अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण | गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह

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अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण नजर नहीं आते हैं. अंडा फटना अर्थात ओवुलेशन होना अर्थात फैलोपियन ट्यूब में प्रेगनेंसी के लिए अंडा उपस्थित होना मात्र प्रेगनेंसी की एक प्रारंभिक अवस्था है. जहां से प्रेगनेंसी होने के 100% चांस होते हैं.

अगर स्त्री और पुरुष अंडे फटने के समय मिलन करते हैं, तो उस वक्त प्रेगनेंसी हो जाती है, और उसके बाद गर्भावस्था के लक्षण नजर आने लगते हैं.

एक मासिक चक्र में मात्र एक बार ही अंडा फूटता है, और वह मात्र 24 घंटे के लिए ही प्रेगनेंसी के नजरिए से उपस्थित रहता है. उसके बाद वहां स्वता ही समाप्त हो जाता है.

इसलिए किसी भी दंपत्ति को अंडा फूटने के विषय में भी जानकारी होना आवश्यक है, ताकि प्रेगनेंसी आसानी से हो सके. उसके बाद ही गर्भावस्था के लक्षण नजर आते हैं.

अब आपको स्पष्ट हो गया होगा की अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण नजर नहीं आते हैं.

गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह | अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण

अंडा फटने के समय कुछ लक्षण नजर आते हैं जो इस प्रकार से हैं.

ओवुलेशन के लक्षण

यह कुछ ओवुलेशन पीरियड के प्रमुख लक्षण है जिन्हें जान आप प्रेगनेंसी होने के लिए सही समय ज्ञात कर सकती है.

  • अंडे फटने के समय महिला की कामेच्छा में काफी वृद्धि हो जाती है.
  • कुछ महिलाओं की योनि में हल्की सूजन नजर आ सकती है.
  • महिला के स्तनों की संवेदनशीलता थोड़ी सी बढ़ जाती है.
  • महिला के शरीर में तापमान हल्का सा बढ़ जाता है, यह ओवुलेशन की निशानी है.
  • कुछ महिलाओं को सिर भारी होना और कुछ महिलाओं को सिर दर्द की समस्या होती है.
  • पेट के नीचे निचले हिस्से में ऐंठन होना या हल्का सा दर्द रह सकता है.
  • महिला के बॉडी में LH हार्मोन में वृद्धि होती है. जिसका पता ओवुलेशन किट के माध्यम से चल जाता है.
  • महिला की योनि से आने वाला तरल हल्का गाढ़ा चमकीला और चिकना हो जाता है.

महिला का अंडा फटना या ओवुलेशन पीरियड या अंडोत्सर्ग 12 से 24 घंटे तक रहता है. इसी दौरान अगर महिला के शरीर में पुरुष के स्पर्म की उपस्थिति फेलोपियन ट्यूब के अंदर होती है, तो पुरुष के स्पर्म और महिला के अंडे का मिलन हो जाता है. गर्भावस्था प्रारंभ हो जाती है. भ्रूण का विकास शुरू हो जाता है. महिला के शरीर में प्रेगनेंसी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, प्रेगनेंसी हारमोंस बनने लगते हैं.

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण क्यों आते हैं

अब हम यह मानकर आगे बात कर रहे हैं, अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण नजर आ रहे हैं, क्योंकि महिला गर्भवती हो गई है. जैसे ही महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हारमोंस बनने लगते हैं, वैसे वैसे महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हारमोंस बढ़ने की वजह से महिला को उनके साइड इफेक्ट नजर आने लगते हैं.

प्रत्येक महिला को प्रत्येक लक्षण नजर नहीं आता है. हर महिला को थोड़ा अलग अलग लक्षण नजर आते हैं.
यह इस बात पर निर्भर करता है, कि महिला का शरीर किस प्रेगनेंसी हारमोंस के प्रति कितना सेंसिटिव है.
जिस हारमोंस के प्रति शरीर जितना अधिक सेंसिटिव होगा उस प्रकार के लक्षण अधिक नजर आएंगे. इसलिए कुछ महिलाओं को अलग लक्षण आते हैं और कुछ दूसरी महिलाओं को अलग  लक्षण नजर आ सकते हैं.

इन्हीं साइड इफेक्ट को हम अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण के रूप में देखते हैं. अंडा फटने के बाद महिला के शरीर में कुछ लक्षण इस प्रकार से नजर आ सकते हैं.

