प्रेगनेंसी के दौरान कुछ भी खाने से पहले काफी सोचने समझने की आवश्यकता होती है. बहुत से खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य के और हेल्थ शरीर के नेचर के अनुसार प्रयोग में लाए जाते हैं.
ऐसे ही हम आपको चिकन खाने के फायदे और नुकसान के विषय में बता रहे हैं.
जिसे जानकर आप अपने शरीर के अनुसार बड़ी आसानी से पता लगा सकते हैं, कि आपको प्रेगनेंसी के दौरान चिकन खाना है या नहीं खाना है.
प्रेगनेंसी में चिकन खाने के फायदे
आप प्रेगनेंसी के दौरान कितना चिकन खा सकती हैं आपको इस बात का ज्ञान होना चाहिए.
- चिकन के अंदर आयरन काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इस कारण से महिला के शरीर में जो एनीमिया होने का खतरा प्रेगनेंसी के दौरान रहता है उस खतरे को चिकन के सेवन से कम किया जा सकता है.
- न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ के हड्डी से जुड़ी समस्या होती है. यह गर्भावस्था में फोलिक एसिड की कमी के कारण हो सकता है. ऐसे में गर्भावस्था के दौरान चिकन के सेवन से फोलिक एसिड की जरूरत को पूरा किया जा सकता है.
- प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिला चिकन का सेवन सीमित मात्रा में करती है तो इससे उसके प्रतिरोधक क्षमता में काफी वृद्धि हो जाती है, जो गर्भस्थ शिशु और महिला दोनों के लिए काफी आवश्यक भी है.
- प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को ऊर्जा की बहुत जरूरत होती है. चिकन का सेवन करने से महिला को अच्छी मात्रा में ऊर्जा की प्राप्ति हो जाती है.
- शिशु के विकास के लिए प्रोटीन एक आवश्यक तत्व है. यह एक प्रकार से शिशु के विकास के आधार में आवश्यक तत्वों में से एक होता है, और चिकन के अंदर प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है.
- चिकन में 1 गुण और होता है यह उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करने का कार्य करता है और प्रेगनेंसी में अक्सर उच्च रक्तचाप की समस्या नजर आ जाती है तो यहां भी चिकन फायदेमंद साबित होता है.
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चिकन के जोखिम
चिकन के जोखिम जरूरत से ज्यादा चिकन का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज मोटापा हृदय संबंधी समस्याओं को न्योता दे सकता है.
चिकन के अंदर लिस्ट एरिया नामक बैक्टीरिया हो सकता है, जो गर्भपात भ्रूण की गर्भ में मृत्यु या संक्रमण और दूसरे प्रकार के समस्याओं का कारण बन सकता है. इसलिए चिकन को बहुत ज्यादा अच्छे से पका कर खाने की सलाह दी जाती है.
चिकन में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के कारण बुखार उल्टी, सर दर्द, पेट दर्द, दस्त इत्यादि की समस्या भी हो सकती है.