प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग क्यों होती है क्या प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना सामान्य माना जाता है प्रेगनेंसी में कब-कब ब्लीडिंग होना ठीक नहीं माना जाता है ऐसे ही कुछ जरूरी टॉपिक पर चर्चा करते हैं.
क्या प्रेगनेंसी में ब्लड आना सामान्य बात है
दोस्तो सबसे पहले तो यह बात आप जान लें, कि जैसे कि प्रत्येक महिला को हर महीने अपनी निश्चित साइकिल के बाद पीरियड्स आते हैं. प्रेगनेंसी हो जाने के बाद यह पीरियड्स बच्चे की डिलीवरी तक बिल्कुल भी नहीं आते हैं.
प्रेगनेंसी के दौरान कभी-कभी हल्की सी स्पॉटिंग अर्थात ब्लडिंग होती है, तो अक्सर महिलाएं इसे पीरियड का आना मान लेती है, और हम से कई बार यह प्रश्न भी किया गया है, कि प्रेगनेंसी के दौरान उन्हें बहुत कम पीरियड आ रहे हैं ऐसा क्यों.
तो हम अपनी उन बहनों को बता दें की प्रेगनेंसी के दौरान बिल्कुल भी पीरियड्स नहीं आते हैं. हालांकि कभी-कभी कुछ कारणों से हल्की सी ब्लड स्पॉटिंग नजर आती है. इसे हम पीरियड बिल्कुल भी नहीं कहते हैं और यह पीरियड्स की तुलना में ना के बराबर ही होती है.
यह बात भी उतनी ही सही है कि प्रत्येक महिला को इस प्रकार की स्पॉटिंग की समस्या नहीं होती है पहले 3 महीने में लगभग 25% से 30% महिलाओं को इस प्रकार की स्पोटिंग देखने में आती है.
इस हल्की सी स्पॉटिंग को लेकर इसे हम पीरियड्स नहीं मान सकते हैं, और जिन महिलाओं को यह पता है कि गर्भावस्था के दौरान पीरियड्स बिल्कुल भी नहीं आते हैं, और बिल्कुल भी ब्लड नहीं आना चाहिए तो हम उन बहनों को बता दें कि कभी-कभी हल्की स्पॉटिंग हो जाना सामान्य माना जाता है.
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प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग कितने दिन तक होती है
किसी भी गर्भवती महिला को यह समझना होगा कि प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग या पीरियड बिल्कुल भी नहीं आते हैं. यह आना हमेशा एक खतरे का निशान ही होता है.
इसलिए इस प्रकार की समस्या होना हमेशा डॉक्टर कंसल्ट की आवश्यकता को दिखाता है. हालांकि गर्भ में भ्रूण का स्थापन जब होता है, तो एक या दो बूंद ब्लड नजर आ सकता है.
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग कब होती है
एक रिसर्च के अनुसार छठवें हफ्ते और सातवें हफ्ते में अक्सर महिलाओं को स्पॉटिंग नजर आ जाती है. यह बेहद कॉमन है. अक्सर महिलाएं इसे देखकर थोड़ा घबरा जाती है. यह डार्क ब्राउन कलर का हो सकता है, कभी-कभी इसका रंग लाइट पिंक भी हो जाता है, और महज एक या दो ड्राप ब्लड ही नजर आता है. हम बता दें यह काफी सामान्य बात है.
इसके कुछ कारण है जिस पर हम आगे चर्चा करेंगे.
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग क्यों होती है
जिस स्पॉटिंग की बात हम कर रहे हैं. उस स्पोटिंग का मुख्य कारण जो है. वह काफी सामान्य होता है. असल में होता क्या है कि जब निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार पर अपनी जड़ें जम आता है तो ऐसे में एक दो बूंद रक्त नजर आ जाता है. इसे ही हम स्पोटिंग कहते हैं.
