दंपत्ति चाहते हैं कि उनके यहां पर जुड़वा बच्चे पैदा हो . यह इच्छा रखना भी कोई गलत नहीं है, लेकिन अगर महिला का शरीर जुड़वा बच्चे रखने के लिए तैयार नहीं है तो उस अवस्था में कुछ परेशानी अवश्य होती है, कुछ कॉम्प्लिकेशंस आने की संभावना रहती है आइए सबसे पहले चर्चा करते हैं कि —
जुड़वा बच्चों के प्रकार – Judva Baccho ke Type
सबसे पहले तो हम आपको यह बता दें कि जुड़वा बच्चे दो तरह के हो सकते हैं.
i. पहले तो एक जैसे दिखने वाले बच्चे
ii. दूसरे एक जैसे ना दिखने वाले बच्चे
जितने भी जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं. उनमें से एक तिहाई बच्चे एक जैसे ही दिखते हैं. और उनके एकलिंग की होने की संभावना भी सबसे ज्यादा होती है.
चाहे तो वह लड़के, लड़के हो सकते हैं. या फिर लड़की, लड़की हो सकते हैं. लेकिन दो तिहाई मामलों के अंदर जुड़वा बच्चे एक जैसे नहीं दिखाई पड़ते हैं . और संभावना इसकी ज्यादा रहती है, कि उनमें एक लड़का होगा और एक लड़की होगी.
जुड़वा बच्चे पैदा कैसे होते हैं – Judva Bacche Kaise Paida Hote Hai
एक जैसे दिखने वाले बच्चे एक ही अंडे से पैदा होते हैं. जैसे कि पहले अंडा शुक्राणु से मिलन करता है. उसके बाद वह दो हिस्सों में टूट जाता है. तो ऐसे में जो भी बच्चे होंगे वह एक ही लिंग के होंगे, और एक ही जैसे दिखने वाले होंगे. इसकी संभावना लगभग 100% के आसपास होती है.
लेकिन अक्सर दो तिहाई मामलों के अंदर दो अलग-अलग अंडे एक साथ निषेचित होते हैं. और दोनों गर्भ में आरोपित हो जाते हैं. इस प्रकार जुड़वा बच्चों की शक्ल आपस में नहीं मिलती है, और इस मामले में अधिकतर यह देखा गया है, कि एक लड़का और एक लड़की होते हैं.
जुड़वा बच्चे होने की संभावना – Judva Baccho Paida Hone ke Chance
एक स्टडी के अनुसार आजकल मात्र 3% मामलों में ही जुड़वा बच्चे होते हैं और यह संभावना मैक्सिमम है लेकिन आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि 1980 से लेकर 2009 तक लगभग 30 साल के अंदर जुड़वा बच्चों के जन्म में लगभग दुगने की बढ़ोतरी हो चुकी है.
किन कारणों से जुड़वा बच्चे हो सकते हैं – Judva Bacche Paida Hone Ke Karan
मेडिकल टर्म्स के अंदर किसी भी महिला के जुड़वा बच्चे होने की जो थिअरी होगी और उसको जिस प्रकार से एक्सप्लेन किया गया होगा वह एक आम इंसान की समझ में तो जल्दी से नहीं आ पाएगा लेकिन फिर भी कुछ मोटे मोटे कारण ऐसे होते हैं जिन्हें आम व्यक्ति भी बड़ी आसानी से समझ सकता है आइए इन्हीं कारणों पर चर्चा करते हैं –
1. व्यक्ति की नस्ल
इस दुनिया में कुछ भी प्रकार की नस्लें इंसानों की होती हैं. जहां एशियाई और हिस्पैनिक नस्ल के जो लोग होते हैं. उनके यहां जुड़वा बच्चे होने की संभावना काफी कम होती है.
वही अफ्रीकी मूल के जो व्यक्ति होते हैं. उनकी नस्ल में जुड़वा बच्चे काफी ज्यादा होते हैं. अफ्रीका के बाद जुड़वा बच्चे सबसे ज्यादा यूरोपियन लोगों के यहां होते हैं.
2. माता की उम्र
जो महिलाएं 35 वर्ष से ज्यादा की होती हैं. उनके यहां जुड़वा बच्चे होने की संभावना भी काफी ज्यादा रहती है. ऐसी महिलाओं में FSH थोड़ा ज्यादा जारी होता है. यह एक प्रकार का हार्मोन है. इस हार्मोन के जरिए अंडाशय से अंडे थोड़ा ज्यादा मात्रा में निकलते हैं. जितनी मात्रा में हार्मोन निकलेंगे उतने ही ज्यादा अंडे महिला के बाहर आते हैं. जिनसे जुड़वा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है.
3. अनुवांशिक कारण
अनुवांशिक कारण का मतलब सीधा सीधा व्यक्ति के जींस से होता है. अगर किसी व्यक्ति के परिवार में पहले से ही जुड़वा बच्चे होते चले आ रहे हैं. ऐसा हो सकता है, कि उनके यहां भी जुड़वा बच्चे पैदा हो.
अगर आप या आपकी मां जुड़वा है, तो आपको भी जुड़वा बच्चे होने की संभावना रह सकती है. इस दौरान कुछ खास जिंसों की वजह से महिला के शरीर में अंडे ज्यादा बाहर आते हैं. जिनकी वजह से एक जैसे ना दिखने वाले जुड़वा बच्चे होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है.
4. शरीर का प्रकार
माना जाता है जो महिलाएं लंबी होती उन्हें जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना ज्यादा होती है. इसके अलावा ज्यादा वजन वाली महिलाएं, पतली महिलाओं की तुलना में जुड़वा संतान ज्यादा पैदा करती हैं. जो महिलाएं भरपूर और पौष्टिक डाइट लेती है उनको भी जुड़वा बच्चे होने की संभावना होती है.
महिला को पहले भी प्रेगनेंसी के दौरान जुड़वा बच्चे रह चुके हैं तो उसे आगे भी जुड़वा बच्चे होने की संभावना बनी रहती है.