12 संतान प्राप्ति में देरी के कारण – संतान प्राप्ति के लिए उपाय

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किसी भी महिला के लिए संतान प्राप्ति में देरी के कारण बहुत सारे हो सकते हैं. ऐसे ही कुछ मुख्य कारणों को लेकर हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि अगर आप इन समस्याओं से पीड़ित है तो आप बड़ी आसानी से  इनका समाधान कर प्रेगनेंसी को आगे बढ़ा सकते हैं.

संतान प्राप्ति में देरी के कारण – संतान प्राप्ति के लिए उपाय

किसी भी महिला के लिए संतान प्राप्ति में देरी के कारण अलग-अलग हो सकते हैं. यह कारण महिला के लाइफस्टाइल पर बहुत हद तक निर्भर करते हैं.

आइए चर्चा करते हैं कि किसी भी महिला के लिए संतान प्राप्ति में देरी के कारण कौन-कौन हो सकते हैं. आप अपने कारण को पहचानिए और उस पर काम करना शुरू करें.

साथ ही साथ हमने संतान प्राप्ति के लिए उपाय हर एक कारण के साथ संलग्न किए हैं, ताकि आपको आपकी समस्या में मदद हो सके.

अत्यधिक शारीरिक मेहनत करना

जो महिलाएं अत्यधिक शारीरिक मेहनत करती हैं. जैसे कि मेहनत मजदूरी करती है, या खिलाड़ी है. अधिक वर्कआउट करती हैं.

ऐसी महिलाओं को भी प्रेगनेंसी जल्दी से नहीं होती है. क्योंकि प्रेगनेंसी अपने आप में एक बहुत एनर्जी टिक कार्य होता है और महिला का शरीर वैसे भी बहुत अधिक अवशोषित प्रयोग करता है. इसलिए शरीर स्वयं ऐसे कार्य को अवॉइड करता है. इसमें बहुत अधिक एनर्जी की आवश्यकता होती है. अर्थात प्रेगनेंसी के लिए आपके शरीर की जो अवस्था होनी चाहिए, आपका शरीर इस वक्त उस अवस्था के बिल्कुल विपरीत हैं.

प्रेगनेंसी में आराम और ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. मेहनत का कार्य नहीं करना चाहिए और जब कि आपका शरीर इस वक्त बिलकुल विपरीत कार्य में व्यस्त हैं. हालांकि यह पहली नजर में पॉइंट गलत नजर आ सकता है. लेकिन यह वास्तविकता है. हमारा दिमाग स्वयं हमारे शरीर की आवश्यकता को समझता है, और उसके अनुसार शरीर का मैनेजमेंट करता है.

अत्यधिक शारीरिक मेहनत करना छोड़ दें. यह कार्य आप प्रेगनेंसी के बाद दोबारा से शुरू कर सकते हैं.

संतान प्राप्ति में देरी के कारण - संतान प्राप्ति के लिए उपाय

अत्यधिक आराम पसंद होना

अगर महिला का शरीर बिल्कुल आराम पसंद है. थोड़ी सी भी शारीरिक मेहनत नहीं करती है. ऐसे में शरीर बिल्कुल शिथिल पड़ जाता है. शरीर के बाहरी अंगों के साथ-साथ अंदरूनी अंग भी कमजोर हो जाते हैं. और कमजोर शरीर में प्रेगनेंसी नहीं होती है. अगर आप प्रेगनेंसी चाह रहे हैं तो आपको शारीरिक मेहनत शुरु कर देनी चाहिए.

अराम पसंद जिंदगी से बाहर निकले. योगा करें, व्यायाम करें. घर के कार्य में समय दें.

थायराइड की समस्या

अगर महिला का थायराइड नियमित सीमा के अंदर नहीं होता है. अगर यह अधिक हो जाए या कम हो जाए दोनों ही अवस्था में यह प्रेगनेंसी की प्रारंभिक अवस्था में गर्भस्थ शिशु के लिए जानलेवा साबित होता है. और कई मामलों में यह प्रेगनेंसी भी नहीं होने देता है. प्रेगनेंसी नहीं हो रही है तो अपना थायराइड आवश्यक चेक कराएं. यह संतान प्राप्ति में देरी के कारण में एक मुख्य कारण है.

