2 साल तक के बच्चे के साथ किस किस प्रकार की एक्टिविटी में शामिल होना चाहिए, जिससे बच्चे के मस्तिष्क पर पॉजिटिव प्रभाव पड़े, और उसका विकास अच्छे तरीके से हो.
ऐसे ही कुछ और तरीकों जिसमें हम बच्चे के मस्तिष्क के विकास से संबंधित और छोटी-छोटी दूसरी एक्टिविटी के संबंध में बात करेंगे.
बच्चे को गिनती सिखाएं
जब बच्चा थोड़ा-थोड़ा बोलना या चलना सीख जाता है तो हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे को दैनिक क्रियाकलापों के द्वारा उन्हें हमेशा कुछ न कुछ सिखाने की कोशिश करते रहना चाहिए.
जैसे की
हम उन्हें गिनती सिखा सकते हैं.
इसके लिए हमारे घर में फल आते हैं तो उन्हें काउंट करना सिखा सकते हैं.
बच्चों की उंगलियों द्वारा उसे गिनती सिखा सकते हैं.
ऐसे ही बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो हमारी नजर में जरूरी होती हैं या हमें जरूरी लगे तो हम बच्चों को दैनिक क्रियाकलापों के साथ प्रैक्टिकल के साथ उन्हें समझाएं तो उन्हें समझ में भी जल्दी आएगा और उनके मस्तिष्क के विकास में भी यह चीजें सहायक होंगे.
कहानी सुनाएं और सुनें
जब बच्चा बोलने लगता है थोड़ा थोड़ा समझदार हो जाता है तो उसे आपको कहानी सुनाना शुरू करना चाहिए.
कहानी हमेशा प्रेरणादायक होनी चाहिए. उसे उससे कुछ सीखने को मिलना चाहिए.
साथ ही साथ बच्चे से आपको कहानी सुनने भी चाहिए. जब बच्चा कोई कहानी सुनाता है, तो उस वक्त उसका पूरा मस्तिष्क काम कर रहा होता है.
क्योंकि वह जब कहानी कहता है तो उसे विजुलाइज करने की कोशिश भी करता है. शुरू शुरू में कहानी सुनाने में बच्चे को अगर दिक्कत होती है तो आप उसकी मदद भी करें.
कोशिश करें बच्चा नींद अवश्य पूरी करें
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, लाइफस्टाइल का बोझ उसके ऊपर आने लगता है. 3 साल का बच्चा आजकल स्कूल भी जाने लगता है.
मां-बाप उसके भविष्य का तानाबाना भी बुनने लगते हैं, और उसे कई प्रकार की एक्टिविटी में भी शामिल करते हैं.
हालांकि यह सब आवश्यक है, लेकिन बच्चा भरपूर नींद ले यह भी अत्यधिक आवश्यक है. नींद शक्ति का ऐसा स्रोत है जो मस्तिष्क को शांत सचेत और पुनः तरोताजा कर देता है. ध्यान रहे कि बच्चा पूरी नींद ले. उसके सोते वक्त कोई ऐसी हरकत न हो जो उसकी नींद खराब करे.
शुरू से ही बच्चे को डिसिप्लिन सिखाएं
बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए डिसिप्लिन होना अत्यधिक आवश्यक है. अनुशासन के बिना बच्चे की मस्तिष्क की कुशलता अगर बढ़ भी जाए, तो भी उसका प्रयोग जीवन में सही तरीके से नहीं हो सकता. अभी से बच्चे की दिनचर्या को निश्चित करें. यह कार्य आगे चलकर उसके लिए अत्यधिक लाभ कर सिद्ध होगा.
बच्चे के स्कूल में मस्तिष्क विकास का ध्यान रखा जाए
अगर आप अपने 3 साल के बच्चे को स्कूल भेजते हैं या क्रंच या बेबी केयर सेंटर भेजते हैं, जहां वह घर से बाहर रहना सीखता है, तो उसका चयन आपको काफी सोच समझ कर करना है इस बात को जरूर निश्चित करें कि यहां आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास की ओर भी ध्यान दिया जाएगा.
बच्चे के सामने नहीं झगड़े
अगर आप अपने बच्चे के सामने झगड़ा करते हैं तो इस बात का भी को भी सुनिश्चित करें कि आप उसके सामने ही आपस में सुलह करें. इससे वह मतभेदों के समाधान का महत्वपूर्ण जीवन पाठ सीखेगा.