पुत्र प्राप्ति के लिए महिला 4 तरीकों से अपना कैसे अपना ओवुलेशन पीरियड जान सकती है

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महिला को अपना ओवुलेशन पीरियड कैसे पता करना है.  दोस्तों हमने पहले बहुत बार बताया है कि अगर महिला को पुत्र रत्न की प्राप्ति करनी है तो उसे अपना ओवुलेशन पीरियड पता होना चाहिए.
इस पीरियड में मिलन करने से पुत्र प्राप्ति की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है लेकिन महिला यह समय पता कैसे करें इस संबंध में आज हम आपको बताने वाले हैं.
पुत्र प्राप्ति के लिए महिला 4 तरीकों से अपना कैसे अपना ओवुलेशन पीरियड जान सकती है
 

पुरुष के अंदर एक्स और वाई दो तरह के क्रोमोसोम होते हैं जिसे हम नर और मादा क्रोमोसोम कह देते हैं, नर क्रोमोसोम बहुत तेज गति से चलता है लेकिन उसकी जीवन शक्ति कम होती है, कमजोर होता है, जल्दी मर जाता है.

मादा क्रोमोसोम जो पुत्री प्राप्ति के लिए जिम्मेदार है उस की गति धीरे होती है, धीरे धीरे चलता है, लेकिन जीवन शक्ति बहुत ज्यादा होती है, ज्यादा लंबे समय तक जीवित रह सकता है, और कठिन परिस्थितियों में भी नर क्रोमोसोम की तुलना में रह सकता है.

महिला हमेशा ओवुलेशन पीरियड में ही गर्भ धारण करती है. इसलिए पुत्र प्राप्ति के लिए ओवुलेशन पीरियड बेस्ट टाइम होता है इस वक्त पुत्र प्राप्ति की संभावना 50% से ज्यादा होती है. आइए चर्चा करते हैं क्यों जरूरी होता है.

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ओवुलेशन पीरियड की  वैल्यू को इस बात से भी समझा जा सकता है कि पुरुष के शुक्राणु महिला के शरीर में 3 दिन से लेकर 7 दिन तक जीवित रह सकते हैं.

वही केवल एक अंडाणु जो महिला के शरीर में बनता है,  वह 24 घंटे तक ही जीवित रहता है. इस वजह से गर्भधारण के लिए वह समय सबसे ज्यादा आवश्यक होता है, जब अंडाणु गर्भधारण के लिए उपस्थित हो.

ओवुलेशन पीरियड वह पीरियड होता है जिसमें महिला के शरीर के अंदर अंडाणु गर्भधारण के लिए उपस्थित होते हैं. इन्हीं दिनों गर्भधारण हो सकता है.

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कैसे पता करें ओवुलेशन पीरियड – Ovulation Period Kaise Jane

ओवुलेशन का पता करना थोड़ा सा मुश्किल होता है क्योंकि यह हर महिला के लिए थोड़ा थोड़ा अलग होता है . मंथली साइकिल 28 दिन से लेकर 32 दिन तक के बीच होती है इस कारण से ओवुलेशन टाइम अलग अलग हो जाता है.

साथ ही साथ महिला की उम्र का भी फर्क पड़ता है अगर एक महिला 20 वर्ष की उम्र में है और वही महिला 35 वर्ष की उम्र में चेक करती है, तो हो सकता है कि 20 वर्ष की उम्र में जो उसका ओवुलेशन टाइम हो 35 वर्ष की उम्र में थोड़ा बदल गया. जाएगा ऐसा हो सकता है.

इसका पता करने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपने शरीर का तापमान नोट करना शुरू करें. जैसे ही ओवुलेशन समय नजदीक आता है उस वक्त महिला के शरीर का तापमान थोड़ा सा बढ़ जाता है. इस प्रकार से आप पता लगा सकते हैं कि महिला का ओवुलेशन पीरियड क्या है, लेकिन यह थोड़ा सा कठिन कार्य है. क्योंकि आपको दो-तीन महीने पहले से ही यह प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी और आपको रोज अपने शरीर का तापमान नोट भी करना पड़ेगा.