थायराइड की समस्या प्रेगनेंसी नहीं होने देती है. इसलिए थायराइड का लेवल सही होना आवश्यक है. एक बार चेक करा कर जरूर देखें.

पीरियड्स का अनियमित हो जाना

अगर महिला के पीरियड अनियमित हो जाते हैं, तो उस अवस्था में महिला का ओवुलेशन पीरियड परिवर्तित हो जाता है. ऐसे में प्रेगनेंसी होने में थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. प्रेगनेंसी नहीं होती है.

अनियमित होने पर इनकी नियमित करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें .

हारमोंस डिस्टरबेंस

अगर आपको प्रेगनेंसी नहीं हो रही है तो  आपको पता होना चाहिए प्रजनन तंत्र गतिविधियां हारमोंस के द्वारा ही नियंत्रित होती है. अगर महिला के शरीर में हारमोंस की स्थिति खराब हो जाती है, तो कई सारी समस्याएं आने लगती है. महिला के अंडाणु की गुणवत्ता खराब हो जाती है. और पीरियड भी अनियमित हो जाते हैं. कुल मिलाकर प्रेगनेंसी होने में समस्या का सामना करना पड़ता है.

मुख्य रूप से संतान प्राप्ति में देरी के कारण हारमोंस बैलेंस नहीं होने की वजह से नजर आते हैं. अगर संतान प्राप्ति नहीं हो रही है तो एक बार अपने हारमोंस चेक अवश्य कराएं. थायराइड की समस्या भी हारमोंस बैलेंस नहीं होने के कारण होती है.

 हारमोंस डिस्टर्ब होने पर पीरियड्स में समस्या आती है, और दूसरी प्रजनन तंत्र से संबंधित समस्याएं नजर आती हैं. इन्हें हल्के में नहीं ले इलाज कराएं.

फास्ट फूड पर निर्भरता

महिला को जल्दी से प्रेगनेंसी नहीं होने का एक कारण महिला का फास्ट फूड के प्रति लगाव भी होता है फास्ट फूड के अंदर बिल्कुल भी पौष्टिक तत्व नहीं होते हैं यह महिला के शरीर को कमजोर करते हैं और महिला का शरीर प्रेगनेंसी के लायक नहीं रह जाता है कई बार यह फास्ट फूड हारमोंस और थायराइड की समस्या का कारण भी बनते हैं.

भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान देना शुरू करें.

पुरुष स्पर्म की गुणवत्ता

पुरुष के स्पर्म की गुणवत्ता खराब होती है तो वह महिला के शरीर में अधिक समय तक  जीवित नहीं रह पाते हैं, और वह प्रेगनेंसी के लिए महिला के अंडे तक पहुंचने में असमर्थ रहते हैं. इसलिए पुरुषों के इस पद की गुणवत्ता और क्वांटिटी दोनों सही होना अत्यधिक आवश्यक है.

प्रेगनेंसी के लिए पुरुष के स्पर्म की गुणवत्ता और क्वांटिटी दोनों सही होना अत्यधिक आवश्यक है. अपने भोजन का विशेष ध्यान रखें.

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नियमित रूप से संबंध न बनाना

किसी भी महिला और किसी भी दंपत्ति को संतान प्राप्ति में 1 महीने से लेकर 6 महीने तक का समय बड़े आराम से लग जाता है और कुछ दंपत्ति को इससे भी अधिक समय लगता है इसलिए प्रेगनेंसी के लिए नियमित तौर पर अर्थात 1 दिन या 2 दिन छोड़कर लगातार संबंध बनाने की आवश्यकता होती है. यह भी संतान प्राप्ति में देरी के कारण में आता है.

दंपत्ति को रेगुलर संबंध में रहने से यह भी फायदा होता है, कि उनकी काम शक्ति में वृद्धि भी होती है, और संतान प्राप्ति की क्षमता भी बढ़ती है. नियमित रूप से लेकिन सीमित मात्रा में ही संबंध में रहे.