ये गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह में नजर आ सकते हैं

प्रेगनेंसी के लक्षण कितनी जल्दी नजर आते हैं यह बिल्कुल भी निश्चित नहीं होता है. यह दो फैक्टर्स पर निर्भर करता है.
पहला यह इस बात पर निर्भर करता है कि महिला का शरीर हारमोंस प्रेगनेंसी हारमोंस के प्रति कितना सेंसिटिव है. शरीर जितना अधिक सेंसिटिव होता है, प्रेगनेंसी के लक्षण उतनी जल्दी नजर आते हैं.

दूसरा  प्रेगनेंसी के लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं, कि महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन प्रोडक्शन की दर क्या है.
कुछ महिलाओं के शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन थोड़ा अधिक जल्दी अधिक मात्रा में बन जाते हैं, और वही कुछ महिलाओं के शरीर में प्रेगनेंसी हारमोंस थोड़ा अधिक समय में डिवेलप होते हैं. यह हर शरीर के लिए अलग होता है.

इन्हीं दो कारणों की वजह से कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के लक्षण कभी-कभी पीरियड मिस होने से थोड़ा पहले भी नजर आने लगते हैं, और कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के लक्षण पीरियड मिस होने के एक हफ्ते बाद तक सही तरीके से नजर नहीं आते हैं.

प्रेगनेंसी के लक्षण पूर्ण रूप से ….

  • महिला के शारीरिक संगठन
  • महिला की शारीरिक प्रकृति
  • महिला के इन्वायरमेंट
  • महिला के भोजन और
  • महिला के लाइफस्टाइल पर काफी हद तक निर्भर करते हैं.

हालांकि गर्भावस्था के पहले और दूसरे हफ्ते में आभासी प्रेगनेंसी मानी जाती है. अर्थात महिला उस दौरान गर्भवती नहीं होती है तीसरे और चौथे हफ्ते में प्रेगनेंसी की प्रोसेस पूरी होती है.
4 हफ्ते के बाद महिला का पीरियड मिस हो जाता है. पीरियड मिस होने तक एक महीना माना जाता है.
टेक्निकल रूप से देखा जाए तो महिला को गर्भवती हुए अभी पूर्ण रूप से महीना नहीं हुआ है, मात्र कुछ दिन ही हुए हैं.
इस समय पता चलता है, कि महिला गर्भवती है. अगले एक हफ्ते में जो जो लक्षण नजर आते हैं, गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह के रूप में मान सकते हैं. टेक्निकली इस दौरान बहुत सारे लक्षण नजर आते हैं.

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अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण  – गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था होने पर महिला को बहुत सारे लक्षण नजर आते हैं, लेकिन हर महिला को हर लक्षण नजर नहीं आता है. कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार से हैं, जो लगभग लगभग हर महिला को नजर आ सकते हैं. यह गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह के बाद महिला के शरीर में आपको नजर आ सकते हैं.

पीरियड मिस होना

महिला का पीरियड कई कारणों से मिस हो सकता है. लेकिन गर्भवती होने पर महिला का पीरियड सबसे पहले मिस हो जाता है. अर्थात पीरियड मिस होने का मतलब ही प्रेगनेंसी होता है. अगर महिला का पीरियड मिस हो गया है, तो आप गर्भवती हो सकती है. यह अंडा फूटने के बाद गर्भावस्था का सबसे पहला लक्षण और विश्वसनीय लक्षण हैं.

बार बार उल्टी आना

अगर महिला को ओवुलेशन पीरियड के बाद बार बार उल्टी होने की समस्या हो रही है, तो यह प्रेगनेंसी का लक्षण माना जाता है.

मूड स्विंग की समस्या

कुछ प्रेगनेंसी हारमोंस के कारण महिला के ऊपर भावनात्मक प्रभाव नजर आता है. जिसकी वजह से महिला कभी-कभी बहुत अधिक खुश या कभी-कभी बहुत अधिक चिड़चिड़ी हो जाती है. यह मूड स्विंग की समस्या अक्सर प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में नजर आती है.

मतली लगना

उल्टी नहीं आना, लेकिन बार-बार उल्टी आने जैसा एहसास होना, यह भी हारमोंस का साइड इफेक्ट है. गर्भावस्था के शुरुआती चरण में यह समस्या नजर आती है. यह गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह के अंदर लगभग अधिकतर महिलाओं को नजर आता है.