जिस दिन आप का लास्ट पीरियड का पहला दिन होता है उस दिन अगर पहला दिन माने तो उसके बाद से 12 दिन से लेकर 16 दिन तक कभी भी आपके शरीर का तापमान थोड़ा सा बड़ा सकता है जिसे आप नोट कर रही है.
ओवुलेशन आम तौर पर 28 दिनों के मासिक धर्म चक्र में 14 वे दिन के आसपास होता है। हालांकि, सभी महिलाओं में मासिक धर्म की अवधी 28 दिन की नहीं होती है। इसलिए सटीक समय हर महिला की मासिक अवधी के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है.

वही दिन आपके ओवुलेशन पीरियड का दिन हो सकता है जिस दिन अंडा गर्भाधान के लिए तैयार हो और यह समय तीन-चार दिन लगातार रह सकते हैं.

जिस दिन ओवुलेशन पीरियड होता है उस दिन म्यूकस सबसे ज्यादा गाढ़ा और चिकना होता है आप इसके गाड़ेपर और चिकनाहट का पता लगा सकते हैं.

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इसके अलावा भी दूसरे सामान्य लक्षण नजर आते हैं जैसे कि पेट के निचले हिस्से में आपको कुछ मिनटों या कुछ घंटों के लिए दर्द महसूस हो सकता है. आपको अपने स्तन थोड़े से नाजुक लग सकते हैं. इस प्रकार से भी महिला अपने ओवुलेशन पीरियड का पता लगाने में सक्षम है.

अगर आप इन सब तरीकों से भी अपनी ओवुलेशन पीरियड का पता नहीं लगा पा रहे हैं तो इसके लिए मार्केट में किट आती है उसकी सहायता से आप बड़ी आसानी से अपने ओवुलेशन का पता लगा पाएंगे.

यह किट किस प्रकार से प्रयोग करनी है यह आपको उस पर सारी इनफार्मेशन मिल जाएगी क्योंकि अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग किट हो सकती है. थोड़ा बहुत तरीका भी अलग हो सकता है रोज-रोज नई टेक्नोलॉजी आ रही है. यह किट आपको किसी भी मेडिकल स्टोर से प्राप्त हो सकती है.

ओवुलेशन प्रेडिक्टर ओवुलेशन से पहले पेशाब में ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन (एलएच) में वृद्धि का पता लगा सकती है.

जैसा कि हमने बताया है पुत्र प्राप्ति के लिए आपको ओवुलेशन पीरियड में ही मिलन करना ज्यादा आवश्यक है. क्योंकि नर शुक्राणु जोकि पुत्र प्राप्ति के लिए जिम्मेदार है अपनी तेज गति के कारण जल्दी अंडे तक पहुंच सकता है और गर्भ में पुत्र की प्राप्ति संभव है.

अगर आप ओवुलेशन पीरियड्स  से एक या 2 दिन पहले  संतान प्राप्ति के लिए कोशिश करते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है महिला के शरीर में नर क्रोमोसोम और मादा क्रोमोसोम दोनों ही अंडाणु का इंतजार करते हैं ताकि गर्भधारण हो सके, लेकिन महिला के शरीर के अंदर काफी विषम परिस्थितियां होती है. जिसमें नर क्रोमोसोम काफी बड़ी संख्या में समाप्त हो जाते हैं, और मादा क्रोमोसोम अपनी मजबूत जीवन शक्ति की वजह से जीवित रहते हैं. तो ऐसी अवस्था में पुत्री प्राप्ति की संभावना ज्यादा रहती है. क्योंकि सिर्फ मादा क्रोमोसोम ही गर्भाधान के लिए उपस्थित रहते हैं. अगर ओवुलेशन पीरियड में कोशिश की जाए तो अपनी तेज गति के कारण नर क्रोमोसोम संतान प्राप्ति में अपना सहयोग मादा करो क्रोमोसोम की तुलना में पहले करेंगे और लड़के प्राप्ति की संभावना प्रबल होगी.

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