पुत्र प्राप्ति के 8 उपाय – Putra Prapti ke upay

0
2711

पुत्र प्राप्ति के 8 उपाय (Putra Prapti ke upay) के अंतर्गत हम आपके लिए 8 प्राचीन सूत्र लेकर आए हैं. आप इन सूत्रों का प्रयोग करके देखें. अवश्य ही आपको मनचाही संतान की प्राप्ति होगी.

दोस्तों इस में जो सूत्र दिए गए हैं, उसमें पुत्र ही नहीं बल्कि अगर आप पुत्री संतान के रूप में चाह रहे हो, तो भी आप पुत्री को प्राप्त कर सकते हैं.

पुत्र प्राप्ति के 8 उपाय - Putra Prapti ke upay

 

दोस्तों हमारा मानना है कि जो हमारे ऋषि मुनि हुआ करते थे. वह एक प्रकार से प्राचीन समय में वैज्ञानिक हुआ करते थे.

यह ऋषि मुनि ही नई नई रिसर्च किया करते थे, और उनका संकलन भी अपनी पुस्तकों के द्वारा करते थे.
ऐसे ही हम आज पांच प्राचीन विज्ञानियों के द्वारा पुत्र प्राप्ति के जो सूत्र दिए गए हैं. उनके विषय में आपको बताने जा रहे हैं.

इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में लड़का या लड़की जानने के 7 तरीके
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र रत्न प्राप्ति के लिए तीन आयुर्वेदिक उपाय उपाय #2

दोस्तो इन्हीं सूत्रों का प्रयोग करके महर्षि व्यास ने अपनी तीन पत्नियों के द्वारा समागम करके 3 पुत्र धृतराष्ट्र, पांडू और विदुर को जन्म दिया था. जिसका वर्णन महर्षि दयानंद ने अपनी पुस्तक “संस्कार विधि” में विस्तार से किया है.

आइए दोस्तों प्राचीन पुस्तकों में जो सूत्र दिए गए हैं. उनके विषय में आपको बता देते हैं. पुत्र प्राप्ति के 8 उपाय

सूत्र 1: नासिका स्वर निश्चित करके पुत्र प्राप्ति

चन्द्रावती ऋषि का कथन है, कि लड़का-लड़की का जन्म गर्भाधान के समय स्त्री-पुरुष के दायां-बायां श्वास क्रिया, पिंगला-तूड़ा नाड़ी, सूर्यस्वर तथा चन्द्रस्वर की स्थिति पर निर्भर करता है.

हमारे दाहिने और बाएं नासिका स्वर को सूर्य स्वर और चंद्र स्वर के नाम से भी जाना जाता है.

गर्भाधान के समय स्त्री-पुरुष के क्रमशः दायां-बायां श्वास स्वर चल रहे हो तो पुत्र प्राप्ति होती है.

FEATURED

100+ प्रेगनेंसी जींस

  • स्किन फ्रेंडली
  • मल्टी कलर
  • मल्टी डिजाइन
  • आपके बजट में
  • कस्टमर रिव्यूज
FEATURED
pregnancy panties

Pregnancy panties for women

  • Multi Color/Design
  • Multiple brand
  • Skin friendly fabric
  • Customer reviews
  • In your budget

सूत्र 2: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य स्थिति से पुत्र प्राप्ति

यही बात एक प्राचीन संस्कृत की पुस्तक सर्वोदय में भी वर्णित है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के उत्तरायण रहने की स्थिति में गर्भ ठहरने पर पुत्र की प्राप्ति होती है.

सूत्र 3: पुत्र प्राप्ति के निश्चित दिन

सप्ताह में मंगलवार, गुरुवार तथा रविवार पुरुष दिन हैं, अगर इन दिनों गर्भ ठहरता है, तो पुत्र प्राप्ति की संभावना बहुत ज्यादा होती है. बुध और शनिवार नपुंसक दिन हैं. अतः समझदार व्यक्ति को इन दिनों का ध्यान करके ही गर्भाधान करना चाहिए.

