अधिक मोबाइल देखने से बच्चों को होने वाली समस्याएं – Problems caused by children watching mobiles

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नमस्कार दोस्तों आज के इस Article के माध्यम से हम चर्चा करने वाले हैं, माता-पिता की एक समस्या को लेकर. हमारे पास काफी दिनों से कुछ सवाल आ रहे हैं, जैसे कि एक सवाल है, मेरा बच्चा मोबाइल पर अपना समय बहुत ज्यादा व्यतीत करता है.

इस वजह से उसे किस प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. वैसे तो यह सवाल भी काफी ज्यादा आता है कि बच्चों को मोबाइल की लत से कैसे बाहर निकाले, लेकिन आज हम उसके नुकसान पर चर्चा करने वाले हैं.

दोस्तों आजकल मोबाइल पर ऐसे-ऐसे ऐप्स आ गई है जो सिर्फ और सिर्फ बच्चों की आवश्यकताओं और बच्चों के मनोरंजन हेतु ही कार्य करते हैं. ऐसे में अपनी पसंद के खेल और प्रोग्राम बच्चे एप्स के माध्यम से देखना ज्यादा पसंद करने लगे हैं.

इन एप्स के द्वारा बच्चों को एक कस्टमर और बिजनेस के तौर पर देखा जा रहा है. और विभिन्न माध्यम से ज्यादा से ज्यादा इनकम प्राप्त करने के लिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है.

अधिक मोबाइल देखने से बच्चों को होने वाली समस्याएं – Problems caused by children watching mobiles

जब भी ऐसे लोगों पर सवाल उठता है तो यह अपनी एप्स के कुछ अच्छे फीचर बताकर उसके द्वारा होने वाले बहुत सारे नुकसानओं पर पर्दा डालने की कोशिश करते हैं.

हालांकि बहुत सारी एप्स किस प्रकार की है जो वास्तव में बच्चों के विकास के लिए, बच्चों की मस्तिष्क की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए, बच्चों की रुचि अनुसार उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए भी कार्य करती हैं. लेकिन इनकी संख्या थोड़ा काम है.

आपत्तिजनक सामग्री तक पहुंच 

बच्चों के हाथ में इंटरनेट की चाबी आ जाने से बच्चा अपने मोबाइल के माध्यम से कुछ भी एक्सेस कर सकता है. यहां तक कि वह अपनी उम्र से पहले ही आपत्तिजनक सामग्री तक पहुंच सकता है.

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कुछ चीजें उम्र के साथ ही समझ में आनी चाहिए. यह बच्चे के चौमुखी विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है. ऐसे में आपत्तिजनक सामग्री अगर बच्चे को बहुत कम उम्र में ही मिल जाती है, तो उसका फोकस, उसकी क्रिएटिविटी गलत दिशा में भी जा सकती है.

मोबाइल की लत मानसिक विकार

साथ ही साथ अधिक मोबाइल के प्रयोग से बच्चे की शारीरिक और मानसिक चिंताओं पर भी प्रभाव पड़ता है. विश्व हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन जिसे हम डब्ल्यूएचओ के नाम से भी जानते हैं, उसने मोबाइल की लत को मानसिक विकार घोषित कर दिया है.

आंखों पर बुरा असर

मोबाइल को बच्चे अपनी आंखों के पास रख कर देखते हैं. इससे निकलने वाली रेडिएशन के द्वारा बच्चे की आंखों पर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ता है. बच्चे की पास और दूर दोनों ही प्रकार की नजर कमजोर होने का खतरा बना रहता है.
बच्चों द्वारा अधिक मोबाइल प्रयोग करने से बच्चे की शारीरिक गतिविधियों पर असर पड़ता है, और बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है. इसके अपने बहुत सारे साइड इफेक्ट है.

क्रिएटिविटी नहीं निखरती

मोबाइल का अधिक प्रयोग करने से बच्चे की क्रिएटिविटी धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है. क्योंकि वह हमेशा थका थका रहेगा. उसे नींद सही तरीके से नहीं आएगी. और उसकी शारीरिक क्षमताओं पर असर पड़ेगा.

स्कूल में, कॉलेजों में बच्चों की दिमाग की क्रिएटिविटी को बढ़ाने के लिए हमेशा उन्हें प्रॉब्लम दी जाती है, जिसे वह अपनी क्रिएटिविटी के माध्यम से हल करते हैं, लेकिन इंटरनेट का प्रयोग करके वह अपना दिमाग लगाए बिना उसे हल कर लेते हैं. इससे दिमाग की क्षमताओं पर असर पड़ता है. बच्चा कम बुद्धि वाला रह जाता है.

बच्चे की क्षमताओं का पता नहीं चलता

मोबाइल का अधिक प्रयोग करने वाले बच्चों को अपनी क्षमताओं का पता ही नहीं होता है आगे चलकर जीवन में उन्हें अपेक्षाकृत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

व्यक्ति सोशल नहीं रहता

मोबाइल का अधिक प्रयोग करने वाला व्यक्ति सोशल नहीं होता है, और उसे नैतिक ज्ञान भी काफी कम रह जाता है.

जब जीवन में वह अपनी रोजी रोटी के लिए बाहर निकलेगा, तब उसे यह सोशल नहीं होना और नैतिकता की कमी के कारण उसकी क्षमताओं पर भी प्रभाव पड़ेगा.

उसे बाहर ही माहौल में अपने आपको एडजस्ट करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

बच्चा सपनों की दुनिया में जीता है

मोबाइल का अधिक प्रयोग करने वाले लोग अधिकतर सपनों की दुनिया में जीते हैं, और जीवन आसान नहीं है. जब कठिनाइयों का सामना होता है, तो वह लोग जल्दी टूट जाते हैं.

अगर आप मोबाइल के द्वारा बच्चे की सेहत के क्या नुकसान होते हैं तो उसकी भी लंबी लिस्ट है.

मोबाइल से बच्चों की सेहत को नुकसान

कुछ पर हमने ऊपर बात की है जैसे की
आंखों की कमजोरी,
मोटापा,
चिड़चिड़ापन,
सहनशक्ति का कम हो जाना अर्थात  छोटी-छोटी बातों पर जल्दी जल्दी गुस्सा आना,
एकाग्रता में कमी,
पेट जनित रोग जैसे की कब्ज, गैस, एसिडिटी क्योंकि बच्चा शारीरिक मेहनत नहीं कर रहा है.
बच्चे के दिमाग का कमजोर हो जाना ,
और भी अलग-अलग बच्चों को अलग-अलग परेशानियां हो सकती है.

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