गर्भ में सातवें महीने शिशु का विकास – Baby development in the seventh month of pregnancy

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प्रेगनेंसी के 6 महीने समाप्त हो चुके हैं ऑलमोस्ट प्रेगनेंसी अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है. अब सातवां महीने में प्रेगनेंसी में कदम रख दिया है.  प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में —
शरीर में कौन-कौन से बदलाव दिखाई पड़ते हैं इस पर चर्चा करेंगे.
शरीर में कौन-कौन से लक्षण आपको नजर आ सकते हैं इस पर भी चर्चा करेंगे.
साथ ही साथ सातवें महीने में बच्चे के विकास और आकार पर भी हम चर्चा करेंगे तो चर्चा करेंगे.


पूरी प्रेगनेंसी पर एक नजर दौड़ाई जाए तो बीच के 3 महीने प्रेगनेंसी का हैप्पी टाइम माना जाता है और पहली तिमाही और तीसरी तिमाही में काफी सावधानी रखने की आवश्यकता होती है. अब आप तीसरी तिमाही में कदम रख रहे हैं. आपको काफी सावधानी रखने की आवश्यकता होती है. जिसमें शिशु काफी बड़ा हो चुका है. आपको उसका अब अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता होती है. प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में कौन-कौन से लक्षण नजर आते हैं. उस पर में एक बार चर्चा कर लेते हैं.

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सातवें महीने के लक्षण – Pregnancy ka 7va Mahena

गर्भवती स्त्रियों को दूसरी तिमाही के अंत तक स्तनों से रिसाव शुरू हो जाता है. यह पीले रंग का पदार्थ होता है. जिसे कोलोस्ट्रम के नाम से जाना जाता है यह रिसाब दिन में कभी भी हो सकता है जैसे-जैसे प्रेगनेंसी का अंतिम टाइम नजदीक आता जाता है, वैसे वैसे यह रंगहीन होता जाता है. यह बहुत ही सामान्य सी प्रक्रिया है इसमें घबराने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होती है.

महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान हल्का-हल्का स्राव होने की समस्या भी नजर आती है यह स्राव होना एक तरह से ठीक भी होता है क्योंकि यह किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाता है लेकिन अगर दुर्गंध की समस्या होने लगे तो डॉक्टर से बार जरूर डिस्कस करना चाहिए.

प्रेगनेंसी का सातवां महीना शुरु हो चुका है. इस महीने कुछ महिलाओं को संकुचन की समस्या हो सकती है. अर्थात डिलीवरी पेन जैसा महसूस हो सकता है. अक्सर यह फॉल्स प्रेगनेंसी पेन होता है. यह कुछ-कुछ प्रेगनेंसी पेन जैसा होता है. लेकिन इसका नेचर बिल्कुल वैसा नहीं होता है इसलिए इसे फॉल्स प्रेगनेंसी पेन कहा जाता है, फिर भी इस पर नजर बनाकर रखना बहुत जरूरी होता है, और जब भी आप डॉक्टर से मिले तो इस बारे में जरूर चर्चा करें.

पिछले महीनों की तरह इस महीने भी महिलाओं को अपच की समस्या रहती है जैसे-जैसे पर प्रेगनेंसी और बढ़ती जाएगी यह समस्या बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है. क्योंकि जगह भी कम होती जाती है, शिशु के विकास के कारण, तो समस्या और बढ़ सकती है. इसलिए अपने भोजन पर विशेष ध्यान दें. ऐसा भोजन खाएं जो पचने में आसान हो.

सातवें महीने में शारीरिक बदलाव – Pregnancy 7th Month Body change

प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में स्तन और बड़े नजर आ सकते हैं और निपल्स के आसपास कारण और ज्यादा गहरा हो सकता है.

जैसे कि हमने पिछले महीने को डिस्कस करते हुए बताया था कि शरीर में सूजन क्यों आती है उसी कारण से सूजन इस महीने भी रह सकती है रक्त के तेज प्रवाह की वजह से सूजन और अतिरिक्त भोजन संचय के कारण भी सूजन हो सकती है. साथ ही साथ रक्त के तेज प्रभाव के कारण हाथ और पैरों में झनझनाहट भी महसूस हो सकती है.

इस महीने महिला का वजन 4 से 5 किलो एक्स्ट्रा हो जाता है अधिक वजन बढ़ने के कारण महिला को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है महिलाओं को खुले स्थान में रहने की सलाह दी जाती है.

गर्भस्थ शिशु काफी बड़ा हो गया है उसका हिस्सा अब नाभि से ऊपर की ओर भी जगह घेर रहा है जैसे जैसे ऐसा होता जाएगा वैसे वैसे महिलाओं को सोने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है.

और जैसे जैसे पेट बढ़ता जाएगा वैसे वैसे महिलाओं को अब झुकने में काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है बल्कि झुकना तो बिल्कुल ही छोड़ देना है.
कुछ महिलाओं को सातवें महीने से पहले ही लेकिन कुछ महिलाओं को सातवें महीने में स्किन में खिंचाव और रेखाएं नजर आ सकती हैं और उनमें खुजलाहट भी हो तो बड़ी बात नहीं.

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गर्भस्थ शिशु का विकास – Pregnancy 7th month baby development in Womb

सातवें महीने में गर्भ शिशु का वजन 1 किलो से डेढ़ किलो के बीच में हो सकता है और उसकी लंबाई 14 इंच के आसपास होती है. आप कह सकते हैं शिशु अपने आप में काफी बड़ा हो चुका है.

इस महीने से शुरू आंख खुल सकता है बंद भी कर सकता है.
शिशु की पलके और भौंह भी आ गई है. वह जम्हाई लेने लगता है, अंगड़ाइयां लेता है. आपकी आवाज पर प्रतिक्रिया भी दे सकता है.

सातवें महीने के आस-पास शिशु के त्वचा के नीचे चर्बी जमने लगती है फैट बनने लगती है.

अब शिशु का सिस्टम काफी विकसित हो चुका है वह आवाजें सुन सकता है बाहर की रोशनी पर भी प्रतिक्रिया दे सकता है.

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