महिला के प्रजनन तंत्र में कमी

महिला के शरीर में प्रजनन तंत्र में काफी सारे अंग होते हैं और उन अंगों में किसी भी प्रकार का रोग या समस्या हो सकती है. जिसकी वजह से महिला को वर्तमान समय में प्रेगनेंसी की नहीं होने की दिक्कत हो रही हो सकती है.
 जैसे कि पीसीओडी की समस्या,  कोई ट्यूब ब्लॉकेज है, गर्भाशय में रसौली हो सकती है. ऐसी ही काफी सारी समस्याएं हैं. जिनका इलाज किया जा सकता है. उसके बाद महिला गर्भाधान कर सकती है. इन सब समस्याओं का भी ध्यान रखें.

एक बार अपना चेकअप जरूर कराएं. यह आवश्यक है.

किसी रोग विशेष के कारण

हम समझते हैं कि प्रजनन तंत्र ही महिला की प्रेगनेंसी को संभालने का कार्य करता है. ऐसा नहीं है बल्कि शरीर का हर एक अंग प्रेगनेंसी के लिए अपना योगदान देता है. प्रेगनेंसी के लिए संपूर्ण शरीर का स्वस्थ होना अत्यधिक आवश्यक होता है. अगर महिला को किसी भी प्रकार का रोग शरीर में है चाहे वह किसी भी अंग में हो उसका प्रभाव शरीर पर पड़ता है. वह भी प्रेगनेंसी को प्रभावित करता है.

यह समस्या हर एक के साथ नहीं होती है, लेकिन एक बार अपनी समस्या ठीक कर ले. उसके बाद ही संतान के लिए कोशिश करें.

कोई विशेष प्रकार की मेडिसन

कई बार शारीरिक समस्या को लेकर महिला या पुरुष कोई विशेष प्रकार की मेडिसन का इस्तेमाल कर रहे होते हैं. जो प्रेगनेंसी के कार्य को अवरुद्ध करने का कार्य कर रहे होती है. इसलिए अगर आप कोई मेडिसन ले रहे हैं तो डॉक्टर से इस विषय में जरूर बात करें कहीं यह मेडिसन प्रेगनेंसी होने में तो समस्या पैदा नहीं कर रही है.

अगर आप मेडिसन ले रही है तो प्रेगनेंसी के नजरिए से डॉक्टर से एक बार सलाह अवश्य करा लें.

अत्यधिक तनाव के कारण

अत्यधिक तनाव के कारण यह बात मेडिकली प्रूफ हो गई है कि अगर महिला अत्यधिक तनाव में रहती है तो यह उसके प्रेगनेंसी पर प्रभाव डालता है महिला जल्दी से गर्भवती नहीं होती है अगर महिला गर्भवती है तो महिला के गर्भ शिशु में कई प्रकार की बीमारियां पैदा होने का डर रहता है इसलिए तनाव से बिल्कुल दूर रहे हैं.

तनाव का नेगेटिव प्रभाव महिला के शरीर पर भी पड़ता है और गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ता है इसलिए तनाव के माहौल में प्रेगनेंसी की ना सोचे.

निष्कर्ष

संतान प्राप्ति में देरी के कारण हर एक दंपत्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं, जो उनके वातावरण उनके लाइफस्टाइल उनके शरीर विशेष की वजह से भी हो सकते हैं.

कभी-कभी महिला का शरीर अस्वस्थ रहता है और पुरुषों का शरीर भी अस्वस्थ रहता है और उन्हें इस बारे में ज्ञान नहीं होता है. अगर प्रेगनेंसी होने में समस्या हो रही है, तो एक बार अपना चेकअप जरूर कराएं.

 शरीर में जिस भी प्रकार के मिनरल्स और विटामिन की कमी होती है. उनके लिए डॉक्टर से सलाह ले कर. अपने भोजन में सुधार करना चाहिए, या सप्लीमेंट इत्यादि का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिए. प्रेगनेंसी जल्दी होने की संभावना बनी रहती है.

प्रेगनेंसी से पहले महिला के शरीर में बहुत सारे मिनरल्स और विटामिन की आवश्यकता पहले से ही होती है अगर उन्हें किसी भी प्रकार की कमी है तो शरीर प्रेगनेंसी को एक्सेप्ट नहीं करता है.

प्रेगनेंसी को संभालने का कार्य महिला के शरीर में हारमोंस करते हैं इसलिए हार्मोन का भी चेकअप एक बार अवश्य करा लेना चाहिए.

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