प्रेगनेंसी में कौन से 14 ड्राई फ्रूट खाने चाहिए | Which dry feet are best for pregnancy
हम चर्चा करने जा रहे हैं कि कौन कौन से ड्राई फूड्स प्रेगनेंसी के दौरान खाना फायदेमंद होता है अर्थात कौन से बेस्ट ड्राई फ्रूट्स हैं जोकि प्रेगनेंसी के दृष्टिकोण से बेस्ट होते हैं
और किन किन सावधानियों को हमें ड्राई फूड खरीदते समय ध्यान में रखना चाहिए
दोस्तों प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सारे ड्राई फ्रूट खाए जा सकते हैं लगभग सभी ड्राई फ्रूट्स खाए जा सकते हैं बस कम मात्रा में ही खाना चाहिए एक बहुत लंबी लिस्ट है ड्राई फ्रूट्स की जिनके बारे में हम यहां पर चर्चा करने जा रहे हैं अपनी आवश्यकतानुसार आप किसी भी ड्राई फूड्स को अपने डॉक्टर से पूछ कर अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं ताकि आपको आपके स्वास्थ्य के अनुसार उसका लाभ मिल सके.
इन्हें भी पढ़ें : गर्भावस्था में पपीता खाए कि नहीं
इन्हें भी पढ़ें : गर्भावस्था में अनार खाने के क्या फायदे है
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में नारियल पानी का फायदा
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के समय केला खाने के फायदे
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में तरबूज खाने के फायदे
सूखे अंजीर
प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन ए की आवश्यकता गर्भवती स्त्री को होती है और मां के पेट में पल रहे भ्रूण दोनों के विकास के लिए आवश्यक माना जाता है. सूखे अंजीर विटामिन अच्छी मात्रा में पाया जाता है. यह विटामिन ए की पूर्ति के लिए एक विकल्प हो सकता है.
सूखे नाशपाती
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी महिला को अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है. सूखी नाशपाती के अंदर ऊर्जा का भंडार होता है. किसी भी गर्भवती स्त्री को अपने बच्चे सहित एक्स्ट्रा 300 कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है सूखे नाशपाती इस स्थिति में कैलोरी इस कमी को पूरा करने में सहायता कर सकती है.
सूखे केले
प्रेगनेंसी में महिला केले का सेवन तो कर सकती है. लेकिन अगर महिला सूखे केले का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान करती है, और महिला गर्भावस्था के समय होने वाली डायबिटीज से पीड़ित है, तो सूखे केले लिए में मौजूद कार्बोहाइड्रेट उसे ठीक करने में काफी मदद कर सकता है.
सूखी खुबानी
सूखी खुबानी का प्रयोग गर्भावस्था के दौरान एक ड्राई फूड के तौर पर किया जा सकता है. सूखी खुबानी पोषण से भरपूर होती है. ऊर्जा भी इसके अंदर अत्यधिक मात्रा में होती है. यह गर्भवती स्त्री के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
किशमिश
अगर किसी गर्भवती स्त्री को शंका हो कि उसे प्रीटर्म डिलीवरी हो सकती है. ऐसी स्थिति में अपनी प्रेगनेंसी के दौरान किशमिश का सेवन करना चाहिए. रिसर्च के अनुसार यह सामने आया है कि प्रीटर्म डिलीवरी की समस्या को किशमिश के सेवन से कम किया जा सकता है. प्रीटर्म डिलीवरी मतलब बच्चा अपने अनुमानित समय से पहले जन्म ले लेता है लगभग 1 माह पहले.
खजूर
अगर आपको गर्भधारण करने में देरी हो रही है, तो निश्चिंत हो जाइए, क्योंकि विशेषज्ञों के द्वारा किये गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि लेट प्रेगनेंसी में खजूर का समय डिलीवरी के समय को कम कर सकता है.
काजू
अगर गर्भावस्था के समय महिला का वजन थोड़ा सा कम चल रहा है तो काजू इसे बढ़ाने में काफी मदद करता है साथ ही साथ काजू के अंदर आयरन भरपूर मात्रा में होता है जो शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए और महिला को एनीमिया से बचाने के लिए काफी फायदेमंद होता है.
पिस्ता
पिस्ता यह एक ड्राई फ्रूट है इसके अंदर ओमेगा फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होता है, जो शिशु के विकास में और उसकी सुरक्षा में काफी मदद करता है. लेकिन इसके अंदर दूसरे तत्व भी होते हैं जो प्रेगनेंसी में नुकसानदायक हो सकते हैं, तो ऐसे में अपने डॉक्टर से पूछ कर ही पिस्ता का सेवन करें.
