जब भी कोई बच्चा पैदा होता है तो उस वक्त उसका रंग बिल्कुल साफ होता है. मैंने यह देखा है, कि कुछ ही महीनों में और 1 या 2 साल के अंदर आते आते हैं. उस बच्चे का रंग काफी सांवला हो जाता है. और कुछ बच्चों का रंग सांवला नहीं होता है. साफ रहता है. और भी ज्यादा साफ हो जाता है. ऐसा क्यों.
इससे कुछ बातें निकल कर सामने आती हैं.
माता-पिता के जींस भी, उनसे प्राप्त रंग भी, काफी हद तक बच्चे के रंग को प्रभावित करता है.
लेकिन हम यहां मान रहे हैं, एक ही मां बाप के बच्चे हैं. और दोनों के रंग में अंतर है उस आधार पर बात करेंगे.
देखिए बच्चे का रंग शुरू में साफ होता है, और बाद में थोड़ा सांवला हो जाता है. तब जब वह सूर्य के संपर्क में आता है. अर्थात सूर्य की जो अल्ट्रावायलेट किरणें होती हैं. वह त्वचा पर पड़ती है. और उनसे सुरक्षा के लिए त्वचा मेलेनिन नाम का तत्व त्वचा में पैदा करती है. जो अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा की सुरक्षा करता है.
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अब यहां पर एक बात यह है, कि यह अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा को कितना नुकसान पहुंचाती है. या आपकी त्वचा या आपके बच्चे की त्वचा अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रति कितनी संवेदनशील है.
यहां कहने का मतलब यह है, कि बच्चे की त्वचा जितनी ज्यादा स्वस्थ होगी जितनी ज्यादा अल्ट्रावायलेट किरणों को उसके अंदर सहने की क्षमता होगी उन्हें रोकने की क्षमता होगी. उतना ही कम मेलेनिन त्वचा में बनेगा और त्वचा साफ और गोरी नजर आएगी.
बच्चे को मां बाप से जो रंग मिलता है. उससे थोड़ा सा काला या गोरा बच्चा हो सकता है. यहां उतनी ही बात हो रही है.
ऐसा नहीं है कि मां-बाप एकदम काले हैं तो बच्चा एकदम सफेद रंग का हो जाएगा. ऐसा नहीं होगा, लेकिन कुछ हद तक फर्क आ सकता है.
इसके दो उपाय हैं, या तो बच्चा कभी धूप में ही ना निकले जो कि संभव नहीं है.
बच्चे का खानपान इतना अच्छा रहे बच्चे को घरेलू उपायों द्वारा जो हम बता रहे हैं उसके द्वारा तक त्वचा को थोड़ा मजबूती प्रदान की जाए तो फर्क आएगा.
नवजात शिशु का रंग साफ करने के 5 उपाय
1. बेसन
बेसन एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है. बेसन के द्वारा मृत त्वचा को आसानी से निकाला जा सकता है. जिससे त्वचा चमकदार बनती है. बेसन के इस गुण के कारण यह त्वचा को साफ करने में मदद करता है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बच्चा गोरा हो जाता है. त्वचा में चमक आती है.
2. हल्के गर्म तेल से
मालिश जब बच्चा थोड़ा सा बड़ा हो जाता है. 2 या 3 महीने के बाद बच्चे के हल्के गर्म तेल से मालिश करनी चाहिए.
मालिश कब से करें इसके लिए आप अपने डॉक्टर से भी पूछ सकते हैं. बच्चे को नहलाने से पहले हल्के हाथों से गुनगुने तेल की मालिश करना काफी फायदेमंद रहता है. यह बच्चे की त्वचा को साफ करता है. त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है, और स्वस्थ त्वचा कुछ हद तक अपने आप को गोरा करने की क्षमता रखती है.
3. बच्चे को नहलाने का पानी
अगर आप चाहते हैं कि बच्चे का रंग साफ रहे तो उसके लिए आपको नहाने का पानी स्पेशल तरीके से तैयार करना चाहिए.
सबसे पहले पानी को उबालकर ठंडा कर ले. उसके बाद पानी बच्चे को नहलाने के लिए इस्तेमाल करें. विशेषज्ञों के मुताबिक पानी को उबालने से पानी के अंदर मौजूद हाइड्रोजन तत्व सक्रिय हो उठता है, जो बच्चे के रंग को साफ करने में काफी मदद करता है.
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4. बेबी स्क्रब
शिशु की त्वचा में मौजूद मृत कोशिकाओं को दूर करने के लिए त्वचा को साफ करने के लिए ब्राउन शुगर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
महिलाएं मुहांसों से छुटकारा पाने के लिए उनके छिद्रों को बंद करने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं. बच्चे के लिए करना क्या है ब्राउन शुगर के साथ थोड़ा शहद, सादा पानी या जैतून का तेल मिलाकर एक स्क्रब तैयार कर ले.
यह सफाई के लिए काफी सही रहता है. अगर आप गर्मियों में इसका इस्तेमाल कर रही हैं तो पानी का इस्तेमाल कर ले जाड़ों में इस्तेमाल कर रही हैं तो जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
5. बच्चे की सफाई
बच्चे की सफाई बच्चे की सफाई में इस्तेमाल किया जाने वाला कपड़ा स्पेशल होना चाहिए बहुत ज्यादा मुलायम होना चाहिए क्योंकि बच्चे की त्वचा भी अपने आप में काफी मुलायम होती है इसके लिए आप पॉलिस्टर कॉटन या फाइबर से बने मुलायम कपड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं, और ध्यान रहे बच्चे की सफाई भी हल्के हाथों से करनी चाहिए त्वचा पर किसी भी प्रकार का घर्षण नहीं होना चाहिए.