बांझपन के 30 कारण

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बांझपन या इंफर्टिलिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला या पुरुष को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है। यह समस्या आजकल काफी आम हो गई है, और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। यहाँ हम बांझपन के 30 प्रमुख कारणों पर चर्चा करेंगे।

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Table of Contents


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बांझपन के 30 कारण

1. महिला में ओव्यूलेशन की समस्या

ओव्यूलेशन में समस्या बांझपन का एक प्रमुख कारण है। यह तब होता है जब अंडाशय (ओवरी) से अंडाणु निकलना बंद हो जाता है या अनियमित होता है, जिससे गर्भधारण संभव नहीं हो पाता।

2. पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)

पीसीओएस एक हार्मोनल विकार है, जिसमें अंडाशय में कई छोटे सिस्ट बन जाते हैं। इससे ओव्यूलेशन अनियमित हो सकता है, जिससे बांझपन हो सकता है।

3. एंडोमेट्रियोसिस

इस स्थिति में, गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है, जिससे दर्द और इंफ्लेमेशन होता है। यह गर्भधारण में समस्या उत्पन्न कर सकता है।

4. शुक्राणुओं की संख्या में कमी

पुरुषों में बांझपन का प्रमुख कारण शुक्राणुओं की संख्या में कमी होती है। जब शुक्राणुओं की संख्या कम होती है, तो अंडाणु तक पहुंचने और उसे निषेचित करने की संभावना कम हो जाती है।

5. शुक्राणुओं की गतिशीलता में कमी

शुक्राणुओं की गतिशीलता (मोबिलिटी) भी बांझपन का कारण हो सकती है। यदि शुक्राणु अंडाणु तक पहुँचने के लिए सही से नहीं हिल पाते हैं, तो गर्भधारण मुश्किल हो सकता है।

6. फैलोपियन ट्यूब की रुकावट

महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब की रुकावट एक आम समस्या है। यह तब होता है जब फैलोपियन ट्यूब्स अंडाणु को अंडाशय से गर्भाशय तक पहुंचने नहीं देतीं।

7. गर्भाशय की समस्याएं

गर्भाशय की संरचना में विकृति, जैसे फाइब्रॉइड्स या पॉलीप्स, गर्भधारण में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। ये गर्भाशय के अंदरूनी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं और अंडाणु को ठीक से संलग्न नहीं होने देते।

8. थायरॉइड डिसऑर्डर

थायरॉइड हार्मोन में असंतुलन बांझपन का कारण हो सकता है। हाइपोथायरॉइडिज्म (थायरॉइड की कमी) और हाइपरथायरॉइडिज्म (थायरॉइड की अधिकता) दोनों ही प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

9. हार्मोनल असंतुलन

शरीर में हार्मोनल असंतुलन, जैसे कि एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन, और टेस्टोस्टेरोन का स्तर अनियमित होना, गर्भधारण में बाधा डाल सकता है।

10. उम्र का प्रभाव

उम्र का प्रभाव भी बांझपन का एक प्रमुख कारण है। महिलाओं में 35 साल की उम्र के बाद अंडाणु की गुणवत्ता और मात्रा में गिरावट आती है, जिससे गर्भधारण मुश्किल हो सकता है।

11. शारीरिक तनाव और मानसिक तनाव

अत्यधिक शारीरिक और मानसिक तनाव प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। तनाव हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जो ओव्यूलेशन और शुक्राणुओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।

12. जीवनशैली और आहार

अस्वस्थ जीवनशैली, जैसे धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन, और गलत आहार बांझपन के कारण हो सकते हैं। ये आदतें हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकती हैं और प्रजनन क्षमता को कम कर सकती हैं।

13. पुरानी बीमारियाँ

डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी पुरानी बीमारियाँ भी बांझपन का कारण हो सकती हैं। इन बीमारियों के कारण शरीर के विभिन्न अंग प्रभावित होते हैं, जिससे प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है।

14. संक्रमण और यौन संचारित रोग (एसटीडी)

संक्रमण, विशेषकर यौन संचारित रोग (एसटीडी), प्रजनन अंगों को प्रभावित कर सकते हैं। इससे फैलोपियन ट्यूब्स में रुकावट, सूजन, और निशान हो सकते हैं, जो बांझपन का कारण बनते हैं।

15. प्रारंभिक रजोनिवृत्ति (प्रीमेच्योर ओवरीयन फेल्योर)

कुछ महिलाओं में अंडाशय का कार्य समय से पहले ही बंद हो जाता है, जिसे प्रारंभिक रजोनिवृत्ति कहते हैं। इससे अंडाणु का उत्पादन कम हो जाता है और बांझपन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

16. एंटीबॉडीज का निर्माण

कभी-कभी, महिलाओं का इम्यून सिस्टम शुक्राणुओं को एक बाहरी आक्रमणकारी मान लेता है और उनके खिलाफ एंटीबॉडीज का निर्माण करता है। इससे शुक्राणुओं का आंदोलन बाधित हो सकता है, जिससे गर्भधारण कठिन हो जाता है।