इस प्रकार से 2 महीने की प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना काफी सामान्य बात है. यह ब्लडिंग नहीं होती है, बल्कि स्पॉटिंग होती है. मात्र 25 से 30% महिलाओं को एक या दो बूंद ब्लड ही नजर आता है.
और दूसरे भी कारण होते हैं, जो सामान्य नहीं होते और उन कारणों की वजह से ब्लड आना ठीक नहीं माना जाता है.
- प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइनल इंफेक्शन की वजह से भी स्पोटिंग नजर आ जाती है इंफेक्शन के कारण स्पॉटिंग होना ठीक नहीं होता है यह आगे चलकर गर्भपात का कारण बन सकती है इसका इलाज तुरंत कराएं.
- प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिला अपने पार्टनर के साथ रतिक्रिया में इंवॉल्व होती है इस कारण भी घर्षण की वजह से कभी कभी स्पॉटिंग नजर आ जाती है.
- किसी भी कारण से अगर शिशु को चोट लग जाए या फिर शरीर में कोई और अंग को चोट लग जाए जो गर्भाशय से संबंधित हो या बच्चे की आहार नाल में कोई दिक्कत आ जाए.
- महिला के शरीर में किसी और बीमारी की वजह से भी ब्लीडिंग हो सकती है.
प्रेगनेंसी में कब स्पॉटिंग भी नहीं होनी चाहिए
प्रेगनेंसी के दौरान पहली तिमाही में तो नेचुरल रूप से कभी-कभी स्पोटिंग हो जाती है, तो इसमें घबराने की बात नहीं होती है.
लेकिन अगर दूसरी और तीसरी तिमाही में अक्सर महिलाओं को स्पॉटिंग की समस्या नजर आती है, या एक दो बार भी स्पॉटिंग की समस्या नजर आए तो महिला को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
क्योंकि दूसरी और तीसरी तिमाही में स्पोटिंग का कोई वजह नहीं होता है जो सामान्य हो.
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होने पर क्या करें
अगर पहली तिमाही में एक या दो बार स्पोटिंग हो जाए तो इसे सामान्य समझा जा सकता है. लेकिन अगर पहली तिमाही में भी बार-बार इस तरह की समस्या नजर आ रही है तो यह घबराने वाली नहीं बात होती है.
दूसरी और तीसरी तिमाही में तो स्पोटिंग भी नहीं होनी चाहिए. यह भी तुरंत डॉक्टर से मिलने वाली स्थिति होती है.
अगर दूसरी और तीसरी तिमाही में मिलन के दौरान स्पोटिंग नजर आए, तो यह माना जा सकता है कि यह स्पोटिंग घर्षण की वजह से आ गई होगी लेकिन फिर भी डॉक्टर से जरूर मिले.
यह इन्फेक्शन, मिसकैरेज या प्रेग्नेंसी में समस्या का संकेत है। गर्भनाल या प्लेसेंटा में नुकसान होने की वजह से भी ऐसा होता है.
पीरियड में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर घरेलू उपाय
प्रेगनेंसी में बिल्कुल भी ब्लडिंग नहीं होती है, जरा सी बिल्डिंग ब्लडिंग होना अच्छा नहीं माना जाता है.
अगर प्रेगनेंसी के दौरान आपको हेवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ रहा है, तो इसे शुद्ध रूप से गर्भपात माना जाता है.
इस प्रकार की समस्या में बिल्कुल भी घरेलू उपाय के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. क्योंकि यह गर्भपात की शुरुआती स्टेज होती है. अगर आप अपनी प्रेगनेंसी को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होती है.
प्रेगनेंसी में हेवी ब्लीडिंग प्रेगनेंसी के अंदर एक क्रिटिकल स्थिति मानी जाती है. इसलिए स्वयं की सलाह पर किसी भी घरेलू उपाय को नहीं करना चाहिए.
मात्र हल्की ब्लीडिंग या गर्भपात जैसी परिस्थितियां या उसके लक्षण नजर आने पर घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं.