स्वर्ण भस्म एक आयुर्वेदिक औषधि है. इसे सोने (गोल्ड ) से तैयार किया जाता है. इस कारण से यह अत्यधिक कीमती भी होती है. सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव के साथ साथ इस आयुर्वेदिक औषधि की कीमत में भी उतार-चढ़ाव आता है. यह औषधि शुद्ध रूप से प्रयोगशाला में तैयार की जाती है.
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स्वर्ण भस्म क्या है
स्वर्ण भस्म का अर्थ है ‘सोने की राख’ , यह आयुर्वेद में एक प्रकार से रसायन माना जाता है. यह शरीर के बेसिक आधार को मजबूती प्रदान करता है. जिससे शरीर मजबूत और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.
स्वर्ण भस्म का प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपनी उम्र से कम उम्र का नजर आता है. मौसम का प्रभाव उस पर कम असर करता है, और कई गंभीर बीमारियों में स्वर्ण भस्म रामबाण की तरह कार्य करती है.
अगर शरीर की जीवन शक्ति कमजोर होती है तो शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियां पकड़ने रखती हैं अगर शरीर में कोई बीमारी होती है तो वह बीमारी ठीक नहीं होती है कोई भी औषधि असर नहीं करती हैं स्वर्ण भस्म शरीर की जीवन शक्ति को बढ़ाने का कार्य करती है इस कारण से कई असाध्य रोग भी धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं.
स्वर्ण भस्म कैसे तैयार होती हैं
स्वर्ण भस्म को तैयार करने की विधि अलग-अलग पुस्तकों में थोड़ा अलग अलग बताई गई है. इससे स्वर्ण भस्म की क्वालिटी और प्रकृति पर थोड़ा सा अंतर अवश्य आता है, जिसे आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है.
स्वर्ण भस्म को तैयार करने के लिए सोना अर्थात गोल्ड, पारा, गंधक और दूसरी छोटी-छोटी जड़ी बूटियों की आवश्यकता होती है.
स्वर्ण को एक विशेष विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है. स्वर्ण भस्म को तैयार करने के लिए सोने को विभिन्न धातुओं के साथ अलग-अलग परिस्थिति में 400 से 500 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है.
यह प्रक्रिया अत्यधिक सावधानी के साथ पूर्ण की जाती है. इसके अंदर सोने को शुद्ध कर औषधीय रूप में बदला जाता है. इसके कण राख के समान अत्यंत छोटे छोटे होते हैं. इसी स्वरूप को स्वर्ण भस्म कहते हैं. स्वर्ण भस्म गोल्डन कलर की होती है.
1 ग्राम स्वर्ण भस्म की कीमत
स्वर्ण भस्म की कीमत सोने की कीमत के साथ घटती और बढ़ जाती है. आज के समय सोने की कीमत अत्यधिक ऊंची है. इसी कारण से 1 ग्राम स्वर्ण भस्म की कीमत भी बहुत अधिक होती है. 1 ग्राम सोने से 1 ग्राम से कम स्वर्ण भस्म तैयार होती है. इसी कारण इसकी कीमत सोने की कीमत से भी अधिक होती है.
बैद्यनाथ कंपनी के द्वारा स्वर्ण भस्म तैयार की जाती है. जिसके अंदर 98% होने के कारण होते हैं. यह शुद्ध स्वर्ण भस्म कहलाती है. आज के समय स्वर्ण भस्म बैद्यनाथ 1 ग्राम प्राइस 7000 से लेकर ₹10000 तक होती है.
1 ग्राम में 1000 मिलीग्राम होते हैं, और मार्केट में 125 मिलीग्राम स्वर्ण भस्म की कीमत 1500 रुपए तक होती है.
स्वर्ण भस्म 10 ग्राम प्राइस अर्थात 10 ग्राम स्वर्ण भस्म की कीमत 70000 से ₹90000 तक की हो सकती है. मार्केट में मुख्यतः स्वर्ण भस्म मिलीग्राम के अंदर ही बेची जाती है.
