हम विशेष खाद्य वस्तुओं पर चर्चा करने जा रहे हैं, जो कि प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा हानिकारक होती है. जिन्हें हम सफेद जहर के नाम से भी जानते हैं और जिनका प्रयोग हम अपने भोजन में आंख बंद करके करते हैं.
नंबर 1- चीनी
नंबर 2- नमक
नंबर 3 – मैदा
नंबर 4 – मिलावटी दूध
प्रेगनेंसी में यह किस प्रकार से बहुत ज्यादा नुकसानदायक है. इस विषय में हम चर्चा करेंगे, और इनके अल्टरनेटर क्या हो सकते हैं. उस पर भी बात करेंगे.
दोस्तों यह चार वह चीजें हैं, जो हम अपने भोजन में बिना सोचे समझे खाते हैं, और इन्हें हम पौष्टिकता का पैमाना मानते हुए. एक जरूरी खाद्य पदार्थ मानते हुए, और इनके स्वाद के लालच में बिना सोचे समझे खाते हैं. यह भी नहीं सोचते कि यह कितने नुकसानदायक हैं.
यह वह खाद्य पदार्थ है, जो एक स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार बनाने के लिए काफी होते हैं . एक गर्भवती नाजुक सा शिशु जिस पर छोटे से छोटा छोटी से छोटी बात भी बड़ा असर करती है. सोचिए उस पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
चीनी
चीनी का एक सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट यह है, कि यह है खाने में बहुत ज्यादा स्वादिष्ट होती है. बस इसके अलावा इसका और कोई गुण ऐसा नहीं है. जो शरीर के लिए फायदेमंद है. इसे धीमा जहर भी कहा जाता है.
हमारे शरीर के लिए कैल्शियम बहुत ज्यादा आवश्यक होती है. यह हमारे मन मस्तिष्क और शरीर की लगभग सभी प्रक्रियाओं में अपना महत्वपूर्ण रोल अदा करती है. प्रेगनेंसी के दौरान तो यह अत्यधिक आवश्यक हो जाती है.
क्योंकि बच्चे के शरीर के बेसिक स्ट्रक्चर के लिए और मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत आवश्यक है.
इन्हें भी पढ़ें : गर्भावस्था के दौरान सांस की तकलीफ को कैसे कम किया जा सकता है
इन्हें भी पढ़ें :प्रेगनेंसी के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए – Pregnancy Tips Part #14
इन्हें भी पढ़ें : थायराइड में प्रेग्नेंट होने का तरीका
इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में शिशु की हलचल कब कम हो जाती है क्या कारण है
जब आप चीनी का प्रयोग करते हैं, तो इसे पचाने के लिए कैल्शियम बहुत बड़ी मात्रा में खर्च होता है. जब प्रेगनेंसी के दौरान मात्र चीनी को पचाने के लिए ही अपना कैल्शियम समाप्त कर देंगे, तो बच्चे के विकास के लिए कैल्शियम बचता ही नहीं बचता ही नहीं है. आप समझ सकते हैं, कि बच्चे के बेसिक विकास को ही है, चीनी रोकती है.
हमारे आयुर्वेदाचार्य मानते हैं अगर महिला प्रेगनेंसी के 1 साल पहले से ही चीनी खाना छोड़ दें और जब तक वह अपने बच्चे को दूध पिलाती है, तब तक मैं चीनी नहीं खाए. बच्चा भी कम से कम 10 साल तक चीनी का बिल्कुल भी प्रयोग अपने भोजन के माध्यम से न करें, तो बच्चे की लंबाई कम से कम 6 फीट की होगी. भले ही बच्चे के मां-बाप 5 फीट के क्यों ना हो.
यह बात कितनी सत्य है इस पर तो कोई प्रयोग नहीं हुआ है, लेकिन इस बात से यह बात तो समझ में आती है, कि चीनी शारीरिक विकास को कितना नुकसान पहुंचाती है.
हम मात्र अच्छे स्वाद के लिए हम अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर लेते हैं .
गाय भैंस का दूध कैल्शियम की आपूर्ति के लिए बहुत उत्तम स्रोत माना जाता है, और हम उसके अंदर ही चीनी मिलाकर दूध पीते हैं. अब आप बताइए आपको क्या कैल्शियम प्राप्त होगा.
नमक
नमक भी हम मात्र स्वाद के लिए ही खाते हैं इसका कोई इतना बड़ा बेनिफिट हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं होता है. इससे जो इलेक्ट्रोलाइट समय मिलते हैं, तत्व मिलते हैं, उतने आवश्यक तक तो हमें अपने दूसरे खाद्य पदार्थों से भी प्राप्त हो जाते हैं.
