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दोस्तों आजकल मार्केट में बहुत एडवांस टेक्नोलॉजी आ गई है बस आपको ब्लड देना होता है और जो भी किट थायराइड टेस्ट के लिए आती है उसका प्रयोग करके आपके शरीर में कितना थायराइड लेवल है उसका पता लगा लिया जाता है.
दोस्तों हमने पहले POST में आपको यह बताया है कि किसी भी गर्भवती महिला के शरीर में पहले 3 महीने, दूसरे 3 महीने और लास्ट के 3 महीने कितना कितना थायराइड का लेबल होना चाहिए बस अगर उस लेवल के बीच में आपका थायराइड हार्मोन लेबल आता है तो फिर किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है.
अगर हारमोंस लेवल अप डाउन होता है तो उसके लिए फिर मेडिसिंस की आवश्यकता होती है डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता होती है.
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अगर आपके शरीर में थायराइड का लेवल आवश्यक लेवल से कम आता है या उसके आसपास आता है तो इसका मतलब यह है कि आपको हाइपोथायरायडिज्म अर्थात हाइपो थायराइड की समस्या है इसके लिए डॉक्टर ऐसी मेडिसन देते हैं जिससे आपके शरीर में हारमोंस का बनना ज्यादा शुरू हो जाए.
अगर आपके शरीर में थायराइड का लेवल आवश्यक लेवल से ज्यादा है या उसके आसपास है तो इसके लिए डॉक्टर दवाई नहीं देते हैं उसके जो भी साइड इफेक्ट हो उसको मैनेज करने की कोशिश की जाती है मेडिसिंस के द्वारा.
रोज-रोज मार्केट में नई टेक्नोलॉजी आ रही है नई नई रिसर्च हो रही है तो इसके अलावा भी कुछ ऐसा लेटेस्ट हो सकता है जो हाइपर थायराइड को कंट्रोल करने के लिए चीजें प्रयोग में लाई जा रही हो.
हाइपर थायराइड की समस्या गंभीर हो जाती है तो इस स्थिति में डॉ हारमोंस को कंट्रोल करने के लिए मेडिसिंस का प्रयोग करते हैं इस प्रकार की मेडिसिन से कुछ साइड इफेक्ट नजर आ सकते हैं जैसे कि
शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो सकती है, जिससे आपको जल्द ही संक्रमण हो सकता है.
त्वचा पर रैशेज या फिर खुजली हो सकती है.
कुछ विलक्षण मामलों में लिवर काम करना बंद कर सकता है. लेकिन ऐसा ना के बराबर ही होता है.
कुछ ऐसे लक्षण भी नजर आते हैं जिन लक्ष्यों के नजर आने पर आपको तुरंत एंटी हारमोंस मेडिसिंस को लेना बंद कर देना है.
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जैसे कि —
आपकी त्वचा आपको पीली नजर आ रही हो
आपको लगातार आपके पेट में हल्का हल्का दर्द महसूस हो रहा हो
अगर आपके गले में सूजन सूजन चढ गई हो और
आप को बुखार भी लगातार बना हुआ है तो इन स्थिति में एंटी थायराइड मेडिसिन लेना बंद कर दें.
थायराइड से बचने के लिए आप कुछ कार्य कर सकते हैं अगर आपको थायराइड नहीं है तब भी आप यह कार्य कर सकते हैं जैसे कि –
अपने डॉक्टर की सलाह पर प्रतिदिन व्यायाम अवश्य करें जो भी प्रेग्नेंसी के समय किए जा सकते हो इन से थायराइड आपका नियंत्रण में रहेगा.
आप किसी भी कुशल प्रशिक्षक की देखरेख में योगा और मेडिटेशन कर सकती हैं क्योंकि आप गर्भवती हैं तो आपको प्रशिक्षक की आवश्यकता होगी.
सुबह और शाम को करीब आधा-आधा घंटा खुली हवा में पैदल चलें।
थायराइड की समस्या होने पर आपको डॉक्टर के संपर्क में रहना है और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह पर अपना थायराइड चेक करवाना बिल्कुल भी ना भूले. जनरल क्या होता है कि हम थोड़ा सा इग्नोर कर देते हैं कि चलो अभी नहीं 10 दिन बाद करवा लेंगे 15 दिन बाद करवा लेंगे.
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थायराइड को आप बिल्कुल भी हल्के में ना लें अगर ऐसा होता तो हम आपको बता देते कि आप कभी भी चेक करवाइए या ना करवाइए. थायराइड को हल्के में ना लें अगर डॉक्टर ने 10 दिन के लिए बोला है तो 10 दिन बाद ही चेक कराएं क्योंकि यह बहुत जरूरी होता है इसकी बिगड़ने पर उसका सीधा असर बच्चे पर पड़ता है.
प्रेगनेंसी का समय काफी नाजुक होता है अगर डॉक्टर की देखरेख में है तो आपको यह लग सकता है कि डॉक्टर ने दवाई तो दे रखी है चलो अभी नहीं कुछ दिन बाद चेक करवा लेते हैं जरूरी नहीं कि डॉक्टर ने आपको थायराइड हार्मोन के लिए दवाई दी हूं हो सकता है कि उसके साइड इफेक्ट को दूर करने के लिए दवाई दी हो.
कोई भी महिला अपने ओवुलेशन टाइम में गर्भवती होती है. इसलिए महिला को अपना ओवुलेशन टाइम पता होना चाहिए. ओवुलेशन टाइम का
पता लगाने के लिए मार्केट में kit उपलब्ध है, जिसे प्रयोग करके महिला अपना
ओवुलेशन टाइम पता लगा सकती है. किट के बारे में अधिक जानकारी के लिए लिंक
को उपरोक्त क्लिक करें.