वर्तमान समय में पतंजलि स्वर्ण भस्म की कीमत मार्केट में ₹5000 से लेकर ₹6000 प्रति 500 मिलीग्राम है.
स्वर्ण भस्म के फायदे – Swarna Bhasma ke fayde
स्वर्ण भस्म अपने आप में कंप्लीट मेडिसिन मानी जाती है. इसे आयुर्वेद में रसायन का दर्जा प्राप्त है. इसे मुख्य रूप से दूसरी आयुर्वेदिक मेडिसिंस के साथ देना अधिक उचित माना जाता है. इसके पीछे इसकी शक्ति और कीमत दोनों ही वजह होती हैं.
स्वर्ण भस्म के फायदे पुरुषों और महिलाओं दोनों को अनगिनत होते हैं. यह बुद्धि और बल विकास के लिए बच्चों को भी दिया जाता है. स्वर्ण भस्म के फायदे (swarna bhasma benefits in hindi) के बारे में चर्चा करते हैं —
यौन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
स्वर्ण जीवन शक्ति को बढ़ाने वाली औषधि मानी जाती है. जीवन शक्ति बढ़ने से शरीर की हर एक प्रकार की क्षमता में वृद्धि होती है.
- यह शारीरिक बल को बनाती है.
- मानसिक बल को बढ़ाती है.
- पुरुष की काम शक्ति और उत्तेजना को भी बढ़ाने का काम करती है.
- इसके प्रयोग से कामेच्छा बढ़ जाती है.
- पुरुष की जीवन शक्ति बढ़ने से पुरुष सेक्स हारमोंस का उत्पादन अधिक होता है.
- यह बांझपन की समस्या को समाप्त कर स्पर्म काउंट और स्पर्म की जीवन शक्ति को बढ़ा देती है. पिता बनने की क्षमता में वृद्धि होती है.
यह महिलाओं की यौन समस्याओं को भी दूर करता है यह महिलाओं के शरीर में हार्मोन की गतिविधियों को संतुलित करता है इस वजह से —
- अंडे के परिपक्व होने की क्षमता,
- यौन रोगों को दूर करने की क्षमता,
- पीरियड को संतुलित करने की क्षमता,
- मां बनने की क्षमता बढ़ जाती है.
TIP: पुरुषों के
समग्र विकास जैसे कि शारीरिक विकास, मानसिक विकास और मर्दाना ताकत के विकास इत्यादि
के लिए आयुर्वेद के अंदर काफी सारी जड़ी बूटियां प्रयोग में लाई जाती है जैसे कि –केसर, सफेदमूसली, शतावरी, अश्वगंधा, शिलाजीत, गोखरू, विदारीकंद, स्वर्ण भस्म, कौंच के बीज, मेथीपाउडर, जिनसेंग,
जिंक, सालम पंजा, काली मूसली, टोंगकैट
अली
इत्यादि. इन जड़ी-बूटियों से बने नुस्खे
बहुत लाभदायक और शक्तिशाली होते हैं.
मानसिक क्षमता में वृद्धि
- तनाव,
- चिंता,
- डिप्रेशन,
- याददाश्त कम होना
जैसी समस्याओं में यह काफी असरदार होता है.
इस स्वर्ण भस्म में एडाप्टोजेनिक, एंटी-चिंता और शामक गुणों की प्रचुरता न केवल मूड में सुधार करती है, बल्कि चिंता, ध्यान की कमी, अज्ञानता और चिड़चिड़ापन जैसे तनाव के लक्षणों से भी छुटकारा दिलाती है.
यह तनाव हार्मोन, यानी सेरोटोनिन को विनियमित करके मानसिक स्थिरता प्रदान करने में उच्च महत्व रखता है, जो बदले में बेचैनी, बेचैनी, ठंडे हाथ और पैर आदि को कम करता है, और एक ताजा और खुशनुमा एहसास देता है.
श्वसन समस्याओं में लाभदायक
स्वर्ण भस्म में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक और एंटी-दमा गुणों का समूह इसे सभी प्रकार के श्वसन समस्याओं में लाभदायक है.
