प्रेगनेंसी में पुदीने की चाय पीए कि नहीं पीए – Mint Tea during Pregnancy

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नमस्कार दोस्तों, क्या आपको कॉफी और चाय पीए बग़ैर चैन नहीं आता? लेकिन के आपको पता है की ये दोनों कैफीन से भरपूर ड्रिंक आपकी कोक में पलने वाले बच्चे के लिए कितनी हानिकारक हैं?

क्या आपने प्रेगनेंसी में कभी पुदीने की चाय पीने की सोची ?

हम चर्चा करने वाले हैं, कि प्रेगनेंसी में पुदीने की चाय पीनी चाहिए कि नहीं पीनी चाहिए. इसके लिए हम आपको पुदीने की चाय से प्रेगनेंसी के समय होने वाले फायदे पर चर्चा करेंगे.  साथ ही साथ प्रेग्नेंसी के समय पुदीने की चाय पीने से होने वाले नुकसान हो पर भी चर्चा करेंगे.

जिससे आप यह बड़ी आसानी से पता लगा पाओगे की प्रेगनेंसी में पुदीने की चाय पीने चाहिए कि नहीं पीनी चाहिए.
हम आपको यह भी बताएंगे कि पुदीने की चाय कैसे बनानी चाहिए तथा कितनी मात्रा में 1 दिन के अंदर पुदीने की चाय पीनी चाहिए.

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प्रेगनेंसी में पुदीने की चाय पीए कि नहीं पीए – Mint Tea during Pregnancy

पुदीने की चाय एक ऐसी ड्रिंक है जो प्रेगनेंसी के समय आपके स्वास्थ को अच्छा रखने में मदद करती है.

  • मेथानॉल के हाई लेवल के कारण, पुदीना आपकी पाचन शक्ति को सुधारता है.
  • पेट की जलन को दूर रखता है.
  • पुदीने की खुशबू आपके शरीर और दिमाग को सुकून देती है.
  • तनाव से दूर रखती है.

प्रेगनेंसी में पुदीना चाय के फायदे – Preganensee mein Mint Tea ke Benefit 

चर्चा कर लेते हैं कि प्रेग्नेंसी के समय पुदीने की चाय पीने से कौन-कौन से फायदे आपको हो सकते हैं|
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1. पाचन शक्ति हो सुधारता है 

पुदीने की चाय आपके पेट में होने वाली एसिडिटी का इलाज करता है. प्रेग्नेंट होने के नाते आपको बदहज़मी और पेट भारी होने का आसार होता है.पुदीने की चाय एक बूटी की तरह काम करती है. जो की आपके पेट की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है. और पेट दर्द होने से बचाता है.

आपके पेट में अधिक गैस होने के कारण आपके शरीर में दर्द हो सकता है. पुदीने की चाय आपकी पाचन शक्ति को बढ़ावा देती है . पेट में होने वाली हलचल को क़ायम रखती है.

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2. स्ट्रांग इम्यून सिस्टम

पुदीने की चाय में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. यह प्रेग्नेंट महिलाओं को कई तरह की परेशानियां जैसे कि वायरल इंफेक्शन, सर्दी, खांसी, जुखाम इत्यादि से बचाने में सहायता करती है.

यह प्रेग्नेंट महिलाओं को कई तरह की परेशानियां जैसे कि वायरल इंफेक्शन, सर्दी, खांसी, जुखाम इत्यादि से बचाने में सहायता करती है.

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3. जी मचलना और उलटी होने से बचाता है 

प्रेग्नेंसी के समय सबसे कॉमन समस्या यही होती है. लगभग लगभग हर महिला उल्टी और जी मिचलाने की समस्या से ग्रसित होती है. जी मिचलाने समस्या से बचने के कई सारे ऑप्शन अवेलेबल है, लेकिन साथ ही साथ पुदीने की चाय इस समस्या को दूर करने में सक्षम होती है.

पुदीने की चाय एक एन्टीस्पैस्मोडिक की तरह काम करती है. और आपके उलटी होने और जी मचलने की क्षमता को कम करता है. तो अगली बार अगर आपको गर्भावस्था के समय उलटी आये तो पुदीने की चाय पीएं.

