क्या गर्भावस्था के दौरान कब्ज होना आम समस्या होती है
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज कब होता है
कब्ज होने के कौन कौन से कारण नजर आते हैं
कब्ज होने के कौन-कौन से लक्षण होते हैं
कब्ज होने के साइड इफेक्ट
दोस्तों जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसके शरीर में काफी सारे परिवर्तन आते हैं काफी सारे हार्मोननल चेंजेज भी होते हैं. जिसके कारण उस शरीर का सिस्टम थोड़ा सा बदल जाता है. इन सब होने वाले परिवर्तनों से कभी-कभी काफी जगह दिक्कत महसूस होने लगती है. हम अपने भोजन में और अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा परिवर्तन करके इन से बच सकते हैं.
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क्या कब्ज एक आम समस्या है – Kabj Hona kya Normal hai
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या एक नॉर्मल समस्या है. लगभग लगभग हर एक महिला को इससे गुजरना पड़ता है. लेकिन लगभग 33% महिलाओं को इस कब्ज की समस्या से काफी दिक्कत होती है.
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज कब होता है – Pregnancy me Kabj Kab Hota hai
जैसे-जैसे महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है वैसे वैसे महिला के शरीर में कब्ज की समस्या थोड़ा ज्यादा होने लगती है. यह क्यों होती है इस पर भी आगे चर्चा करेंगे.
साथ ही साथ दूसरे और तीसरे महीने में भी जब गर्भ का आकार बढ़ता जाता है कब्ज की समस्या भी बढ़ने लगती है.
गर्भावस्था में कब्ज होने के कारण – Pregnancy me Kabz Ke Karan
प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सारे हारमोंस महिला के शरीर में बनने लगते हैं जिनकी आवश्यकता प्रेगनेंसी के दौरान काफी ज्यादा होती है. जैसे-जैसे प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन महिला के शरीर में अधिक होता जाता है, वैसे वैसे यह समस्या भी बढ़ती जाती है.
असल में इस हार्मोन का काम गर्भाशय की दीवानों को मुलायम करना भी होता है. लेकिन यह हार्मोन ब्लड में मिलकर शरीर के हर एक हिस्से में पहुंच जाता है, जिसके कारण यह शरीर की सभी मांसपेशियों को शिथिल कर देता है. और पेट की मांसपेशियों को भी शिथिल कर देता है और शिथिल मांसपेशियों से पाचन क्रिया सुस्त पड़ जाती है.
कभी-कभी महिला प्रेगनेंसी के दौरान पानी कम पीना शुरु कर देती है जिसके कारण कब्ज की समस्या देखने में आती है.
गर्भावस्था होने पर अचानक से महिला की जो लाइफस्टाइल है वह बदल जाता है. महिला का वजन और भोजन बढ़ जाता है और शारीरिक मेहनत कम हो जाती है. इसके कारण भी कब्ज की समस्या अधिक देखने में आती है.
महिला जिससे एनीमिया का शिकार ना हो जाए उसके शरीर में प्रेगनेंसी के दौरान रक्त की कमी ना हो, इसलिए इस स्थिति से बचने के लिए अनुपूरक अर्थात सप्लीमेंट दिए जाते हैं. एनीमिया से बचने के लिए जो सप्लीमेंट दिए जाते हैं उनका साइड इफेक्ट कब्ज होता है. इस कारण भी कब्ज हो जाता है.
आयरन और कुछ दर्द निवारक दवाइयां जो प्रेगनेंसी में आवश्यकता पड़ जाती है वह भी कब्ज को बढ़ाती है.
कब्ज होने के कौन-कौन से लक्षण होते हैं – pregnancy me Kabj Ke Lakshan
अगर आपको कब्जे तो कुछ साधारण से लक्षण आपको नजर आएंगे जब महिला को कब्ज की शिकायत हो जाती है तो मल बहुत कम आता है.
मल का कठोर होना भी कब्ज का लक्षण माना जाता है.
पेट फूलना, गैस बनना यह भी कब्ज का एक लक्षण माना जाता है.
महिला को भूख काफी कम लगने लगती है पेट भरा भरा लगता है यह भी कब्ज का एक लक्षण है.
कठोर मल के कारण मलाशय में जख्म हो जाना और खून आना भी कब्ज का लक्षण माना जाता है.
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कब्ज होने के साइड इफेक्ट – Pregnancy me kabj ke Side effct
प्रेगनेंसी के दौरान अगर कब्ज की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाए तो बवासीर अर्थात पाइल्स की समस्या नजर आती है.
कब्ज के कारण महिला की भूख काफी कम हो जाती है अगर यह स्थिति काफी समय तक रहती है तो बच्चे को पूर्ण रूप से आवश्यक पोषण नहीं मिलता है, जिसके दूरगामी नेगेटिव प्रभाव नजर आ सकते हैं.
कब्ज की समस्या होने से बहुत ज्यादा बेचैनी होने लगती है महिला का मन ठीक नहीं रहता है पेट में भारीपन की समस्या नजर आ सकती है.
कब्ज की समस्या ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा सकती है.