गर्भवती महिला के लिए शुरू के 3 महीने काफी चैलेंजिंग होते हैं और तीसरे महीने में काफी कुछ महिला के शरीर में परिवर्तन आने लगते हैं.
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने लक्षण
महिला के शरीर में किस प्रकार के लक्षण तीसरे महीने में आते हैं उन्हें क्या क्या परेशानी होती है.
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में महिलाओं को बहुत सारे लक्षण देखने में नजर आ सकते हैं. जिनको लेकर महिला चिंतित भी हो सकती है, और ऐसा लग सकता है कि उन्हें कहीं दूसरे तरह की परेशानी तो नहीं हम आपको कुछ लक्षण बता रहे हैं जो प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में आते हैं.
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में महिला को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या बहुत ज्यादा हो सकती है. अर्थात अपने चरम पर पहुंच सकती है. इसमें जी मिचलाना उल्टी जैसी समस्या आपको काफी ज्यादा परेशान कर सकती हैं. आपको कई बार जो भी खाएंगे बार बार उल्टी सा महसूस होगा और आप कुछ खा नहीं पाएंगे. आपको बहुत अजीब सा लगेगा ऐसा कई महिलाओं के साथ होता है.
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने महिला के शरीर में बदलाव और बच्चे का विकास
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने गर्भावस्था का ध्यान कैसे रखें
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने प्रेगनेंसी चेक अप
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के चौथे महीने गर्भ में शिशु का विकास
बार बार पेशाब आने की समस्या तो महिला को पहले महीने से ही लगी रहती है. लेकिन इस तीसरे महीने में यह समस्या कुछ ज्यादा बढ़ सकती है.
आपके शरीर में जितना ज्यादा प्रोजेस्टेरोन हारमोंस की वृद्धि होगी वैसे ही वैसे महिला की पाचन क्रिया और धीमी होती जाएगी. कब्ज की शिकायत काफी ज्यादा लेनी पड़ेगी. इस समय भोजन के प्रति काफी सावधान रहने की आवश्यकता है.
तीसरे महीने में आपके शरीर पर पोषक तत्व की आपूर्ति के लिए काफी ज्यादा दबाव रहता है. रक्त की आवश्यकता होती है. इससे रक्तचाप और शर्करा के स्तर में परिवर्तन हो सकता है. जिसके कारण आप थकान महसूस सकती हैं.
अब प्रेगनेंसी का तीसरा महीना चल रहा है, तो महिला के पैरों में ऐंठन और दर्द की समस्या हो सकती है. यह पोटेशियम और आयरन की आपूर्ति सही तरीके से ना हो पाना, इस वजह से होता है.
हार्मोन लेवल में जो परिवर्तन होता है. उसकी वजह से गर्भवती स्त्री को पीठ में दर्द की समस्या नजर आ सकती है. गर्भाशय में खिंचाव होने के कारण पेट के निचले हिस्से में भी दर्द की समस्या हो सकती है.
एस्ट्रोजन के उच्चतर स्तर प्राप्त करने की वजह से योनि स्राव में थोड़ी वृद्धि हो सकती है.
इन्हें भी पढ़ें : तीसरे महीने गर्भ में शिशु का विकास
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के तीसरे महीने सावधानियां
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के चौथे महीने लक्षण और क्या खाएं, क्या नहीं खाएं
इन्हें भी पढ़ें : पांचवे महीने में महिला को कैसा भोजन खाना चाहिए
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के दौरान आवश्यक योगा
हारमोंस उच्चतम स्तर तक पहुंचने लगते हैं और पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है जिसकी वजह से पेट में एसिड की अधिक मात्रा हो जाती है जो ग्रास नली में पहुंचकर जलन की समस्या पैदा कर सकती है साथ ही साथ इधर गर्भाशय भी पेट पर दबाव डालना शुरू कर देता है जिसकी वजह से यह समस्या होती है.
महिला के हार्मोन अल स्तर में परिवर्तन होने की वजह से महिला के मसूड़ों में सूजन की समस्या देखने में आ सकती है और उससे खून भी आ सकता है यह एक प्रेगनेंसी समस्या है, इसके लिए ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है बस अपने दांतो का ख्याल रखें.
हम पहले 2 महीनों से जानते हैं कि महिला का मूड जो है वह काफी चिड़चिड़ा और रहता ही है जैसे जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है यह समस्या और ज्यादा बढ़ती जाती है. कुछ महिलाओं को बार बार भोजन खाने की इच्छा भी इस महीने काफी ज्यादा होने लगती है.