प्रेगनेंसी का आठवां महीना : यह 7 फूड आइटम जरूर खाएं – 8th month of pregnancy: must eat these 7 food items

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आपको खाद्य पदार्थों के संबंध में चर्चा करने जा रहे हैं, जो प्रेगनेंसी के आठवें महीने में खाना फायदेमंद रहता है और ऐसे भोजन पदार्थों के बारे में भी चर्चा करेंगे जिन्हें प्रेगनेंसी के आठवें महीने में नहीं खाना चाहिए.

प्रेगनेंसी का आठवां महीना : यह 7  फूड आइटम जरूर खाएं – 8th month of pregnancy: must eat these 7 food items
 

प्रेगनेंसी के आठवें महीने में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ

प्रेगनेंसी के आठवें महीने में जिस प्रकार के पोषक तत्व की आवश्यकता होती है उनके लिए कुछ खाद्य पदार्थ है जो काफी अच्छे माने जाते हैं.

मछली

मछली अपने आप में काफी हद तक सभी पोषक तत्व के लिए आवश्यक होती है. प्रेगनेंसी के आठवें महीने में मछली खाना काफी फायदेमंद माना जाता है. बस हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमें इस प्रकार की मछली को अपने खाद्य पदार्थ में शामिल करना है, जिसके अंदर मरकरी ना के बराबर हो या फिर मरकरी नहीं होना चाहिए. कुछ मछलियों में मरकरी अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है. यह मछलियां प्रेग्नेंसी के समय काफी नुकसानदायक होती हैं, क्योंकि मरकरी बच्चे के विकास को रोक देता है. इसलिए आपको सही मछली का ज्ञान होना अति आवश्यक है.

केला

प्रेगनेंसी के आठवें महीने में केले का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. यह विटामिन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत माना जाता है. इसके अंदर आपको पोटेशियम, कैल्शियम आयरन भरपूर मात्रा में मिलेगा और इनकी आवश्यकता अब काफी ज्यादा होती है. इसमें फाइबर भी होता है. भोजन को पचाने में भी मदद करता है. इसलिए इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए. अगर आपको नेचुरल पका हुआ केला मिलता है तो बहुत अच्छी बात है.

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लाल मांस – रेड मीट

भारत की अधिकतर पॉपुलेशन जिनमें महिलाएं हैं, रेड मीट खाना पसंद नहीं करती हैं इसके पीछे कुछ धार्मिक कारण भी होते हैं. अगर महिला मांसाहार का प्रयोग करती है और वह रेड मीट भी खाती है, तो उसे अपने भोजन में खासकर आठवें महीने में रेड मीट का प्रयोग अच्छे से पका कर अपने भोजन में अवश्य करना चाहिए. यह आयरन और प्रोटीन दोनों का बड़ा अच्छा स्रोत माना जाता है. यह शिशु के विकास में काफी मदद करता है और महिला का स्वास्थ्य भी मजबूत बना रहता है. यह महिला को होने वाली थकावट में आराम देता है.

 

हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियों के अंदर विटामिन और खनिज पदार्थ काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं इन में कैल्शियम और आयरन उचित मात्रा में होता है. आयरन, कैल्शियम व दूसरे खनिज पदार्थ बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए और विटामिन प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक होते हैं. आने वाले महीने में महिला को अत्यधिक ब्लड की आवश्यकता होती है. जिसकी आपूर्ति आयरन से हो जाती है. और यह हरी पत्तेदार सब्जियों में उचित मात्रा में होता है.
बच्चा इस महीने में भी और जन्म के बाद कई वर्षों तक अपनी हड्डियां मजबूत करता रहता है इसके लिए कैल्शियम आवश्यक होता है .

दूध

दूध पौष्टिक आहार माना जाता है इसके अंदर सभी प्रकार के मिनरल्स विटामिन और दूसरे प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. इसमें कैल्शियम भी उचित मात्रा में होता है. इसलिए यह आठवीं महीने में ही नहीं बल्कि पूरी प्रेगनेंसी के दौरान काफी महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है. बस कच्चे दूध या दूध से बने सॉफ्ट चीजों का इस्तेमाल नहीं करना है.

पीनट बटर

भारत के अंदर मूंगफली प्रचुर मात्रा में पैदावार की जाती है लेकिन भारत में पीनट बटर का चलन अधिक नहीं है मूंगफली को ऐसे ही भूनकर खाना पसंद किया जाता है. क्योंकि इसके अंदर ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है यह मछली में भी पाया जाता है इसलिए मछली को भी खाना बताया जाता है.

संतरे

संतरे संतरा एक मौसमी फल है यह गर्मियों के मौसम में भारत के अंदर पाया जाता है इसके अंदर विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है, जो एक आवश्यक पोषक तत्व है. अगर प्रेगनेंसी के आठवें महीने में आपको संतरा खाने को मिल रहा है तो आपको अवश्य खाना चाहिए लेकिन अधिक नहीं खाना चाहिए. विटामिन सी आयरन को अवशोषित करने के लिए जरूरी होता है.

इसका मतलब है आप कितना भी आयरन युक्त भोज्य पदार्थ खाने वह आपके शरीर को नहीं लगेगा. ऐसे ही शरीर से बाहर आ जाएगा, जब तक कि विटामिन सी उसे अवशोषित करने में हेल्प नहीं करेगा. इसलिए विटामिन सी की आवश्यकता को आप समझ सकते हैं और डिलीवरी के समय ब्लीडिंग होती है तो अत्यधिक ब्लड की आवश्यकता होती है और आयरन ब्लड बनाने के काम में मदद करता है.
विटामिन ‘सी’ के अन्य स्रोतों में टमाटर, नींबू और गोभी भी शामिल हैं.

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