प्रेगनेंसी के दौरान बैठने, खड़े होने और चलने के टिप्स – Tips for sitting and standing in pregnancy

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प्रेगनेंसी एक बड़ा ही  क्रिटिकल और सेंसिटिव पीरियड माना जाता है.  इसमें बहुत सी बातों का ध्यान रखना होता है. इसी के साथ-साथ प्रेगनेंसी के दौरान बैठने और खड़े रहने में भी काफी सावधानी रखने की आवश्यकता होती है.प्रेग्नेंसी के समय आपको ऐसी कुर्सी का चुनाव करना है जिस कुर्सी पर बैठने पर आपको आराम महसूस होता है जिसमें आपकी पीठ सीधी रहे वह कुर्सी अति उत्तम रहती है.

प्रेगनेंसी के दौरान बैठने, खड़े होने और चलने के टिप्स – Tips for sitting and standing in pregnancy

प्रेगनेंसी में बैठना

दूसरी बात आपको इस बात को सुनिश्चित करना है कि जिस कुर्सी का इस्तेमाल आप कर रही हैं वह कुर्सी मजबूत हो और आपके वजन को हर स्थिति में संभाल सकें.
कुर्सी के बारे में एक और खास बात कुर्सी की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए जिससे कि आप के तलवे अर्थात पैर जमीन पर टिके रहे और कुर्सी इस प्रकार की होनी चाहिए कि आप उस पर आराम से बैठ पाए इतनी जगह उस पर होनी चाहिए.

साथ ही साथ आपको कुर्सी पर बैठते समय इस बात का भी ध्यान रखना है कि आप पैरों को क्रॉस करके ना बैठे इससे रक्त संचार में समस्या आ सकती है और कुर्सी पर लगातार भी ना बैठे कुछ समय के लिए बीच में उठते रहे थोड़ा चलकर देखते रहे अर्थात एक ही स्थिति में लगातार ज्यादा समय ना रहे.

महिलाओं को झटके के साथ उठकर नहीं चलना है धीरे से सहारा लेकर खड़ा होना है उसके बाद ही चलना है.

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गर्भावस्था के दौरान खड़े रहने के लिए टिप्स

गर्भावस्था के दौरान खड़े रहने के लिए टिप्स

आपको प्रेगनेंसी के दौरान एक ही मुद्रा में नहीं रहना है अगर आप खड़े हैं तो कुछ समय के लिए बैठे जरूर अगर आप ऐसी स्थिति में है कि आप नहीं बैठ सकते हैं तो आप अपनी मुद्रा को बदलते रहे.
अगर आप खड़े हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको अपना सिर बार-बार नहीं झुकाना है. इससे कमर पर प्रेशर रहता है और पेट पर भी प्रेशर आता है.

वैसे तो आपको लंबे समय तक नहीं खड़ा रहना अगर किसी कारणवश खड़ा रहना पड़े तो अपने पैरों को फैलाकर ही खड़े रहे हो.

अगर किसी कारणवश खड़े रहते समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपके दोनों पैर एक ही दिशा में होने चाहिए और दोनों पैरों पर समान रूप से वजन होना चाहिए, अर्थात वजन संतुलित होना चाहिए.

महिलाओं को चलते वक्त इस बात का ध्यान रखना है कि उन्हें किसी भी प्रकार का झटका नहीं आना चाहिए.
महिलाओं को प्रेग्नेंसी के समय ऊंची हील पहनने से बचना है. जितना हो सके फ्लैट जूते या चप्पल पहने और आपके चप्पल का सोल इस तरह का होना चाहिए कि वह हल्के पानी भर बिल्कुल भी ना फिसले.

प्रेगनेंसी के अंतिम तिमाही में महिलाओं को अपने पैर के आसपास का क्षेत्र दिखना बंद हो जाता है. इस वजह से चलते समय काफी ध्यान देकर चलने की आवश्यकता होती है, और इस दौरान महिलाओं को सीढ़ियों पर चढ़ने और उतरने से भी बचना चाहिए क्योंकि सीढ़ियां दिखाई नहीं पड़ती है. गिरने का खतरा लगातार बना रहता है, और झटका आने का भी डर होता है.

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बाकी आपको अपनी आवश्यकता के अनुसार, अपने शरीर के अनुसार, अपने प्रेगनेंसी के नेचर के अनुसार, अपने घर के अनुसार, आपको चलने उठने बैठने और लेटने में  जो भी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है आप उस परिवर्तन को अवश्य लेकर आएं, ताकि आपका शिशु स्वस्थ रहे. साथ ही साथ आपको लगातार अपने डॉक्टर से भी बात करते रहना चाहिए और उससे प्रश्न करने चाहिए जिससे कि आपके ज्ञान में लगातार वृद्धि होती रहे और आप अच्छे से प्रेगनेंसी को आगे बढ़ा सकें.

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