पीठ दर्द की समस्या

प्रेगनेंसी हारमोंस के कारण महिलाओं के अस्थि बंद या लिगामेंट मुलायम हो जाते हैं. जिसकी वजह से बार-बार महिला को कमर दर्द या पीठ दर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. यह भी गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण माना जाता है.

बार-बार पेशाब आना

प्रेगनेंसी के शुरुआती चरण में शारीरिक क्रियाओं की वजह से मूत्र भी अधिक मात्रा में सृजित होता हैं.

कुछ प्रेगनेंसी हार्मोन गर्भाशय को मुलायम रखने का कार्य करते हैं. जिससे कि गर्भस्थ शिशु सुरक्षित रह सके. गर्भाशय की मांसपेशियों को मुलायम करने वाले यह हारमोंस रक्त के माध्यम से शरीर के प्रत्येक हिस्से में पहुंच जाते हैं, और सभी मांसपेशियों को मुलायम कर देते हैं.

यह मूत्राशय की मांसपेशियों को भी मुलायम कर देते हैं. जिसकी वजह से उसकी मूत्र रोकने की क्षमता में कमी आ जाती है. और बार-बार जल्दी जल्दी पेशाब जाना पड़ता है. यह गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह में नजर आ जाता है.

सिर दर्द की समस्या

यह लक्षण अधिक महिलाओं को नजर नहीं आता है प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में ब्लड सरकुलेशन बहुत तेजी से होने लगता है कई बार इसकी वजह से सिर दर्द की समस्या हो जाती है.

खाने की इच्छा में परिवर्तन

अक्सर देखा गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान शुरुआती समय में महिला के कि भोजन के प्रति आसक्ति बढ़ जाती है. महिला काफी अधिक भोजन ग्रहण करने लगती है.
कई बार महिला के भोजन के प्रति इच्छा समाप्त भी हो जाती है. भोजन के प्रति अपनी आदतों में परिवर्तन, यह गर्भावस्था का लक्षण है.

पेट के निचले हिस्से में मरोड़ उठना

प्रेगनेंसी के एकदम शुरुआती समय में महिला को पीरियड के समय उठने वाले मरोड़ महसूस होते हैं लेकिन पीरियड्स नहीं आते हैं यह मरोड़ प्रेगनेंसी का 1 लक्षण माना जाता है. यह प्रेगनेंसी हारमोंस के कारण होता है. यह गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह में नजर आ जाता है.

सिर चकराना

सिर चकराना गर्भावस्था के शुरुआती मुख्य लक्षणों में से 1 लक्षण है. अक्सर महिला को सिर चकराने जैसी समस्या नजर आती है, तो आप इसे प्रेगनेंसी का एक इशारा मान सकते हैं. साथ ही साथ मूड स्विंग और मतली, उल्टी जैसी समस्याएं भी नजर आती है.

गंद के प्रति सेंसटिविटी

प्रेगनेंसी होते ही महिला की गंद के प्रति सेंसटिविटी अर्थात सूंघने की क्षमता में वृद्धि हो जाती है. महिलाओं को बहुत सारी गंध जो पहले पसंद नहीं थी, पसंद आने लगती हैं. और कुछ गंध जो पहले पसंद थी, वह ना पसंद हो सकती है. यह गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह में नजर आ जाता है.

मॉर्निंग सिकनेस की समस्या

यह गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से 1 लक्षण है. अक्सर महिलाओं को सुबह उठने के बाद कमजोरी महसूस होने लगती है. और कुछ समय तक यह समस्या रहती है. अगर आप रोजाना किस प्रकार की समस्या को देख रही है तो यह गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण हो सकता है.

फूड क्रेविंग

महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान फूड क्रेविंग की समस्या देखने में आती है. महिला को अचानक से कुछ भोजन बहुत अधिक पसंद आने लगते हैं. जैसे कि —

  • महिला को खट्टा खाने का मन बहुत अधिक करने लगता है.
  • कुछ महिलाओं को मीठा बहुत अधिक पसंद आने लगता है.
  • कुछ महिलाएं आइसक्रीम के प्रति बहुत अधिक आसक्त हो जाती हैं.