देखिए नमक के बिना तो काम नहीं चलता है आजकल तो नमक का ऑप्शन भी है उस पर अंत में चर्चा करेंगे तो वीडियो अंत तक जरूर देखें
हम सोडियम क्लोराइड की बात कर रहे हैं. उसे हमें जबरदस्ती आयोडीन के लिए खिलाया जाता है और इससे हमें सोडियम भी प्राप्त होता है.
बचपन से हम टीवी पर देख रहे हैं कि हमें पैकेट वाला नमक खाना चाहिए. इसमें आयोडीन होता है आयोडीन की कमी से घेंघा हो जाता है. यह सब मार्केटिंग है. जब पैकेट वाला नमक नहीं था तब भी तो किसी किसी को ही घेंघा होता था और वह तो आज भी होता है.
अच्छा एक बात और जब यह नमक को परिष्कृत करते हैं तो उसमें से आयोडीन समाप्त हो जाता है. कच्चे नमक में ही आयोडीन होता है और यह इसमें फ्लोराइड मिला देते हैं. जिस की अधिक मात्रा हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होती है. तो सिर्फ टीवी में ऐड के लिए ही उसमें आयोडीन होता है. वैसे अधिकतर नमक में आयोडीन नहीं होता.
इन्हें भी पढ़ें : ये चीज़े प्रेग्नेंट महिला के घर या कमरे में नहीं होनी चाहिए
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंट होने में कितना समय लगता है
इन्हें भी पढ़ें : वर्षा ऋतु में गर्भ की देखभाल कैसे करें
इन्हें भी पढ़ें : बिना प्रेगनेंसी के प्रेगनेंसी वाले लक्षण कब आते हैं
अगर होता भी है तो काफी कम मात्रा में होता है, इतना नहीं होता है कि वह आपको घेंघा से बचा सके. आपके द्वारा जो दूसरे खाद्य पदार्थ पाए जाते हैं. उसमें से आपके लिए आयोडीन की पूर्ति होती है.
बाकी इसके जो नुकसान होते हैं.वह साथ में फ्री मिलते हैं.
नमक अगर शरीर में अधिक हो जाता है तो शरीर में सूजन की समस्या आने लगती है हाई ब्लड प्रेशर रहने लगता है और अधिक नमक होने से शरीर का कैल्शियम यूरीन के रास्ते बाहर चला जाता है वही एक समस्या जो चीनी के साथ है शरीर के अंदर से कैल्शियम का भारी नुकसान हो जाता है.
अगर आपको खाना है तो आप सेंधा नमक खाइए आप काला नमक खाइए यह आपको फायदा देते हैं. मुख्य रूप से प्रेगनेंसी में तो सेंधा नमक ही अपने भोजन के माध्यम से गर्भवती स्त्री को प्रयोग में लाना चाहिए बल्कि पूरे परिवार को प्रयोग में लाना चाहिए.
हम खुद अपने यहां पर 4 से 5 किलो पिंक साल्ट जिसे हम सेंधा नमक भी कहते हैं. उसे खरीद कर लाते हैं. उसे खुद पीसकर खाने के लिए नमक घर पर ही तैयार करते हैं.
दोस्तों अगर आप बाजार से सेंधा नमक की थैली खरीदते हैं. अर्थात पिसा पिसा नमक खरीदते हैं, तो उसके अंदर काफी मिलावट आती है, और महंगा भी काफी मिलता है. ₹10 किलो की चीज 10 गुना दाम में मिलती है. और मिलावट होती है.
इसके लिए आप छोटी सी आटा चक्की ला सकते हैं . कम से कम गर्भवती स्त्री के लिए तो इतना आप कर ही सकते हैं. आजकल पाकिस्तान से थोड़ा बैर चल रहा है तो नमक महंगा मिलेगा.
अगर आपके घर में किसी भी व्यक्ति या महिला को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको उसे आंख बंद करके सेंधा नमक खिलाना चाहिए. मैं गारंटी लेता हूं उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि वह कौन सा नमक खा रहे हैं.
मैं यह भी नहीं कहता कि सेंधा नमक खाते ही उनकी समस्या ठीक हो जाएगी लेकिन राहत जरूर मिलेगी. क्योंकि ब्लड प्रेशर का संबंध तनाव से भी होता है. मेडिटेशन करेंगे तो तनाव में कमी आएगी और ब्लड प्रेशर में अवश्य राहत मिलेगी.
सफेद जहर : मैदा और मिलावटी दूध