क्या प्रेगनेंसी के दौरान फूलगोभी (Cauliflower in hindi) खाना सही होता है.
फूलगोभी कब खानी चाहिए इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं. फूल गोभी के लाभ और उसके क्या क्या साइड इफेक्ट होते हैं. फूल गोभी को अपने आहार में कैसे साफ शामिल करें और खाते समय किन किन बातों का ध्यान रखें
इन सब बातों पर चर्चा करेंगे ——-
दोस्तों गोभी को बादी भोजन माना जाता है काफी सारी स्थितियों में गोभी का खाना उचित नहीं माना जाता है, खासकर गोभी को कफ को बढ़ाने वाला माना जाता है, लेकिन गोभी के अंदर काफी सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं.
जिसके कारण उसे प्रेगनेंसी में खाने में कोई बुराई नहीं समझी जाती है. प्रेग्नेंसी के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह कोई बहुत अच्छा भोजन नहीं माना जाता है, लेकिन खराब भी नहीं माना जाता है.
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि इसे खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए तो प्रेगनेंसी के दौरान आप गोभी को अर्थात फूल गोभी को खा सकते हैं.
कितनी मात्रा में खाएं फूलगोभी
ऐसी कोई भी रिसर्च उपलब्ध नहीं है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि गोभी की इतनी निश्चित मात्रा प्रेगनेंसी के दौरान ली जा सकती है. लेकिन फिर भी अगर आप अपने भोजन में गोभी को शामिल कर रही हैं, तो आप लगभग एक कप कटी हुई गोभी अपने भोजन में 1 दिन में शामिल कर सकती हैं, और आप चाहे तो हफ्ते में एक दो बार भी गोभी का सेवन या तीन बार गोभी का सेवन कर सकती हैं.
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फूल गोभी के पोषक तत्व – Phool Gobhi ki Nutrition Value
फूलगोभी के अंदर काफी अच्छी मात्रा में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं इसके अंदर आपको सोडियम, पोटेशियम, फोलेट, आयरन, विटामिन सी,फास्फोरस ,मैग्निशियम, कैलशियम, कार्बोहाइड्रेट, कोलीन , फाइबर और शुगर इसके साथ-साथ protein, calorie और पानी भी प्राप्त होगा.
कब खाए फूलगोभी
फूलगोभी के अंदर फोलेट अच्छी मात्रा में होता है इसलिए इसे प्रेगनेंसी के पहली तिमाही में खाना ज्यादा उचित रहता है. इससे गर्भस्थ शिशु में न्यूरल बर्थडिफेक्ट जो कि मस्तिष्क और रीड की हड्डी से संबंधित रोग या दोष हो सकते हैं, दूर हो सकते हैं. उनमें काफी राहत रहती है.
प्रेगनेंसी के दौरान ताजी और हरी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करने की सलाह दी जा सकती है इसलिए आप इसे प्रेगनेंसी के दौरान भी संयमित मात्रा में खा सकती हैं.
फूल गोभी खाने के फायदे- Phool Gobhi ke Fayade
- फूल गोभी खाने से गर्भपात की जो समस्या होती है उसमें कमी आती है. इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी गर्भ को संभालने का कार्य करता है.
- प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर उच्च रक्तचाप अर्थात ब्लड प्रेशर हाई होने की समस्या नजर आती है. फूलगोभी का सेवन करने से रक्तचाप में कमी आती है.
- फूलगोभी में पाया जाने वाला कैल्शियम बच्चे की हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है साथ ही साथ मस्तिष्क को भी ताकत देता है कैल्शियम हड्डियों के साथ-साथ संचार प्रणाली और मांसपेशियों को भी मजबूत करने के लिए जरूरी होता है बच्चे के दांतो के निर्माण में भी इसकी आवश्यकता पड़ती है.
- फूलगोभी में पाए जाने वाला कोलीन बच्चे के मस्तिष्क के विकास में काफी सहायता करता है. यह बच्चे के मस्तिष्क को पूर्ण विकास में मदद करता है.
- फूलगोभी में मौजूद कोलीन की कमी से लिवर, हृदय और मांसपेशियों संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
- जैसा कि हमने बताया जैसा कि हमने पहले भी बताया है, कि प्रेगनेंसी के दौरान फोलेट बर्थ डिफेक्ट में काफी कारगर होता है. यह बच्चे के संपूर्ण विकास में भी मदद करता है. फूलगोभी में फोलेट उचित मात्रा में पाया जाता है.
- गर्भावस्था में अक्सर महिलाओं को कब्ज की समस्या से गुजरना पड़ता है. साथ ही कब्ज की वजह से कई बार प्रगनेंसी में बवासीर भी हो जाती है. इन दोनों समस्या से निपटने में फूलगोभी मदद कर सकती है. फूलगोभी के अंदर फाइबर उचित मात्रा में पाया जाता है.
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फूल गोभी को कैसे आहार में शामिल करें
फूल गोभी को अपने भोजन में कई प्रकार से शामिल किया जा सकता है —
- भारत में फूलगोभी की आलू के साथ सब्जी काफी ज्यादा प्रचलित है. इस प्रकार से इसे अपने भोजन में शामिल किया जा सकता है.
- साथ ही साथ इसे अच्छी तरह से मैच करके पीस करके भी अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं.
- इसका सूप बनाकर भी अपने भोजन में प्रयोग कर सकते हैं.
- वेज राइस बनाते समय फूलगोभी का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका पुलाव बनाया जा सकता है.
- फूल गोभी को सलाद के रूप में भी अपने भोजन में शामिल किया जा सकता है.
- हल्की वाली भी और तली भी फूल गोभी मंचूरियन के रूप में भी प्रयोग में लाई जा सकती है, लेकिन तला भुना खाना ठीक नहीं होता है.
साइड इफेक्ट और सावधानियां
फूलगोभी खाने के इतने सारे फायदे हैं वहां कुछ साइड इफेक्ट भी नजर आते हैं.
- फूलगोभी गैस बनाने का कार्य करती है. इसलिए जिस भी महिला को गैस की समस्या है. उसे फूलगोभी खाने से बचना चाहिए.
- फूल गोभी को अच्छे से धो कर पकाकर ही खाएं फूल गोभी में कीड़ा भी होता है. इसलिए देखभाल कर ही भोजन में शामिल करें.
- फूलगोभी में प्राकृतिक रूप से गोइट्रोगेनिक पदार्थ पाया जाता है, जिस कारण थायराइड होने का खतरा बढ़ सकता है.
- फूलगोभी में मौजूद कीड़ों की वजह से टोक्सोप्लाज्मा संक्रमण भी हो सकता है, जिसकी वजह से गर्भावस्था में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.
- गोभी को उबलते समय उसमें थोड़ा सा नमक मिला देना चाहिए. जिससे कि जिससे कि उसमें जो भी रसायन प्रयोग में लाया गया है. उसका असर खत्म हो जाए.
- अगर गोभी में किसी भी प्रकार का भूरा पन आपको नजर आए तो उस हिस्से को काट कर अलग कर देना चाहिए. वह खाना ठीक नहीं होता है.