते हैं, और कैंसर की संभावनाओं को कम करते हैं.

रक्त शर्करा नियंत्रण

डायबिटीज ऐसी समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए शतावरी के अंदर गुण होता है. यह रक्त शर्करा के स्तर को संयमित बनाए रखने में मदद करता है. शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को भी एक्सिलरेट करता है.

एंटी एजिंग

आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर लगातार शतावरी का प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपनी उम्र के व्यक्तियों से कम उम्र का नजर आता है अर्थात शतावरी के अंदर anti-aging गुण पाया जाता है.

पेशाब के इन्फेक्शन में लाभदायक

शतावरी मूत्र वर्धक होती है किस वजह से यह पेशाब के इन्फेक्शन में काफी लाभदायक मानी जाती है.
यह कि सतावरी के लाभ जो किसी के लिए भी काफी आकर्षक है. इन्हें देखकर कहा जा सकता है, कि शतावरी वास्तव में औषधियों की रानी है.

शतावरी के नुकसान

शतावरी एक औषधीय और औषधियों में भी विशिष्ट औषधि मानी जाती है. इसलिए शतावरी के नुकसान ना के बराबर ही नजर आते हैं, जो विशेष परिस्थितियों में ही प्रभाव दिखाते हैं. अगर शतावरी का प्रयोग नियत मात्रा से अधिक किया जाए तो साइड इफेक्ट के रूप में किसी भी प्रकार की समस्या आपके शरीर में दिखा सकती है, जो व्यक्ति की शारीरिक परिस्थिति के अनुसार नजर आती है.

जैसे कि ——

  • यह रक्त शर्करा को कंट्रोल करती है जिन व्यक्ति के शरीर में रक्त शर्करा की कमी होती है, उन्हें चक्कर इत्यादि आ सकते हैं.
  • कुछ व्यक्तियों को शतावरी से एलर्जी होती है, ऐसा व्यक्ति अगर शतावरी का प्रयोग करेगा तो उसे साइड इफेक्ट अवश्य नजर आएंगे.
  • कुछ लोगों को शतावरी का प्रयोग करने से चक्कर आना, ह्रदय की गति तेज होना, खुजलाहट आना, सांस लेने में दिक्कत इत्यादि समस्याएं नजर आती है.
  • कभी-कभी व्यक्ति शतावरी का प्रयोग करने से निर्जलीकरण का शिकार हो सकता है यह परिस्थिति वश हो जाता है क्योंकि शतावरी मूत्र वर्धक है.
  • शतावरी तासीर में ठंडी होती है. इसलिए कफ से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह नुकसानदायक है.
  • शतावरी का प्रयोग करने से पेशाब में बदबू आ सकती है.
  • शतावरी का प्रयोग सीधी त्वचा पर किया जाए तो त्वचा में जलन पैदा हो सकती है.
  • अगर आपको लहसुन प्याज इत्यादि से एलर्जी है, तो शतावरी खाने से बचें.

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शतावरी को कैसे प्रयोग में लाएं

शतावरी को चूर्ण के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है, और विभिन्न प्रकार की समस्याओं को देखते हुए शतावरी का प्रयोग अलग-अलग दूसरी औषधियों के साथ ही योग करके भी किया जाता है.

पुरुषों या महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं में आयुर्वेदाचार्य शतावरी का चूर्ण, टेबलेट, जूस, कैप्सूल या शतावरी सिरप इत्यादि लेने की सलाह देते हैं. यह सब व्यक्ति के रोग और रोग की प्रकृति पर निर्भर करता है. क्योंकि अलग-अलग समस्याओं में अलग-अलग प्रकार से शतावरी या किसी भी जड़ी बूटी का प्रयोग किया जाता है.

सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में कोई भी व्यक्ति सुबह-शाम 1-1 शतावरी टेबलेट ले सकता है. अगर आप शतावरी चूर्ण का प्रयोग कर रहे हैं, तो आप आधा आधा चम्मच शतावरी चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ या गर्म पानी के साथ ले सकते हैं.