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4. सांस लेने की क्षमता में सुधार

क्योंकि पुदीने की चाय एक एन्टीस्पैस्मोडिक की तरह काम करती है, ये आपके रेस्पीरेट्री सिस्टम को स्ट्रांग बनाती है. रेस्पीरेट्री सिस्टम से संबंधित परेशानियों और बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है.

पुदीने की ठंडी प्रकृति आपके छाती और गले की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है. पुदीने की चाय आपकी छाती में दर्द होने से और ठंडा या फ़्लू होने से बचाता है.

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5. तनाव छूमंतर

प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं की जिंदगी एक दम से ठहर सी जाती है. ऐसे में महिलाओं को बहुत सारे कामों के लिए दूसरों की ओर देखना पड़ता है. कई बार महिलाएं इस ठहराव के कारण टेंशन में आ जाती हैं.

आने वाली जिम्मेदारियों की वजह से भी कभी-कभी टेंशन हो जाती है. तनाव हो जाता है. ऐसी स्थिति में तनाव को दूर रखने के लिए पुदीने की चाय काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.

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पुदीने की चाय एक प्राकृतिक सेडेटिव है, जो आपको मानसिक तनाव से दूर रखता है. पुदीने की एंटी-इन्फ्लमेट्री और सूथिंग तासीर आपके शरीर के टेम्परेचर और ब्लड प्रेशर को घटाने में मदद करता है.

इसका असर आपकी मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है और साथ ही आपको शांति प्रदान करता है.

प्रेगनेंसी में पुदीना चाय के नुकसान – Preganensee mein pudeena chaay ke Nuksan

पुदीने की चाय जहां इतने सारे फायदे प्रेग्नेंसी के समय आपको देती है वहां कभी कभी वह नुकसान भी दे देती है आइए प्रेग्नेंसी के समय पुदीने की चाय से होने वाले नुकसान ऊपर एक बार चर्चा कर लेते हैं.

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क्या पुदीने की चाय मिसकैरेज का कारण बनती है 

गर्भवस्था के समय पुदीने की चाय आपके यूटेरस को आराम पहुंचाती है.  इसके कारण आपके मिसकैरेज होने की संभावना और बढ़ जाती है.

हालांकि गर्भावस्था में पुदीने की चाय पीने से मिसकैरेज होता है. इस बात का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है, लेकिन जिन महिलाओं को पहले मिसकैरेज हो चूका है, उन्हें पुदीने की चाय पीने से रुकना चाहिए.

एलर्जी

अगर आप गर्भवती हैं और आपको मेथनॉल से एलर्जी है तो इस हालत में आपको पुदीने की चाय से बचना चाहिए| पुदीने की चाय आपमें एलर्जिक रिएक्शन ला सकती है.

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दवाइयों पर नेगेटिव असर

प्रेगनेंसी में बहुत सारी दवाइयां लेनी पड़ती है, जिन्हें डॉक्टर प्रिसक्राइब करते हैं. कभी कभी पुदीने की चाय दवाइयों के साथ मिलकर शरीर पर नेगेटिव प्रभाव डाल देती है.

इसलिए अगर आप पुदीने की चाय प्रग्नैंसी में पीने की इच्छा रखती हैं तो आपको अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए.

किसी भी चीज़ की अधिक मात्रा हानिकारक होती है. फिर चाहे वो खाना या पीना ही क्यों ना हो. पुदीने की चाय को अधिक मात्रा में पीने से आपके शरीर पर उसका ग़लत प्रभाव पड़ सकता है, जैसे मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना,दिल की धड़कन कम हो जाना और अचानक से काँप उठना.

आम तौर पर एक कप पुदीने की चाय में 1 ग्राम या 1 चम्मच से अधिक पुदीने की पत्तियां ना डालें. चाय बनाने के लिए 150-160 ml से अधिक पानी का इस्तेमाल ना करें. एक दिन में 2-3 बार हर्बल चाय ना पीएं .

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