अखरोट
अखरोट का आकार स्वयं मस्तिष्क के आकार का होता है, और इसके अंदर फैटी एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है. जिसे हम ओमेगा 3 फैटी एसिड कहते हैं. यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है, और साथ ही साथ बच्चे की आंखों के विकास में भी मदद करता है. अखरोट के अंदर ओमेगा 3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में होता है.
बादाम
यह एक काफी प्रचलित ड्राई फ्रूट है जिसे काफी पौष्टिक माना जाता है इसके अंदर विटामिन डी और कैल्शियम उचित मात्रा में होता है यह दोनों पोषक तत्व महिला के स्वास्थ्य के लिए और बच्चे के विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक होते हैं.
हेज़लनट
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भस्थ शिशु के न्यूरल ट्यूब दोष के खतरे को कम करता है. क्योंकि इसके अंदर फोलिक एसिड अर्थात फॉर लेट उचित मात्रा में पाया जाता है.
चिलगोजा
यह एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसके अंदर जिनको उचित मात्रा में पाया जाता है. जिंक का सेवन करने से प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर किया जा सकता है. आंखों की रोशनी में भी सुधार लाया जा सकता है. यह महिला और शिशु दोनों के लिए काफी फायदेमंद होता है. प्रेगनेंसी अवस्था में प्रतिदिन 28 से 30 ग्राम चिलगोजा रोज खाया जा सकता है.
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के दौरान केसर खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में निम्बू पानी फायदे का सौदा या घाटे का
इन्हें भी पढ़ें : क्या प्रेगनेंसी में मट्ठा (छाछ) पीना चाहिए
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में पुदीने की चाय पीए कि नहीं पीए
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में दी जाने वाली बेस्ट ड्रिंक
मूंगफली
यह भी प्रेगनेंसी के दौरान काफी फायदेमंद साबित होती है इसमें फोलेट की मात्रा पाई जाती है जो न्यूरल ट्यूब दोष के खतरे को कम कर सकती है. अगर इसे खाने से किसी भी प्रकार की एलर्जी होती है तो ना खाएं. न्यूरल ट्यूब दो शिशु के मस्तिष्क और रीड की हड्डी से जुड़ी हुई बीमारी या दोष है.
सूखे सेब : सूखे सेब में फाइबर की मात्रा पाई जाती है. यह गर्भावस्था में फायदेमंद हो सकते हैं. सूखे सेब में मौजूद फाइबर की मात्रा गर्भावस्था में कब्ज की समस्या को खत्म करने के काम आ सकती है.
सूखे खजूर
इसे छुआरा भी कहा जाता है. यह भी एक आवश्यक खाद्य पदार्थ है, जिसे सर्दियों में खाना पसंद किया जाता है. इसके अंदर फोलेट अच्छी मात्रा में होता है. जो रीड की हड्डी के विकास के लिए काफी जरूरी है. कई दूसरे प्रकार के जन्म दोषों को भी कम करने में यह मदद करता है.
दोस्तों किसी भी प्रकार के ड्राई फ्रूट्स को खाने से पहले आपको अपने डॉक्टर से एक बार सलाह अवश्य लेनी चाहिए. वह जिस भी प्रकार के ड्राई फ्रूट्स को खाने की सलाह दे, आप उसे ही निश्चित मात्रा में खाएं.
ड्राई फ्रूट्स को खाने में सावधानियां
ब्रास उसको लेते समय ड्राई फ्रूट्स को अपने भोजन में शामिल करते समय कुछ छोटी-छोटी बातों का आपको ध्यान जरूर रखना चाहिए.
अगर आप बाजार से ड्राई फ्रूट ले रहे हैं वे पैकिंग के अंदर है तो उसकी तारीख जरूर देखें कि उसका सेवन हम किस महीने तक कर सकते हैं.
ड्राई फूड्स को हमेशा साफ़ और सूखे हुए बक्से में या कांच के डब्बे में ही बंद करके रखें और ध्यान रहे उसके अंदर हवा या नमी मौजूद नहीं होनी चाहिए वरना फंगस लगने का डर रहता है.
खासकर प्रेगनेंसी के लिए आप खुले हुए ड्राई फ्रूट्स ना खरीदें. पैक्ट ड्राई फूट्स को ही खरीदें.
ड्राई फ्रूट्स लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह खुले हुए न बिक रहे हों, क्योंकि इसमें नमी भी हो सकती है.
Post a Comment