भावनात्मक परिवर्तन

प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी हारमोंस के प्रति अधिक सेंसिटिव होती हैं. जिस कारण से उन्हें भावनात्मक समस्या काफी अधिक देखने में आती है.

  • महिलाएं अचानक से बहुत अधिक खुश होने लगती हैं
  • वह कभी-कभी अचानक से बहुत अधिक दुखी हो जाती हैं
  • कई बार उनका रोने का मन करता है

महिलाओं पर हर एक भावना बहुत अधिक तीव्रता से हावी होती है. यह प्रेगनेंसी का साइड इफेक्ट है. इस दौरान महिला के परिवार को महिला को समझना चाहिए और सहारा देना चाहिए. यह एक अस्थाई समस्या है जो समय के साथ ही हो जाएगी.

शारीरिक तापमान में वृद्धि

जैसे पॉपुलेशन महिला के शरीर में ओवुलेशन पीरियड के दौरान जब LH हारमोंस बढ़ता है, तो महिला के तापमान में महिला के शारीरिक तापमान में थोड़ी वृद्धि होती है.

ऐसे ही प्रेग्नेंसी हारमोंस के कारण भी महिला के शरीर में के तापमान में हल्की सी वृद्धि हो जाती है. यह एस्ट्रोजन हार्मोन का साइड इफेक्ट होता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान प्रेगनेंसी के लिए आवश्यक हारमोंस माना जाता है. यह तापमान वृद्धि गर्भावस्था का लक्षण होता है. यह गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह में नजर आ जाता है.

पाचन क्रिया बिगड़ना

अगर अंडा फटने के बाद महिला के शरीर में कब्ज की समस्या नजर आ रही है, जबकि महिला के भोजन में फाइबर भी उचित मात्रा में है, या यह कब्ज अचानक से नजर आ गया है.
कब्ज उपचार के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है, तो इसे आप प्रेगनेंसी का लक्षण मान लीजिए.

क्योंकि प्रेगनेंसी हारमोंस के कारण आपके पेट की मांसपेशियां मुलायम हो गई है, और वह पाचन क्रिया को सही तरीके से परफॉर्म कर पाने में सक्षम नहीं है, और आपको कब्ज हो गया है.

यह कब्ज आपको पूर्ण प्रेगनेंसी के दौरान रह सकता है. इसलिए अधिक फाइबर वाले भोजन और सुपाच्य भोजन के प्रयोग में लाएं.

गैस एसिडिटी की समस्या

भोजन सही ढंग से नहीं पचने की वजह से और प्रेगनेंसी हारमोंस के साइड इफेक्ट के कारण महिला को अक्सर प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने बहुत अधिक गैस बनने की समस्या नजर आती है, और यह शुरुआती लक्षणों में से 1 लक्षण है. अक्सर महिला अपने भोजन का ध्यान नहीं रखती है, तो एसिडिटी की समस्या भी नजर आने लगती है.

मन खराब रहना

अंडा फूटने के बाद और पुरुष मिलन के बाद महिला को यह लगता है कि
उसका मन बहुत अधिक खराब है

  • मन उदास है
  • उसे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है
  • शरीर में अनकंफरटेबल सा कुछ महसूस हो रहा है
  • कुछ भी करने का मन नहीं करता है

तो यह प्रेगनेंसी की तरफ इशारा है. यह आपका गर्भावस्था की तरफ पहला कदम हो सकता है.

थकावट होना

अगर महिला को अचानक से थकावट महसूस होने लगी है. वह पहले की तरह अपने आप को एनर्जेटिक महसूस नहीं कर रही है. छोटा छोटा काम करने पर उसे थकावट हो जाती है, और उसे बार-बार आराम करने की इच्छा महसूस होती है, तो यह प्रेगनेंसी हो सकती है. यह गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह में नजर आ जाता है.

स्तनों में परिवर्तन

एस्ट्रोजन नामक प्रेगनेंसी हारमोंस के कारण महिला के स्तनों में कुछ परिवर्तन नजर आते हैं.

  • वह बहुत अधिक मुलायम हो जाते हैं.
  • हल्की सी रगड़ लगने पर उन्हें दर्द होता है.
  • काफी अधिक सेंसिटिव हो जाते हैं, छूने पर भी समस्या नजर आने लगती है
  • एक अजीब सी सनसनाहट रहती है

तो यह गर्भावस्था का एक लक्षण हो सकता है.

