दोस्तों आज हम चर्चा करने वाले हैं कि किसी भी गर्भवती स्त्री को क्या करना चाहिए क्या खाना चाहिए जिससे कि उसके गर्भस्थ शिशु का दिमाग अच्छे से विकसित हो और वह तेज दिमाग भी हो. हमें उम्मीद है कि आपको यह सजेशंस जरूर पसंद आएंगे और आप इनका फायदा उठा पाएंगे आइए चर्चा करते हैं.
किसी भी बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए उसका गर्भस्थ स्थिति में स्वस्थ रहना अत्यधिक आवश्यक रहता है अगर बच्चा गर्भ अवस्था में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करता है सभी प्रकार का पोषण उसे सही प्रकार से मिलता है तो उसका दिमाग स्वयं ही काफी तेज होता है.
अगर महिला गर्भावस्था के दौरान कुछ विशेष बातों पर ध्यान दें और कुछ विशेष प्रकार के भोजन को अपने खाने में शामिल करें तो बच्चे का दिमाग बहुत अच्छे से विकसित होता है आइए चर्चा करते हैं वह कौन-कौन सी बातें हैं.
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गर्भावस्था के दौरान अगर बच्चे के दिमाग को दुरुस्त रखना है तो उसके लिए कोई रॉकेट साइंस नहीं है या कोई इंजेक्शन नहीं है कि जो लगा दिया और वह कार्य हो जाएगा इसके लिए महिलाओं को बहुत छोटी छोटी बातों का विशेष ध्यान रखना होता है और यह सब महिला की आदतें और भोजन जब साथ मिलकर कार्य करते हैं तो बच्चे का दिमाग बहुत तेज होता है.
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इन सब बातों का ध्यान गर्भस्थ माता को अपनी दूसरी तिमाही से रखना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इस समय तक बच्चे का विकास लगभग लगभग पूरा हो चुका होता है वह अपने आप को मजबूत कर रहा होता है और वह सीख रहा होता है.
किसी भी बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए उसका गर्भस्थ स्थिति में स्वस्थ रहना अत्यधिक आवश्यक रहता है अगर बच्चा गर्भ अवस्था में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करता है सभी प्रकार का पोषण उसे सही प्रकार से मिलता है तो उसका दिमाग स्वयं ही काफी तेज होता है.
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मां की आवाज - Mata ki Aawaj
मां की आवाज किसी भी गर्भ शिशु पर सबसे ज्यादा असर उसकी माता का होता है इसलिए माता को बहुत ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता होती है माता क्या खाती है क्या देखती है क्या सुनती है क्या महसूस करती है उसका सीधा असर उसके बच्चे पर होता है वह भी वह सब चीजें देखता सुनता और करता है इस दौरान माता को अच्छी बातें करनी चाहिए अच्छा सोचना चाहिए सुकून भरे गाने, हल्का म्यूजिक सुनना चाहिए अपने बच्चे से बातें करनी चाहिए.
तनाव से दूर रहें - Pregnancy me Tension nahi Hone Chaheye
यह एक बहुत ही विशेष कारण है जिसकी वजह से बच्चे की मानसिक स्थिति पर काफी प्रभाव पड़ता है. गर्भावस्था के दौरान माता को हमेशा तनाव से दूर रहना चाहिए. माता को हमेशा पॉजिटिविटी और सकारात्मकता अपनाकर रखनी चाहिए. यह पॉजिटिविटी और सकारात्मकता बच्चे के मानसिक स्तर को ऊंचा बनाने में काफी मददगार रहती है.माता क्या करती है - Pregnancy me Mother ki Activity
यह बात सुनने में इतनी असरदार नहीं लगती है लेकिन यह बात वास्तव में बच्चे के मानसिक विकास को प्रभावित करती है. महा कहां बैठती है. किस वातावरण में काम कर रही है. यह बेहद अहम कारक होते हैं. माता को ध्यान रखना चाहिए कि उसके गर्भ पर कभी भी सीधी रोशनी नहीं पढ़नी चाहिए. यह बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है. मां के सोने का पोश्चर ,उठने, बैठने और चलने का तरीका यह भी काफी मायने रखते हैं इन सब का भी असर बच्चे के दिमाग पर पड़ता है.इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में नींद पर्याप्त सोना क्यों जरूरी है
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माता का लाइफस्टाइल - Pregnancy me Mata ka Lifestyle
माता का लाइफस्टाइल किसी भी गर्भ शिशु पर उसकी माता के लाइफस्टाइल का बड़ा प्रभाव पड़ता है. महिलाओं को इस दौरान भागदौड़ भरी जिंदगी से बचना चाहिए. थकान से बचना चाहिए. उसे धूम्रपान, नशा और चाय कॉफी से जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए, और महिला को मीठा भी ना के बराबर ही खाना चाहिए.इन सब बातों का ध्यान गर्भस्थ माता को अपनी दूसरी तिमाही से रखना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इस समय तक बच्चे का विकास लगभग लगभग पूरा हो चुका होता है वह अपने आप को मजबूत कर रहा होता है और वह सीख रहा होता है.
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