प्रेगनेंसी के दौरान कई बार मालिश करने की सलाह दी जाती है, और कुछ लोग मालिश ना करने के बारे में भी बताते हैं. इसलिए काफी ज्यादा कन्फ्यूजन रहता है. आज हम अपने इस वीडियो के माध्यम से इसी टॉपिक पर चर्चा कर रहे हैं. हमें उम्मीद है, कि आप की सारी शंकाओं का समाधान अवश्य होगा आज हम बात करेंगे.
गर्भावस्था के दौरान मालिश करने का सही तरीका क्या हो सकता है. गर्भावस्था के दौरान मालिश करवाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं और अगर मालिश करवा रहे हैं, तो किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई प्रकार के बदलाव देखने में आते हैं. जिसकी वजह से उन्हें थकावट सूजन हो जाना आम समस्या बन जाती है. से तनाव भी कम होता है, और यह प्रसव में भी सहायक हो सकता है.
अगर मालिश सही तरीके से की जाए तो यह हानि रहित होती है, इस पर हम आगे चर्चा करेंगे.
इन्हें भी पढ़ें : वर्षा ऋतु में गर्भ की देखभाल कैसे करें
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में लेटते समय किन बातों का ध्यान रखें
इन्हें भी पढ़ें : गर्भ अवस्था में इन बातों का ध्यान रखें बच्चा तेज दिमाग वाला होगा
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में सफर करें तो रखें इन बातों का ख्याल
गर्भावस्था मे मालिश का सही तरीका
किसी भी गर्भवती की स्त्री की मालिश नीचे से शुरू करके ऊपर की ओर की जानी चाहिए.
गर्भवती की मालिश करते समय उसके शरीर पर धीरे-धीरे दबाव डालना चाहिए.
मालिश करने वाले को पहले अपने हाथों को गर्म कर लेना चाहिए क्योंकि गर्म हाथ ठंडे हाथों की तुलना में अधिक नरम होते हैं.
मालिश करने वाले का भी स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए वह बीमार नहीं होना चाहिए.
मालिश करवाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर मौसम ठंडा है तो मालिश का स्थान गर्म होना चाहिए यदि मौसम गर्म है तो मालिश का स्थान ठंडा होना चाहिए.
अगर कोई महिला प्रेगनेंसी के दौरान कमजोर है, तो उसकी मालिश 30 मिनट से ज्यादा नहीं करनी चाहिए. अगर कोई महिला स्वस्थ है, तो उसकी मालिश 45 मिनट से लेकर 1 घंटे तक कर सकती हैं.
प्रेगनेंसी में मालिश के फायदे
प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिला 4 महीने से अधिक दिनों की गर्भवती है, तो पीठ के बल लेटने में अधिक दिक्कत होती है. अगर महिला के पेट की मालिश की जाए तो लेटने में अपेक्षाकृत कम परेशानी का सामना करना पड़ता है.
महिला के शरीर में होने वाली जकड़न में राहत मिलती है.
महिला के शरीर में ब्लड संचार अधिक सरल और तेज गति से और आसानी से होता है.
गर्भवती स्त्री को जोड़ों में दर्द से राहत देने का कार्य मालिश कर सकती है.
गर्भावस्था के दौरान मालिश करने से आपके तनाव में काफी हद तक कमी आएगी. इससे वह हारमोंस उत्सर्जित होते हैं, जो खुशी लाने का कार्य करते हैं.
महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान जी मिचलाने सीने में जलन दर्द की शिकायत होती है. अगर महिला के पीठ और पैरों की मालिश की जाए, तो इन समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है.
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में आयरन और कैल्शियम की गोलियां साथ न लें
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के समय महिला का कमरा कैसा हो जानिए #2
इन्हें भी पढ़ें : समय पर पीरियड्स ना होना है बहुत नुकसानदायक
इन्हें भी पढ़ें : स्ट्रेच मार्क्स को हल्का करने के लिए ट्राई करें ये 3 घरेलू नुस्खे
मालिश करते समय किन किन बातों का ध्यान रखें
जिस भी स्थान पर मालिश की जाए वह स्थान शांत होना चाहिए.
एकदम बंद जगह की बजाय खुली जगह में मालिश करनी चाहिए. इससे ताजी हवा मिलती रहती है.
महिला को मालिश करवाते समय अपनी सारी चिंताएं भूल जानी चाहिए और दिमाग को शांत रखना चाहिए. इससे मालिश का अधिकतम लाभ मिलता है.
आपका डॉक्टर आपकी प्रेगनेंसी का नेचर जानता है, इसलिए मालिश से पहले उसकी सलाह अवश्य लें.
अगर आपको मालिश कर आते समय किसी भी प्रकार की थकान नजर आती है या आपको बेचैनी महसूस होती है तो आप तुरंत अपनी मालिश रुकवा दें.
मालिश आपको किसी अनुभवी और सर्टिफाइड महिला से ही करानी चाहिए. जिसे प्रेगनेंसी के दौरान मालिश करने का अनुभव हो और तरीका भी पता हो.
जिन महिलाओं को ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उन्हें मालिश ऊपर से नीचे की ओर करानी चाहिए और धीरे-धीरे सावधानीपूर्वक ही करानी चाहिए.