यह सामान्य सर्दी, गले में खराश, खांसी और फ्लू के लक्षणों के इलाज में महत्वपूर्ण है. जब श्रृंग भस्म, प्रवल पिष्टी, और गिलोय सत्व के साथ लिया जाता है, स्वर्ण भस्म सक्रिय रूप से फेफड़ों, छाती और नाक गुहाओं के भीतर थूक कणों को पतला और ढीला करता है और सांस लेने में आसानी करता है.
यह खांसी, अस्थमा और अन्य ब्रोन्कियल स्थितियों से तेजी से राहत प्रदान करने के लिए अत्यधिक फायदेमंद है.
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम
हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को स्वर्ण भस्म बढ़ाने का काम करता है, जो संक्रमण के मामले में रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य करता है.
शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर और कायाकल्प गुणों से भरपूर, स्वर्ण भस्म प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने, रोगाणुओं से लड़ने और शरीर को विभिन्न संक्रमणों से बचाने के लिए एक अचूक उपाय है.
यह मजबूत एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से परिपूर्ण है, जो बुखार, सामान्य सर्दी, तपेदिक और अन्य त्वचा संक्रमण जैसे संक्रमणों को रोकने में बेहद प्रभावी है.
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आंखों से संबंधित समस्त समस्याओं में स्वर्ण भस्म अत्यधिक लाभदायक होती है.
यह शरीर की हर एक बीमारी जैसे कि कैंसर, हृदयाघात, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, एक्सीडेंट के कारण शरीर में चोट या अन्य किसी भी प्रकार की समस्या में लाभ प्रदान करता है.
हमारे शरीर का सारा नियंत्रण हमारे मस्तिष्क के पास होता है, और हमारे शरीर की सभी देखरेख और स्वास्थ्य का ध्यान हमारा मस्तिष्क रखता है, स्वर्ण भस्म मस्तिष्क को पोषण देने का काम करती है, जिससे मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ जाती है, और शरीर की सभी समस्याएं मस्तिष्क स्वयं तेजी के साथ दूर करता है.
स्वर्ण भस्म की खुराक
स्वर्ण भस्म की खुराक 1 दिन में 125 मिलीग्राम से अधिक नहीं होती है. 125 मिलीग्राम स्वर्ण भस्म को सुबह और शाम 2 समय आधा आधा करके लेना होता है. स्वर्ण भस्म अत्यधिक गर्म प्रकृति की रसायन है. इसलिए इसे दूध के साथ ही लिया जाता है, क्योंकि दूध की प्रकृति ठंडी होती है.
महत्वपूर्ण सावधानियां
अगर आप स्वर्ण भस्म का प्रयोग अपने लिए कर रहे हैं, तो आपको एक बात का विशेष ध्यान रखना है. आप जब भी स्वर्ण भस्म का प्रयोग करें, आपको कब्ज नहीं होना चाहिए.
अन्यथा स्वर्ण आपके शरीर में जाकर नहीं पचेगा. इसलिए इसका प्रयोग करने से पहले आपको अगर कब्ज है, तो कब्ज का इलाज ले. आपकी आंतो में मैल जमा नहीं होना चाहिए. वरना किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी शरीर को नहीं लगती है.
स्वर्ण भस्म अत्यधिक कीमती होती है. इसलिए आपको इसके एक- एक कण का फायदा मिलना चाहिए.
शरीर के अंदर भोजन को पचाने के सीमित साधन होते हैं. इसलिए आप स्वर्ण भस्म का प्रयोग करते समय बिल्कुल भी गरिष्ठ भोजन, तला भुना भोजन नहीं लें.
अन्यथा शरीर की सारी एनर्जी इस प्रकार के भोजन को पचाने में निकल जाएगी और स्वर्ण भस्म को पचाने के लिए शरीर के पास इतनी शक्ति नहीं होगी और यह शरीर से ऐसे ही मलद्वार से निकल जाएगी.