चेहरे पर कील मुंहासे

प्रेगनेंसी हारमोंस महिला के त्वचा पर भी काफी अधिक प्रभाव डालते हैं. कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कील मुंहासे और त्वचा के विभिन्न प्रकार की समस्या देखने में आती है. उनकी त्वचा और कमजोर नजर आती है. यह गर्भावस्था लक्षण है. हालांकि कुछ महिलाओं के चेहरे पर त्वचा में चमक और ताजगी भी नजर आती है.

हाथ पैरों में सूजन की समस्या

हालांकि यह लक्षण प्रेग्नेंसी के कुछ समय बाद नजर आता है. लेकिन कुछ महिलाओं में हाथ पैरों में सूजन की समस्या शुरुआती दिनों से ही नजर आने लगती है. अगर आपको भी ऐसा हो रहा है, तो यह प्रेगनेंसी हो सकती है.

मासिक धर्म के लक्षण

कुछ महिलाओं में प्रेगनेंसी हो जाने के बाद भी पहले महीने मासिक धर्म के कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं, लेकिन मासिक नहीं आता है तो यह भी प्रेगनेंसी का ही एक इशारा है.
मासिक के यह लक्षण हर महिला को उसके अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं. यह गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह में नजर आ जाता है.

निप्पल में सिरहन

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के स्तनों के साथ-साथ निप्पल भी बहुत अधिक सेंसिटिव हो जाते हैं. उनमें पैदल चलने पर भी सिरहन महसूस होने लगती है, और हल्की रगड़ लगने पर असहज महसूस होता है.

निपल्स का कलर डार्क हो जाना

प्रेगनेंसी हारमोंस की वजह से निपल्स के चारों तरफ कारण तुलनात्मक दृष्टि से अधिक काला नजर आने लगता है यह भी प्रेगनेंसी की तरफ इशारा करता है.

स्तनों का आकार बढ़ना

प्रेगनेंसी होते ही स्तन भी आने वाले समय में बच्चे को दूध प्रोवाइड कराने के उद्देश्य से अपना विकास शुरू कर देते हैं. शुरुआती समय से ही उनके आकार में परिवर्तन होने लगता है. अगर आप परिवर्तन समझ पाए तो आप जान जाएंगे कि यह आपको प्रेगनेंसी हो गई है.

गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है

गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है, यह हर महिला के लिए समय थोड़ा थोड़ा अलग अलग होता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन इतनी जल्दी डिवेलप हो रहे हैं, और महिला का शरीर इन हारमोंस के प्रति कितना सेंसिटिव है.

मुख्य रूप से पीरियड मिस होने पर यह पता चल जाता है, कि महिला गर्भवती हो गई है.
थ्योरी के अनुसार पीरियड मिस होने वाले दिन तक एक महीना माना जाता है.
तो गर्भवती होने के 1 महीने के अंदर अंदर आप पता कर सकते हैं कि आप गर्भवती हैं. लेकिन टेक्निकली या वास्तविक रूप से महिला का गर्भ अभी तक अधिक से अधिक 15 दिन का ही होता है.
अगर आप पीरियड मिस होने से पहले यह जानना चाहते हैं कि महिला गर्भवती है तो यह हर महिला के विषय में पता नहीं चल सकता है.
जिस महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन अधिक तेज गति से बनते हैं, उनके शरीर में पीरियड मिस होने से पहले भी प्रेगनेंसी का पता लगाया जा सकता है.
लेकिन जिन महिलाओं के शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन औसत गति से बनते हैं तो पीरियड मिस होने के एक हफ्ते बाद या पीरियड मिस होने तक आप प्रेगनेंसी का पता लगा पाएंगे.
गर्भ ठहरने के बाद प्रेगनेंसी का पता चलने का समय बिल्कुल भी निश्चित नहीं है. यह समय हर महिला के लिए अलग-अलग होता है.

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अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण या गर्भावस्था लक्षण 1 सप्ताह कौन-कौन से होते हैं इस संबंध में विस्तृत चर्चा इस आर्टिकल के माध्यम से आपके सामने की गई है. आप इन लक्षणों को देखकर अपनी प्रेगनेंसी को निश्चित कर सकते हैं. हालांकि प्रेगनेंसी टेस्ट किट के माध्यम से भी प्रेगनेंसी चेक करके और भी आसान तरीके से कंफर्म किया जा सकता है.

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