क्या प्रेगनेंसी में गर्म पानी से नहाना सुरक्षित है

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प्रेग्नेंट महिलाओं को एक जरूरी सूचना के तौर पर प्रस्तुत हैं। जब आप गर्भवती होती है, जो आपके कंधों पर एक नन्हीं जान की हिफाजत करने की जिम्मेदारी आ जाती है।
इस दौर में आपको अपने व बच्चे दोनों का ख्याल रखना होता है। आपकी हर छोटी-बडी हरकत का असर आपके बच्चे पर पडता है। अब जब ठंडी हवाओं ने दस्तक देनी शुरू कर दी है, तो आपने भी गर्म पानी से नहाना शुरू कर दिया होगा। लेकिन क्या गर्भावस्था में गर्म पानी से नहाना चाहिए कि नहीं नहाना चाहिए । इस बारे में आपको कुछ पता है।

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दोस्तों किसी प्रेग्नेंट महिला को गर्म पानी से नहाना चाहिए या नहीं नहाना चाहिए कि क्या हानि, क्या फायदे हैं चर्चा करते हैं।

दोस्तों गर्म पानी से नहाना सुरक्षित है या असुरक्षित है। इसको लेकर जब हमने थोड़ा स्टडी की तो कई जगह हमने यह पाया कि गर्म पानी नहाना पड़ा ही सुरक्षित होता है। कई जगह नहीं है पानी गर्म पानी से नहाना चाहिए। बड़ा ही कुछ कंफ्यूजन सा पैदा हो गया।

फिर धीरे-धीरे समझ में यह आया कि हमारे शरीर का टेंपरेचर 37 डिग्री के आसपास होता है और पानी का हाईएस्ट टेंपरेचर 100 डिग्री के आसपास होता है।

तो जैसे ही पानी का टेंपरेचर 37 डिग्री से ऊपर की ओर बढ़ता है, तो वह हमें गर्म लगने लगता है। हमारे लिए 38 डिग्री टेंपरेचर का पानी भी गर्म है। हमारे लिए 40 डिग्री टेंपरेचर का पानी भी गर्म है। हमारे लिए 45 डिग्री का पानी भी गर्म है। 70/80 डिग्री टेंपरेचर का पानी गर्म होता है।

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गर्म पानी से नहाना नुकसानदायक नहीं होता है। बस यह इस बात पर आश्रित है कि आप कितने गर्म पानी से नहा रहे हो। यहीं से यह सुरक्षित और असुरक्षित हो जाता है।

आप जैसे कि सर्दियों का मौसम आ ही चुका है, तो ठंडे पानी से नहाने में बहुत ज्यादा कठिनाई होती है। ऐसे में ठंडे पानी से नहाया भी नहीं जाता है। अगर हम कहें या डॉक्टर भी गर्म पानी से नहाना नुकसानदायक है तो बड़ी ही समस्या आ जाती है।

वास्तव में गर्म पानी से नहाना नुकसानदायक होता है और वह भी प्रेगनेंसी के समय । गर्म पानी से नहाने से क्या क्या नुकसान होते हैं उस पर भी चर्चा करेंगे।

पहले तो इस बात का निर्णय हो जाएगी हमें नहाना हैं कैसे पानी से हैं.

हमारी बहनों को सर्दियों में नहाने में थोड़ी सी परेशानी तो होगी जो प्रेग्नेंट है , वह भी उन्हें जो थोड़ा तेज गर्म पानी में नहाती है।

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बच्चे की सुरक्षा के लिए हमें तेज गर्म पानी में नहीं नहाना है। लेकिन हम हल्के गर्म पानी में नहा सकते हैं।

हमारे शरीर का टेंपरेचर लगभग 37 डिग्री के आसपास होता है। और 37 डिग्री से थोड़ा सा गर्म पानी हमें हमें गर्म लगना शुरू हो जाता है। तो सर्दियों में महिलाएं लगभग उस पानी में नहा सकती है, जिसका टेंपरेचर 37 डिग्री से ऊपर हो लेकिन 39 के आसपास तक ही होना चाहिए। इतना गर्म पानी चल जाता है। इसी को ही सुरक्षित बताया गया है।

हमें लगता है कि ठंडे पानी की तुलना में लगभग 38-39 डिग्री सेल्सियस वाले पानी से नहाने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए, यह पानी भी गर्म ही कहलाता है.

यह कहने का मतलब यह है कि नहाते समय आपके शरीर के अंदर पानी के द्वारा शरीर में गर्मी नहीं पहुंचने चाहिए।

आपके शरीर का मूल तापमान नहीं बढ़ना चाहिए। यह गर्मी बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

गर्भावस्था की पहली तिमाही बेहद नाजुक होती है। इस दौर में गर्म पानी से नहाना आपके लिए बेहद ही नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप इस दौरान अत्यधिक गर्म पानी से नहाएगीं तो बच्चे के विकास पर विपरीत प्रभाव भी पड सकता है।

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वहीं गर्म पानी से नहाते समय आपके शरीर का तापमान बढ जाता है, जो आपके और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं माना जाता।

कभी-कभी तो गर्भ में पल रहे बच्चे तक आॅक्सीजन पहुंचने में भी कठिनाई होती है।

इस मौसम में ठंडे पानी से नहाना भी उचित नहीं है। इसलिए आप नहाने के लिए हल्के गर्म पानी का इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन बाथरूम में बहुत अधिक समय न लगाएं तो ही अच्छा।

सुझाया जाता है कि गर्भावस्था के दौरान हॉट टब बॉथ, सौना और जाकुजी से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इन फेंसी बॉथ अपलाइंस के अंदर आपका शरीर लगातार गर्म तापमान में रहता है। इनके अंदर आपको आराम तो महसूस होगा लेकिन यह आपके गर्भ शिशु के लिए नुकसानदायक।

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आयुर्वेद के अनुसार आपको नीचे दी गई प्रक्रिया के अनुसार स्नान करना चाहिए –

1. सबसे पहले अपने हाथ और पैर धो लें।

2. अगर आप ठंडे पानी से स्नान कर रहे हैं, तो आपको सिर से पाँव की ओर बढ़ना चाहिए।

3. और अगर आप गर्म पानी के साथ स्नान कर रहे हैं, तो पहले अपने पैर की अंगुलियों से शुरू करें और फिर सिर की ओर बढ़ें।

4. साबुन के लिए, रसायनों से भरपूर साबुन जो बाज़ार में उपलब्ध हैं, उनका उपयोग करने से बचें। इन साबुनों से त्वचा सभी रसायनों को अवशोषित करती है।

5. स्नान से पहले सरसों के तेल या तिल के तेल के साथ अच्छी तरह से मालिश करना आपके शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इससे मांसपेशियों को नई ऊर्जा मिलती है और त्वचा की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।

6. हालांकि आपको स्नान करते समय जल्दी नहीं करनी चाहिए, लेकिन बहुत देर तक स्नान करने का भी सुझाव नहीं दिया जाता है। इसके अलावा, बेहतर स्वच्छता के लिए, एक दिन में दो बार स्नान करना पर्याप्त होता है।

7. आप पानी में कुछ नीम के पत्ते मिला सकते हैं और कुछ समय के बाद इस पानी से नहा लें। यह आपकी त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करेगा।

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