सूत्र 4: दार्शनिक अरस्तु के अनुसार पुत्र प्राप्ति उपाय

यूनान के प्रसिद्ध चिकित्सक तथा महान दार्शनिक अरस्तु का कथन है, कि पुरुष और स्त्री दोनों के दाहिने अंडकोष से लड़का का जन्म होता है.

इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में पुत्र प्राप्ति का उपाय – गाय का दूध
इन्हें भी पढ़ें : 3 फलों की औषधि से पुत्र प्राप्ति का नुस्खा – इसे खाने से पुत्र की प्राप्ति हो जाती है
इन्हें भी पढ़ें : शिवलिंगी से पुत्र प्राप्ति का यह उपाय अचूक मन जाता है – बाँझ महिला को भी पुत्र होता है
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र प्राप्ति का आयुर्वेदिक नुस्खा (नींबू + दूध + देसी घी)

सूत्र 5: भगवान अत्रि द्वारा पुत्र प्राप्ति का उपाय

2500 वर्ष पूर्व लिखित चरक संहिता में भगवान अत्रि कुमार के अनुसार पुरुष में वीर्य की सबलता से पुत्र पैदा होता है. कहीं ना कहीं इसका अर्थ यही निकलता है कि अगर महिला पहले चरमोत्कर्ष पर पहुंचती है, तो पुत्र प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है.

सूत्र 6: सुश्रुत संहिता के अनुसार शुक्ल पक्ष में पुत्र प्राप्ति के उपाय

दो हजार वर्ष पूर्व के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं सर्जन सुश्रुत ने अपनी पुस्तक सुश्रुत संहिता में स्पष्ट लिखा है, कि मासिक स्राव के बाद 4, 6, 8, 10, 12, 14 एवं 16वीं रात्रि के गर्भाधान से पुत्र जन्म लेता है, लेकिन यह तारीख शुक्ल पक्ष में  होनी चाहिए.

शुक्ल पक्ष में पुत्र प्राप्ति के उपाय के रूप में यह विधि समाज में बहुत प्रचलित है.

सूत्र 7: शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय

अपनी कुंडली के अनुसार किसी भी शुभ मुहूर्त में या कुंडली नहीं है तो पंडित के अनुसार किसी भी शुभ मुहूर्त में संतान गोपाल मंत्र के सवा लाख जाप शुरू कीजिए यह जाप आप संकल्प लेकर कीजिए.

इसका विधि-विधान आप किसी भी ज्ञानी ब्राह्मण से जान सकती हैं जो आपकी ही आसपास आपको मिल जाएंगे उनके सानिध्य में इस जाप को पूरा करें.

जाप  शुरू करने से पहले आप श्री गणेश को नमन अवश्य करें.

साथ ही बालमुकुंद (लड्डूगोपाल जी) भगवान की पूजन करें. उनको माखन-मिश्री का भोग लगाएं.

मंत्र : – ।।ऊं क्लीं देवकी सूत गोविंदो वासुदेव जगतपते देहि मे, तनयं कृष्ण त्वामहम् शरणंगता: क्लीं ऊं।।

सूत्र 8: गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय

गरुड़ पुराण के अनुसार  मासिक धर्म के 4 दिन महिला को अपने पति को चेहरा नहीं दिखाना चाहिए और पति को भी चेहरा नहीं देखना चाहिए.

चौथे दिन के बाद स्नान  करके पति पत्नी साथ रह सकते हैं, लेकिन संतान प्राप्ति के लिए बिल्कुल भी कोशिश नहीं करनी है. ब्रह्मचर्य का पालन करना है. यह ब्रह्मचर्य आपको 7 दिन तक निभाना है.

गरुड़ पुराण के अनुसार आठवें दिन ईश्वर की स्तुति करके संतान प्राप्ति की कोशिश करनी है. इस दिन से प्राप्त संतान पुत्र होगी.

1 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें