प्रेगनेंसी के दौरान गोरा बच्चा पैदा करने के 21 घरेलू उपाय

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दोस्तों जैसे हमने अपने पुराने Article में भी बताया है कि बच्चे का रंग माता-पिता के जींस पर आधारित होता है. लेकिन उसमें कुछ परिवर्तन हम अपने भोजन के माध्यम से ला सकते हैं.

आज हम चर्चा करने वाले हैं कि अपने भोजन में हम किन-किन चीजों को शामिल करें और किन-किन चीजों को अपने भोजन से हम निकाल दें, जिससे कि गोरा बच्चा पैदा होने की संभावना अधिक हो जाती है.

इनमें से बताए जाने वाले कुछ उपाय पूरे साल किए जा सकते हैं, और कुछ मौसम के अनुसार क्योंकि हर खाद्य वस्तु हर मौसम में उपलब्ध नहीं होती है.

प्रेगनेंसी के दौरान गोरा बच्चा पैदा करने के 21 घरेलू उपाय

 गोरा बच्चा पैदा करने के लिए कच्चे नारियल का सेवन बताया जाता है. गर्भवती स्त्री को पहली तिमाही से ही मिश्री के साथ मिलाकर थोड़ा सा कच्चा नारियल रोज खाना चाहिए.

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गाजर का जूस
निकालकर हमें रोज पीना चाहिए यह काफी पौष्टिक होता है, और बच्चे के रंग को साफ करने में भी मदद करता है लेकिन यह जाड़ो के  मौसम का प्रयोग है.

गोरे बच्चे पैदा करने के लिए अंडे का प्रयोग भी बताया जाता है. आपको नियमित तौर पर अंडे के सफेद वाले से का प्रयोग अपने भोजन में करना चाहिए. अगर आप नॉनवेज लेती हैं, तो आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

गर्भावस्था में पपीते का सेवन वर्जित बताया जाता है, लेकिन यह कच्चे पपीते के लिए कहा जाता है अच्छे से पका हुआ पपीता लेने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अब इसका प्रयोग करने से मना किया जाता है, तो एक बार एक आयुर्वेदाचार्य से जरूर पूछें.

गोरा बच्चा पैदा करने के लिए केसर का प्रयोग बताया जाता है तो आप के सर के दो तीन रेशे डालकर एक गिलास दूध रोजाना ले और दूध वैसे भी गोरे बच्चे की प्राप्ति में सहायता करता है.

गोरा बच्चा पैदा करने के लिए काले अंगूर के रस का सेवन भी काफी फायदेमंद रहता है.

गर्भवती स्त्री को करेले की सब्जी 1 सप्ताह में एक बार अवश्य खानी चाहिए. यह भी मौसमी उपाय हैं क्योंकि करेला हर मौसम में उपलब्ध नहीं होता है.

प्रेगनेंसी में खाए जाने वाले मौसमी फलों का प्रयोग अपने भोजन में रोज करें यह सभी के सभी फल पौष्टिकता से भरपूर होते हैं, और बच्चे के रंग को भी साफ करने में मदद करते हैं.

देसी गाय का घी यह भी बच्चे के रंग को गोरा करने में काफी फायदेमंद होता है. आपको रोजाना प्रेगनेंसी के दौरान देसी गाय के घी का प्रयोग अपने भोजन में करना है.

यह बच्चे को ताकत और रंग को साफ करने में मदद करेगा. अगर आप रोजाना एक एक बूंद देसी गाय का घी नाक में डालने तो आपकी मानसिक स्थिति भी सही रहेगी. इससे गर्भस्थ शिशु की मानसिक स्थिति और मस्तिष्क के डेवलपमेंट में बहुत मदद मिलती है.

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आपको अपने भोजन में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का प्रयोग थोड़ा ज्यादा करना चाहिए. यह भी बच्चे के रंग को निखारने में मदद करता है.

आपको प्रेगनेंसी के दौरान आंवले का प्रयोग अपने भोजन में करना है. इसके लिए आप रोजाना आंवले का मुरब्बा ले सकती हैं, आंवला कैंडी ले सकते हैं. आंवले की सब्जी बनाकर ले सकते हैं. ऐसे भी आंवले रोज खा सकते हैं. जैसा भी आपको उचित लगे उस प्रकार से आम ले को अपने भोजन में शामिल करें.

आप रात को बादाम भिगो दें और सुबह के समय घिसकर दूध के साथ ले. यह आपके बच्चे के दिमाग को ताकत देगा और रंग को भी साफ रखने में मदद करता है.

आपको अपने भोजन में ऐसी वस्तुओं का प्रयोग खाने में नहीं करना है, जो नुकसानदायक होती है. असल में हमें वही चीजें ज्यादा नुकसान देती हैं, जो एसिडिक नेचर की होती है, या शरीर के अंदर ऐसे तत्वों का निर्माण करती है. जो प्रेगनेंसी के लिए नुकसानदायक हो, महिला के शरीर के लिए नुकसानदायक हो.

आप प्रेगनेंसी के दौरान वंशलोचन के चूर्ण का प्रयोग रोजाना दूध के साथ कर सकती हैं. इसकी मात्रा को लेकर आपको आयुर्वेदाचार्य से संपर्क करना होगा. आप रोजाना खाने के बाद थोड़ी सी सौंफ और मिश्री का प्रयोग भी करें यह भी फायदेमंद रहता है.

माना जाता है कि रोजाना एक गिलास दूध के साथ अगर आप सुबह के समय दो केले खाएं तो बच्चा साफ रंग का पैदा होता है.

जैसा कि हमने पुराने Article में भी कई बार बताया है कि 

आपको प्रेगनेंसी के दौरान चाय का प्रयोग कम से कम करना है नहीं करें तो अच्छा है.

कॉफी का प्रयोग कम से कम करना है नहीं करें तो अच्छा है.

आपको चॉकलेट का प्रयोग भोजन में नहीं करना है.

आपको कोई भी ऐसी वस्तु से बचना है, जो नशीली होती है जैसे कि धूम्रपान, शराब या अन्य प्रकार का कोई ड्रग
आपको प्रेगनेंसी के दौरान खुश रहना है.

बिल्कुल भी तनाव नहीं लेना है. तनाव लेने से बच्चे के ऊपर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है. उसके विकास पर प्रभाव पड़ता है. उसके मस्तिष्क के विकास पर प्रभाव पड़ता है, और उसके रंग पर भी प्रभाव आता है.

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