आज हम प्रेगनेंसी के दौरान महिला क्या खाए, जिससे गोरा बच्चा पैदा हो.
समाज में कौन-कौन से तरीके अपनाए जाते हैं.
उन सब के विषय में हम आज चर्चा करने जा रहे हैं. दोस्तों यह सब तरीके विज्ञान के दृष्टिकोण से अपवाद माने जाते हैं. मिथक माने जाते हैं, लेकिन यह समाज में प्रचलित हैं.
इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण तो नहीं पता है, कि यह गोरे संतान प्राप्ति के लिए क्यों उपयुक्त माने जाते हैं. क्योंकि विज्ञान के दृष्टिकोण से यह सिद्ध नहीं हुआ है इसलिए विज्ञान मिथक मानता है, लेकिन समाज में प्रचलित हैं.
हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान ऐसे 8 तरीके बताएंगे जिन्हें प्रयोग करने से बच्चा गोरा होने की संभावना बढ़ जाती है. दोस्तों यह सामान्य घरेलू तरीके हैं, इनका प्रयोग करने से किसी भी प्रकार का नुकसान होने की संभावना नहीं होती है. कुछ खाद्य पदार्थ हैं, अगर इन खाद्य पदार्थों से आपको किसी भी प्रकार की एलर्जी है, तो आप उस तरीके का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें.
जैसा कि हमने अपने बताया है कि बच्चे की त्वचा अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रति जितनी ज्यादा सेंसिटिव होती है, उतना ज्यादा बच्चे का रंग काला होता है, और त्वचा जितनी कम सेंसिटिव होती है, बच्चा उतना गोरा होता है.
तो ऐसा हो सकता है, कि इन खाद्य पदार्थों को खाने से बच्चे की त्वचा अल्ट्रावायलेट किरणों से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाती है. इसी कारण से बच्चा गोरा होता है.
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प्रेगनेंसी में बादाम का प्रयोग करें
बादाम का प्रयोग करने से बच्चा गोरा होने की संभावना मानी जाती है. क्योंकि बादाम में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चे की त्वचा को मजबूत बनाने का कार्य करते हैं.
बदाम का प्रयोग कैसे किया जाए. इस संबंध में पूरा Article हमारे Blog पर उपलब्ध है.
प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध
यह एक अत्यधिक प्रचलित फॉर्मूला है. जिसका प्रयोग मुख्यतः भारत में गोरा
बच्चा प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है . असल में केसर के अंदर
ऐसे गुण पाए जाते हैं जो त्वचा को मजबूती प्रदान करते हैं, और
अल्ट्रावायलेट किरणों से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करते हैं.
प्रेगनेंसी में केसर कब खाना चाहिए यह भी काफी महत्वपूर्ण है. आप प्रेगनेंसी में केसर प्रेगनेंसी के 3 महीने से लेकर 9 महीने के बीच में प्रयोग कर सकती हैं.
केसर दूध बनाने की विधि : दूध में केसर कैसे मिलाए यही एक मुख्य
कार्य है, और इसका कोई विशेष प्रकार नहीं होता है. आप केसर के साथ दूध को
उबाल सकते हैं और ठंडा होने पर उसे प्रयोग में ला सकते हैं या आप दूध
उबालकर उसमें केसर के कुछ रेशे डाल दें, और आधे घंटे बाद उसका प्रयोग कर
ले.
गोरा बच्चा पैदा करने के और दूसरे तरीके भी हैं जो प्रचलित है जैसे की
• माना जाता है कि गाजर का जूस पीने से महिला के यहां होने वाली संतान का रंग साफ होता है लेकिन यह जाड़ो में ही लगती है.
• ऐसे ही गर्मियों में पाया जाने वाला चुकंदर भी बच्चे की त्वचा को मजबूत बनाता है बच्चे को गोरा बनाता है.
