हम भारत में प्रचलित एक सब्जी जिसे हम हरी मटर कहते हैं जो कि खाने में बहुत ज्यादा प्रयोग में लाई जाती है. कई प्रकार के व्यंजन भी मदद से बनाए जाते हैं, और लगभग साल भर हमें प्राप्त होती रहती है.
क्या इस समय अर्थात प्रेगनेंसी में मटर को खाया जा सकता है. हम इसके बारे में लगभग आपको जो भी आवश्यक जानकारी है, देने की कोशिश करेंगे, जिससे आप बड़ी आसानी से इस बात का पता लगा सकती है कि आपको अपनी तक प्रेगनेंसी के दौरान मटर खाना है या नहीं खाना है.
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क्या प्रेगनेंसी के दौरान मटर खाई जा सकती है
यह ठंडी के मौसम में मिलने वाली एक हरी सब्जी है. हरी मटर छोटे गोलाकार बीज है जो फलियों से आते हैं. प्राचीन समय से ही हरी मटर का उपयोग आहार के रूप में किया जा रहा है. वास्तव में हरी मटर कोई सब्जी नहीं है बल्कि यह फलियां परिवार से संबंधित है जिनके पौधे बीजों का उत्पादन करते हैं.
हालांकि हरी मटर का विशेष रूप से सब्जी के रूप में उपयोग किया जाने लगा है. मटर की कई अलग-अलग किस्में होती हैं जिनमें पीले मटर, काले मटर और बैंगनी मटर शामिल हैं. आप इन सभी प्रकार की मटर का उपयोग आहार के रूप में कर सकते हैं। यह मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है.
मटर एक पौष्टिक सब्जी है, जिसकी न्यूट्रिशन वैल्यू बहुत ज्यादा है, और इसके न्यूट्रिशंस प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती स्त्री और गर्भस्थ शिशु दोनों को पोषण प्रदान करते हैं. तो हम यह कह सकते हैं कि मटर प्रेगनेंसी में खाई जा सकती है, हर चीज को संयमित मात्रा में ही प्रेगनेंसी के दौरान प्रयोग में लाना चाहिए.
मटर के पोषक तत्व
मटर के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अंदर उर्जा होती है, गर्भवती स्त्री को ऊर्जा की बहुत आवश्यकता होती है, तो यह ऊर्जा प्रदान करती है. इसके अंदर कार्बोहाइड्रेट होता है, प्रोटीन होती है, इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ फाइबर भी पाया जाता है.
कई प्रकार के विटामिंस भी मटर के अंदर होते हैं जैसे कि थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन ,फॉ लेट पैंटोथैनिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ई इत्यादि.
मटर के अंदर मुख्य रूप से दो इलैक्ट्रोलाइट्स सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं.
कई सारे खनिज पदार्थ जैसे कि जस्ता, सेलेनियम, मैग्नीशियम, लोहा, तांबा, मैग्नीज, कैल्शियम इत्यादि इसके अंदर होते हैं. beta-carotene बीच के अंदर पाया जाता है.
न्यूट्रिशन से इतने रिच खाद्य पदार्थ कम ही पाए जाते हैं तो मटर की आवश्यकताओं को प्रेगनेंसी के दौरान समझा जा सकता है.
प्रेगनेंसी में मटर खाने के लाभ
किसी भी गर्भवती स्त्री को एक सामान्य दिनों की तुलना में अधिक पोषक तत्व की आवश्यकता होती है, खनिजों की आवश्यकता होती है. ऐसे में अधिकतर खनिज पदार्थ मटर के अंदर पाए जाते हैं जिसकी वजह से गर्भवती स्त्री और गर्भस्थ शिशु दोनों की आवश्यकताओं की पूर्ति मटर से होने लगती है. जिसके कारण महिला भी स्वस्थ रहती है और गर्भ शिशु का विकास भी ठीक तरह से हो सकता है.
गर्भवती स्त्री को गर्भावधि मधुमेह होने का खतरा रहता है. मटर के अंदर पाया जाने वाला फाइबर और प्रोटीन शरीर के अंदर की शर्करा को नियंत्रित रखने का कार्य करते हैं, और मधुमेह के खतरे को कम करते हैं.
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या रहती है. क्योंकि प्रेगनेंसी में आतेहैं और पेट की मांसपेशियां मुलायम हो जाती हैं, जिसकी वजह से यह समस्या आती है. प्रेगनेंसी में इस समस्या को तो दूर नहीं किया जा सकता है, लेकिन अगर हम फाइबर युक्त भोजन खाना शुरू करें तो राहत मिल सकती है. मटर में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर होता है तो इसका प्रयोग करने से कब्ज की समस्या में राहत मिलती है.
ब्लड के अंदर कोलेस्ट्रोल के लेवल को संतुलित रखने में मटर काफी मदद करता है. यह दिल को स्वस्थ रखता है. दिल का स्वस्थ रहना प्रेगनेंसी में काफी जरूरी होता है, क्योंकि यह बच्चे तक पोषण पहुंचाने के लिए ब्लड को पंप करता है, और साथ ही साथ अगर यह सही ढंग से कार्य न करें तो ब्लड प्रेशर की समस्या भी पैदा हो सकती है.
प्रेगनेंसी के दौरान बाल झड़ने लगते हैं त्वचा रूखी सूखी हो जाती है इन दोनों समस्याओं में मटर लाभकारी है.
मटर बच्चे की हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में भी सहायता करता है.
मटर का प्रयोग करने से गर्भवती स्त्री स्वस्थ रहती है और साथ ही साथ गर्भस्थ शिशु को कई प्रकार के जन्मजात दोष लगने की संभावना में काफी कमी आती है.
गर्भवती स्त्री की प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर रहती है. मटर इस प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. जिससे कई प्रकार के छोटे-मोटे रोग और गर्भ शिशु को कई प्रकार की बीमारियां की संभावनाओं में कमी आती है.
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प्रेगनेंसी में मटर के साइड इफेक्ट
कुछ साइड इफेक्ट भी मटर के नजर आ सकते हैं कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं जो कि प्रेगनेंसी के दौरान मटर के कारण नजर आ सकते हैं आप इनका ध्यान रखें जैसे कि —
मटर में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है तो अधिक मटर खाने से पेट में मरोड़ और पेट दर्द की समस्या हो सकती है.
मटर वायु प्रधान होती है इसे खाने से गैस की समस्या बढ़ सकती है तो आप इस बात का ध्यान रखें अगर आपको गैस बन रही है तो मटर खाने से बचें.
कुछ गर्भवती स्त्रियों को मटर के कारण एलर्जी की समस्या हो सकती है तो अगर आप मटर खाने की वजह से एलर्जी की समस्या से परेशान हो रही है तो मटर ना खाएं.
मटर को अपने भोजन में शामिल कई प्रकार से किया जा सकता है
मटर का प्रयोग सलाद के रूप में भी किया जाता है.
मटर की सब्जी भी बनाई जाती है.
मटर को फीलिंग के तौर पर पर पराठे में भी प्रयोग किया जाता है.
कई प्रकार के सूखे व्यंजन जैसे कि फ्राइड राइस, सूप और फास्ट फूड में भी मटर का प्रयोग किया जाता है.