क्या प्रेगनेंसी में कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक है – Corona during Pregnancy
हम प्रेगनेंसी के दौरान
कोरोना किसी भी गर्भवती महिला के ऊपर किस प्रकार का प्रभाव डाल सकता है इस विषय पर
चर्चा करेंगे.
दोस्तों इसके लिए सबसे
पहले हमें को रोना को समझना होगा और हकीकत तो यह है कि अभी तक बड़े से बड़े वैज्ञानिक
भी कोरोना को ढंग से नहीं समझ पाए हैं.
लेकिन फिर भी पिछले कुछ
महीनों से लगातार कोरोना को लेकर रिसर्च चल रही है और कुछ बातें छन कर सामने आ रही
हैं.
उसी के आधार पर हम गर्भावस्था
के दौरान कोरोना को लेकर चर्चा कर रहे हैं वैसे अभी तक गर्भावस्था और कोरोना को लेकर
किसी भी प्रकार की रिसर्च सामने नहीं आई है.
दोस्तों हम सभी जानते हैं
कि कोरोना से जितने भी लोग संक्रमित हो रहे हैं. सभी के सभी लोग मृत्यु का शिकार नहीं
हो रहे हैं जो एक बहुत ही अच्छी बात है अधिकतर लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो जा रहे
हैं.
दोस्तों वह कौन से लोग
हैं जो कोरोना को मात देकर ठीक हो पा रहे हैं. यही सही सारी बात समझ में आ जाए जाएगी.
असल में दोस्तों कोरोना
उसी व्यक्ति पर सबसे ज्यादा प्रभाव डाल रहा है, जिस व्यक्ति की इम्यून शक्ति कमजोर
होती है.
आजकल हमारी लाइफ इतनी ज्यादा
फास्ट हो चुकी है कि हम अपने भोजन की शुद्धता के बारे में सोचते भी नहीं है और कम उम्र
में ही हमारी प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती हैं और जिन व्यक्तियों की प्रतिरोधक
क्षमता कमजोर है उन लोगों पर यह बहुत ज्यादा जल्दी प्रभाव डालता है.
साथ ही साथ आजकल हम शारीरिक
मेहनत कम कर रहे हैं और हमारे शरीर को आराम करने की आदत पड़ चुकी है ऐसे में भी हमारी
प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है.
जहां तक गर्भवती महिलाओं
का सवाल है तो उनको यह माना जाता है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिला की प्रतिरोधक क्षमता
कम हो जाती है तो ऐसे में उनके ऊपर कोरोना वायरस का असर ज्यादा ही होगा उन्हें अत्यधिक
सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
गर्भवती स्त्रियों को चाहिए
बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह बिल्कुल भी एयर कंडीशन अर्थात एसी का प्रयोग
ना करें क्योंकि यह वायरस ठंड के मौसम में अधिक सक्रिय रहता है और लगभग 30 डिग्री टेंपरेचर
के बाद यह मरने लगता है, तो इस गर्मी आपको ऐसी बिल्कुल भी प्रयोग में नहीं लाना है.
गर्भवती स्त्रियों की सबसे
बड़ी समस्या यह रहती है कि उनके शरीर का तापमान जितना कम रहेगा उनके लिए उतना फायदेमंद
है लेकिन यह कोरोना वायरस के लिए भी फायदेमंद होता है. इस प्रकार से चौतरफा परेशानी
गर्भवती स्त्री को झेलनी पड़ेगी जो काफी कष्टदायक है.
गर्भवती महिला के शरीर
में काफी सारे हारमोंस का उत्पादन बच्चे की सुरक्षा के दृष्टिकोण से होता है अब यह
जो नए हारमोंस महिला के शरीर में बनते हैं यह किस प्रकार से बच्ची और महिला की सुरक्षा
करते हैं. इस बारे में कोई रिसर्च उपलब्ध नहीं है लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि इस दौरान
महिला के शरीर में सुरक्षा के उपाय ज्यादा हो तो यह कोरोना के असर को कम करने के लिए
कारगर हो. इसे भी आप 1 प्लस पॉइंट मान सकते हैं.
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अक्सर देखा गया है कि महिलाओं
के शरीर का तापमान पुरुषों के शरीर के तापमान की तुलना में थोड़ा सा अधिक रहता है यह
भी एक प्लस पॉइंट महिलाओं के पक्ष में जाएगा.
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