प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को बहुत अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होती है. खासकर प्रेगनेंसी के दौरान जो प्रेगनेंसी हार्मोन गर्भस्थ शिशु की रक्षा और उस की ग्रोथ के लिए शरीर में अधिक मात्रा में बनने लगते हैं. उनके कुछ साइड इफेक्ट महिलाओं के शरीर में नजर आते हैं.
यह साइड इफेक्ट महिला के शरीर के हर गतिविधि में नजर आते हैं, लेकिन यह हार्मोन महिला की त्वचा पर विशेष प्रभाव डालते हैं.
महिला की त्वचा पर लगभग 10 प्रकार की समस्याएं प्रेगनेंसी के दौरान नजर आ सकती हैं. यह हर महिला को सभी समस्याएं नजर नहीं आती है.
कुछ महिलाओं को अलग प्रकार की समस्याएं नजर आती है तो कुछ दूसरी महिलाओं को दूसरे प्रकार की समस्याएं नजर आने लगती है. महिला की त्वचा जितनी अधिक सेंसटिविटी प्रेगनेंसी हारमोंस के प्रति रखती है उतना ही अधिक विकार महिला की त्वचा में आने की संभावना रहती है.
- प्रेगनेंसी के दौरान महिला की त्वचा पर कील मुंहासे नजर आने लगते हैं.
- प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं की त्वचा रूखी सूखी नजर आती है त्वचा को पोषण की आवश्यकता नजर होती है.
- जैसे-जैसे महिला के गर्भ में शिशु का विकास होता है, वैसे वैसे महिला के पेट की त्वचा में खिंचाव आने लगता है.
- अगर त्वचा की फ्लैक्सिबिलिटी कम होती है तो निशान नजर आने लगते हैं.
- अधिकतर महिला की त्वचा पर एलर्जी की समस्या प्रेगनेंसी के दौरान नजर आती है.
- कई बार महिला के शरीर की त्वचा काली नजर आने लगती है, हाइपरपिगमेंटेशन हो जाता है.
- कई बार महिला की त्वचा पर लाल लाल रंग के चकत्ते भी नजर आ सकते हैं.
- पैरों में सूजन आने पर भी त्वचा में विकार आने का डर रहता है.
- प्रेगनेंसी के दौरान सूर्य की रोशनी में त्वचा पर अधिक नुकसान होता है त्वचा जल जाती है.
- प्रेगनेंसी के दौरान चेहरे पर दाग धब्बे भी नजर आते हैं.
- त्वचा पर झाइयां और मुझसे प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा पर झाइयां और मस्से भी नजर आते हैं.
यह कुछ समस्याएं जो प्रेगनेंसी के दौरान महिला की त्वचा पर नजर आती है. इनका ध्यान महिला को रखना चाहिए. इसके लिए महिला प्रेगनेंसी में प्रयोग की जाने वाली क्रीम का इस्तेमाल कर सकती है.
प्रेगनेंसी क्रीम के अंदर केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है. केमिकल वाली क्रीम का प्रयोग करने से गर्भ शिशु को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है. इसलिए प्रेगनेंसी स्पेशल क्रीम अलग होती है साथी साथ महिला को अपने भोजन खानपान और स्वच्छता का भी ध्यान रखना अत्यधिक आवश्यक होता है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बहुत अधिक अपनी शारीरिक सफाई की आवश्यकता होती है.
क्योंकि प्रेगनेंसी में महिला को बहुत जल्दी इंफेक्शन पकड़ने की संभावना बनी रहती है. इसके पीछे मुख्य कारण महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर होना माना गया है.
क्योंकि महिला का इम्यून सिस्टम गर्भ में शिशु की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देता है. इस वजह से महिला के शरीर की सुरक्षा कमजोर हो जाती है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अधिकतर पैरों में सूजन की समस्या हो जाती है. साथ ही साथ महिला को थोड़ा सा भी चलने में असहजता महसूस होती है. पैरों में इरिटेशन नजर आती है. ऐसे में महिलाओं को अपने पैरों का ध्यान रखना चाहिए. पैरों को स्पेशल ट्रीटमेंट देना चाहिए ताकि वह रिलैक्स महसूस कर सकें.
उपरोक्त सभी समस्याओं के साथ-साथ दूसरी समस्याओं प्रेगनेंसी के दौरान उपरोक्त सभी समस्याओं के साथ-साथ कुछ दूसरी समस्याओं को दूर करने के लिए आप मामा एक्सपर्ट प्रेगनेंसी केयर किट का प्रयोग कर सकते हैं. यह आपकी काफी सारी समस्याओं को दूर करने की क्षमता रखती है.
देखभाल किट में शामिल हैं:
गहराई से अंतरंग धुलाई
हार्मोनल उतार-चढ़ाव के इस समय के दौरान महिलाओं और माताओं को उचित अंतरंग स्वच्छता बनाए रखने में मदद करता है. चाय के पेड़ के तेल और नीम के अर्क के साथ सावधानीपूर्वक तैयार किया गया, यह खुजली, संक्रमण और अप्रिय गंध से बचाता है.
स्ट्रेच मार्क क्रीम
हार्मोनल परिवर्तन और वजन बढ़ने के कारण होने वाले खिंचाव के निशान को कम करता है. इसमें विटामिन ई, रेपसीड और कॉफी के बीज का तेल और शीया बटर होता है, जो त्वचा की लोच को मजबूत करने में मदद करता है, और त्वचा को दाग-धब्बों से बचाता है. त्वचा की कई समस्याओं का एक समाधान.
लेग्स रिलैक्सिंग जेल
जिंजिबर एक्सट्रैक्ट और मेन्थॉल का इसका विशेषज्ञ फॉर्मूलेशन भारी, थके हुए पैरों को आराम देता है – जिससे वे हल्का और ताजा महसूस करते हैं.
निप्पल सुखदायक क्रीम
सोया लिपिड, विटामिन ई, और जैतून का तेल जैसी सामग्री के साथ स्तनपान के दौरान माँओं को असुविधा से राहत देता है जो गले में खराश और फटे निप्पल को ठीक करने में मदद करता है।