शतावरी ठंडी तासीर की होती है इसलिए विंटर सीजन में आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर ही इसका प्रयोग करें. कफ की समस्याओं से पीड़ित है, तो नहीं लेने की सलाह देते हैं. औषधि के रूप में इसका प्रयोग करना चाह रहे हैं तो एक्सपर्ट की राय मायने रखती है.

निष्कर्ष

जैसा कि हमने कई बार कहा है कि शतावरी एक गुणों से भरपूर जड़ी बूटी है. विशेष तौर से पुरुषों के लिए यह एक अति उत्तम औषधि मानी जाती है. वहीं महिलाओं के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है.

यह कई प्रकार की समस्याओं में असरदार कार्य करती है. जड़ी बूटी है, इसलिए इसे आयुर्वेदाचार्य की सलाह के बिना भी स्वयं की सलाह पर लिया जा सकता है. स्वयं की सलाह पर शतावरी का प्रयोग कर रहे हैं, तो एक बार शतावरी के गुणों का विश्लेषण अवश्य करें.  लेकिन इसके मैक्सिमम फायदे के लिए आपको आयुर्वेदाचार्य की सलाह लेना आवश्यक है.

आयुर्वेदाचार्य आपकी आवश्यकताओं को देखते हुए, आपकी समस्या को देखते हुए, शतावरी के साथ दूसरे आवश्यक योग भी आपको लेने की सलाह दे सकते हैं, ताकि आपकी समस्या और भी जल्दी ठीक हो जाए.

आपके प्रश्न

Q. शतावरी की तासीर कैसी होती है?

Ans:  शतावरी की तासीर ठंडी मानी जाती है. यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है. साथ ही साथ यह वात रोगों और पित्त रोगों को कम करती है. इसमें फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है. इस वजह से यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद मानी जाती है.

Q. शतावरी कब लेनी चाहिए?

Ans: शतावरी कब लेनी चाहिए, यह अपने आप में बहुत ही कठिन प्रश्न है. शतावरी विभिन्न प्रकार की समस्या में विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों के साथ भिन्न-भिन्न समय पर विभिन्न प्रकार से ली जाती है.
इसलिए इसका एक समय बिल्कुल भी निश्चित करना संभव नहीं है.
जैसे कि  अगर आप टॉनिक के रूप में शतावरी का प्रयोग कर रहे हैं तो आप सुबह शाम इसका प्रयोग कर सकते हैं.
सुबह शहद के साथ खाली पेट भी इसका प्रयोग किया जा सकता है.
रात को दूध के साथ भी इसका प्रयोग कर सकते हैं
सुबह नाश्ते के 1 घंटे बाद भी इसका प्रयोग ताजे पानी के साथ किया जा सकता है.
यह ठंडी तासीर की होती है, इसलिए गर्मियों के मौसम में यह काफी उत्तम रहती है.

Q. शतावरी कब नहीं लेनी चाहिए?

Ans: शतावरी एक आयुर्वेदिक औषधि है. डॉक्टर्स के अनुसार जिस व्यक्ति को या महिला को दिल से संबंधित बीमारी होती है, उन्हें शतावरी का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
शतावरी ठंडी प्रकृति की होती है. उसके बाद भी प्रेगनेंसी में डॉक्टर की सलाह पर ही इसका प्रयोग करना चाहिए. स्वयं की सलाह पर इसका प्रयोग वर्जित है. अगर आपको शतावरी से किसी भी प्रकार की एलर्जी की समस्या है, तो आपको इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए.

Q. शतावरी का शरीर में कितने दिन के बाद नजर आता है?

Ans: किसी भी औषधि का असर आपकी समस्या की तीव्रता पर काफी हद तक निर्भर करता है. अधिक बड़ी समस्या में असर थोड़ा जल्दी और हल्की समस्या में असर थोड़ा देर से नजर आता है.

हालांकि बड़ी समस्याएं देर से ठीक होती है और छोटी समस्याएं अपेक्षाकृत काफी जल्दी ठीक हो जाती हैं.
सामान्यतः शतावरी का असर किसी भी व्यक्ति के शरीर में 5 दिन से लेकर 8 दिन के बीच में नजर आ जाता है.

!!स्वस्थ रहिए, खुश रहिए!!

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