17. पुरुषों में हार्मोनल इंबैलेंस

पुरुषों में हार्मोनल इंबैलेंस, जैसे कि टेस्टोस्टेरोन का कम स्तर, बांझपन का कारण हो सकता है। यह स्थिति शुक्राणुओं की उत्पादन क्षमता को प्रभावित कर सकती है।

18. जीनिटल ट्यूबरकुलोसिस (यौनांग तपेदिक)

जीनिटल ट्यूबरकुलोसिस एक गंभीर संक्रमण है जो प्रजनन अंगों को प्रभावित कर सकता है। यह महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब्स और गर्भाशय में सूजन और निशान का कारण बन सकता है, जिससे बांझपन की समस्या हो सकती है।

19. वजन का असंतुलन

अत्यधिक वजन (ओबेसिटी) या बहुत कम वजन (अंडरवेट) होना, दोनों ही स्थितियाँ प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। ओबेसिटी हार्मोनल इंबैलेंस का कारण बन सकती है, जबकि अंडरवेट से ओव्यूलेशन की समस्या हो सकती है।

20. श्रोणि सूजन संबंधी रोग (PID)

श्रोणि सूजन संबंधी रोग, जिसे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) कहा जाता है, एक संक्रमण है जो प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। यह फैलोपियन ट्यूब्स में रुकावट और गर्भाशय में सूजन का कारण बन सकता है, जिससे गर्भधारण कठिन हो सकता है।

21. पुरुषों में वैरिकोसेले

वैरिकोसेले एक स्थिति है जिसमें अंडकोष में मौजूद नसें बढ़ जाती हैं और सूजन आ जाती है। यह स्थिति शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित कर सकती है, जिससे बांझपन हो सकता है।

22. सेक्सुअल डिस्फंक्शन

पुरुषों में सेक्सुअल डिस्फंक्शन, जैसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या शीघ्रपतन, गर्भधारण में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। इन समस्याओं के कारण शुक्राणु अंडाणु तक नहीं पहुँच पाते, जिससे गर्भधारण कठिन हो जाता है।

23. अल्कोहल और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन

अल्कोहल और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन प्रजनन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। अल्कोहल से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, और धूम्रपान शुक्राणुओं और अंडाणुओं की गुणवत्ता को खराब कर सकता है।

24. जेनेटिक या आनुवंशिक विकार

कुछ जेनेटिक विकार भी बांझपन का कारण हो सकते हैं। जैसे, टर्नर सिंड्रोम और क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम जैसी स्थितियाँ प्रजनन अंगों के विकास को प्रभावित कर सकती हैं और गर्भधारण में समस्या उत्पन्न कर सकती हैं।

25. रेडियोथेरपी या कीमोथेरपी का प्रभाव

कैंसर के इलाज के लिए रेडियोथेरपी और कीमोथेरपी का उपयोग किया जाता है, जो कि प्रजनन अंगों पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। यह अंडाणु और शुक्राणु की उत्पादन क्षमता को कम कर सकता है, जिससे बांझपन की समस्या हो सकती है।

26. इम्यूनोलॉजिकल समस्याएँ

कुछ इम्यूनोलॉजिकल समस्याएँ भी गर्भधारण में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। जैसे, शरीर के इम्यून सिस्टम का अंडाणु या शुक्राणु को पराया मान लेना और उसके खिलाफ एंटीबॉडीज का निर्माण करना।

27. कला और प्रोफेशनल तनाव

कुछ प्रोफेशनल्स, जैसे एथलीट्स, को अत्यधिक शारीरिक श्रम करना पड़ता है, जिससे उनके हार्मोनल स्तर प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा, अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक तनाव भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

28. विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना

कुछ केमिकल्स और विषाक्त पदार्थ, जैसे कीटनाशक, हेवी मेटल्स, और औद्योगिक केमिकल्स के संपर्क में आना भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इनसे शुक्राणु और अंडाणु की गुणवत्ता में कमी आ सकती है।

29. एलर्जी और अज्ञात कारण

कुछ मामलों में, बांझपन का कोई स्पष्ट कारण नहीं मिल पाता, जिसे अज्ञात बांझपन (अनएक्सप्लेंड इंफर्टिलिटी) कहा जाता है। कभी-कभी यह स्थिति एलर्जी या इम्यूनोलॉजिकल प्रतिक्रियाओं से भी हो सकती है।

30. सर्जिकल जटिलताएं

कभी-कभी, पूर्व सर्जिकल प्रक्रियाओं के कारण भी बांझपन हो सकता है। जैसे, किसी ऑपरेशन के दौरान हुई गलतियों से प्रजनन अंगों को नुकसान पहुँच सकता है, जिससे गर्भधारण मुश्किल हो जाता है।

निष्कर्ष

बांझपन के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक, हार्मोनल, जीवनशैली, और पर्यावरणीय कारक शामिल हैं। अगर आपको गर्भधारण में कठिनाई हो रही है, तो किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श लें। सही कारण का पता लगाने के बाद उचित उपचार किया जा सकता है, जो गर्भधारण की संभावना को बढ़ा सकता है। सही जीवनशैली, संतुलित आहार, और चिकित्सीय देखभाल से बांझपन के कई कारणों को दूर किया जा सकता है।

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