• माना जाता है हरी सब्जी और काले अंगूर भी बच्चे को गोरा बनाने में मदद करते हैं.
लेकिन विज्ञान के दृष्टिकोण से इन्हें नकार दिया गया है, मात्र मिथक हैं. पर यह
सभी के सभी खाद्य पदार्थ महिलाओं के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यधिक
लाभदायक है. तो संयमित मात्रा में इनका प्रयोग करने से किसी भी प्रकार का
नुकसान नहीं है आप इनका प्रयोग जरूर करें.
प्रेगनेंसी में अंडे का सेवन
समाज में प्रचलित है कि अगर महिला रेगुलर अंडे का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान करती है, तो उसके पोषक तत्व के कारण बच्चे की त्वचा अल्ट्रावायलेट किरणों से लड़ने के लिए मजबूत बनती है.
क्योंकि इसके अंदर हर प्रकार का पोषक तत्व उपलब्ध होता है. तो अंडे का प्रयोग कैसे करना चाहिए कैसे खाना चाहिए. इस संबंध में पूरा Article हमारे Blog पर उपलब्ध है. बस यहां हम इतना बताना चाहेंगे, कि कच्चा अंडा नुकसानदायक हो सकता है.
प्रेगनेंसी में अनन्नास का सेवन
प्रेगनेंसी के दौरान अनन्नास का सेवन करने से भी बच्चा गोरा होता है. ऐसा माना जाता है. सीमित मात्रा में ही प्रेगनेंसी के दौरान अनानास का प्रयोग किया जाता है.
अगर आप बच्चा गोरा करने के उद्देश्य से अधिक मात्रा में अनन्नास का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान करेंगे तो यह काफी नुकसानदायक होता है. अगर आपको अपने शरीर के अनुसार इसकी उचित मात्रा का ज्ञान है. तब इसका प्रयोग करें.
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प्रेगनेंसी में सौंफ का इस्तेमाल
माना जाता है प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिला सौंफ का इस्तेमाल करती है, तो इससे भी गोरा बच्चा पैदा होता है. सौंफ को पानी में उबालकर और वह पानी ठंडा करके सुबह पीने से जी मिचलाने की समस्या में भी राहत मिलती है. लेकिन प्रेगनेंसी में सौंफ का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें. विज्ञान के अनुसार तो यह मिथक ही है.
प्रेगनेंसी में नारियल खाना
प्रेगनेंसी के दौरान नारियल खाना बहुत ज्यादा पौष्टिक माना जाता है, लेकिन घर की पुरानी बुजुर्ग महिलाओं का मानना है, कि अगर महिला प्रेगनेंसी के दौरान नारियल पानी और नारियल का सेवन उसकी गिरी नियमित तौर पर खाती है, तो उसका पैदा होने वाला बच्चा गोरा अवश्य होगा .
यह काफी पौष्टिक खाद्य पदार्थ है मिनरल्स का भंडार है.
प्रेगनेंसी में संतरे का सेवन
आपने सुना होगा संतरे का सेवन करने से भी महिला का होने वाला बच्चा गोरा पैदा होता है. असल में संतरे केंद्र विटामिन सी होता है, तो अधिक मात्रा में विटामिन सी भी नुकसानदायक होता है. सीमित मात्रा में ही अगर महिला प्रेगनेंसी के दौरान संतरे का सेवन करती है.
बच्चे की त्वचा स्वस्थ होगी प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होगी महिला को संक्रमण नहीं होगा. अगर त्वचा स्वस्थ रहेगी, तो उसका असर त्वचा पर अवश्य नजर आएगा.
प्रेगनेंसी में देसी घी का प्रयोग
देसी घी का प्रयोग भी प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं प्राचीन समय से गोरा बच्चा पैदा करने के उद्देश्य से प्रयोग कर रही हैं, कि देसी घी में भी बहुत अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं.
लेकिन गर्भवती महिला का वजन अधिक है, तो उसे देसी घी का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए.